इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य

वे All कथन जिनके जांचाधीन तथ्य के विषयों के संबंध में न्यायालय अपने सामने साक्षियों द्वारा किए जाने की अनुज्ञा देता है या अपेक्षा करता है, ऐसे All कथन मौखिक साक्ष्य कहलाते हैं । Indian Customer साक्ष्य अधिनियम 1972 के समय इलेक्ट्रानिक तथा कम्प्यूटर तकनीक का विकास न होने के कारण इन पर आधारित साक्ष्यों का समावेश अधिनियम में नहीं Reseller गया है । अत: वर्तमान में इस अधिनियम में संशोधन की Need महसूस की जा रही है ।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के द्वारा Indian Customer साक्ष्य अधिनियम में कुछ संशोधन किए गए हैं परन्तु वे इलेक्ट्रानिक तथा कम्प्यूटर साक्ष्य की प्रतिपूर्ति करने मेंं सक्षम नहीं हैं । संशोधन के पश्चात इलेक्ट्रानिक अभिलेखों को साक्ष्य के Reseller में सम्मिलित Reseller गया है ।

साक्ष्य किसी भी अपराधिक मामले का आधार होते हैं सूचना / प्रौघोगिकी निरन्तर विकासरत है और हर नया विकास हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । इलेक्ट्रानिक युक्तियों द्वारा प्राप्त साक्ष्य जांच आदि गतिविधियों के महत्वपूर्ण भाग बन चुके हैं । जांचों के लिए इलेक्ट्रानिक साक्ष्य अपनी प्रकृ्रति के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण व अनूकुल होते हैं । क्योंकि यह आसानी से खोजे जा सकते हैं, जबकि पेपरों में मौजूद साक्ष्यों को बहुत ही ध्यान से ओर अत्यधिक छानबीन के बाद प्राप्त Reseller जाता है । इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को पूर्णत: Destroy करना Single तरह से कठिन है, बल्कि असंभव भी हो सकता है , वस्तुत: जब यह नेटवर्क पर उपलब्ध हों , कुछ हद तक इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को Destroy कर देने के बाद भी पुन: प्राप्त Reseller जा सकता है । निम्न तथ्यों को इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के Reseller में शामिल Reseller जा सकता है ।

  1. वीडियो फाइल 
  2. चलचित्र 
  3. डेटाबेस 
  4. फिल्म फाइल 
  5. इंटरनेट गतिविधि लॉग 
  6. आर्इ.पी.एड्रेस 
  7. यूजरनेम 
  8. टेलीफोन रिकार्ड 
  9. क्रेडिट कार्ड रिपोर्ट 
  10. क्रेडिट कार्ड रीडर/राइटर 
  11. डिजिटल कैमरा साफ्टवेयर 
  12. स्केनर साफटवेयर 
  13. इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर 
  14. आन लाइन ट्रेडिंग 
  15. फ्लापी डिस्क, सी.डी. , बैकअप टेप्स. 
  16. मेमोरी कार्ड, यू.एस.बी. 
  17. मानीटर, की बोर्ड And माउस 
  18. हार्ड डिस्क 
  19. र्इ – मेल 
  20. इमेज 
  21. आडियो फाइल

साक्ष्य के नियम

Single अपराधिक मुकदमें की कार्यवाही में बचाव व अभियोजन दोनों पक्षों को अपने मामलों में अपने आपको निर्दोष साबित करने हेतु सबूत/साक्ष्य पेश करना होता है, यह साक्ष्य किसी व्यक्ति की गवाही के द्वारा दिया जा सकता है जिसे अपराध से संबंधित किसी भी प्रकार का व्यक्गित ज्ञान हो । भौतिक सबूत के द्वारा, जैसे कि कोर्इ हथियार या अन्य वस्तु तथा इलैक्ट्रानिक साक्ष्य ।

कम्प्यूटर अपराधों की अवधारणा बहुत जटिल है क्योंकि कम्प्यूटर या इलैक्ट्रानिक Reseller से किए जाने वाले अपराधों में अपराधी को कम्प्यूटर के पास होना आवश्यक नहीं होता है, यह अपराध राज्य के बाहर, या देश के बाहर से भी Reseller जा सकता है ऐसी परिस्थिति में आपराधिक मामलों की विवेचना हेतु न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र की समस्या उत्पन्न हो जाती है । साक्ष्यों की स्वीकार्यता के संबंध में कड़े नियमों का होना आवश्यक है – साक्ष्यों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है ।

  1. साक्ष्य संदर्भित होना चाहिए, केस से वास्तविक Reseller से संबंधित होना चाहिए 
  2. तथ्यों को पूर्णReseller से साबित करना चाहिए । 
  3. साक्ष्य प्रमाणीकृत होना चाहिए । 

इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों का प्रभावी संरक्षण

दुनिया की लगभग 90 प्रतिशत जानकारी कम्प्यूटर द्वारा उत्पन्न डाटा के Reseller में जमा है। डाटा विभिन्न तरीकों से प्राप्त Reseller जा सकता है । जैसे:-

  1. सक्रिय डाटा (इलेक्ट्रानिक संग्रह और स्क्चलित बैकअप से उत्पन्न डाटा) 
  2. रेसीडुयल डाटा (कम्प्यूटर द्वारा डिलीट कर दिया हुआ डाटा) 
  3. मेटाडाटा (इलेक्ट्रानिक डाटा के बारे में जानकारी देने वाले डाटा जिसमें सृजन की तिथिया, परिवर्तन की तिथियां , हटाने की तिथियां, तथा जिसमें डाटा का उपयोग Reseller है और कहां से Reseller है ) 

वर्तमान में मुकद्मेबाजी में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य Single अनिवार्य अंग बन चुका है । अरबो-खरबो र्इ-मेल प्रतिदिन Single से Second को भेजे जा रहे है ओर इतनी ही सूचनाएं प्रतिदिन इलेक्ट्रनिक Reseller में स्टोर हो रही है  परन्तु आज के इस कम्प्यूटरीकृत सूचना युग में कोर्इ भी सूचना या जानकारी बहुत ही आसानी से आपके खिलाफ उपयोग की जा सकती है, किसी भी डाटा को ओवरराइट व चुराया जा सकता है । ऐसी परिस्थिति में इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को बहुत ही प्रभावी तरीके से संरक्षित करने की Need है ।

इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों हेतु दिशा निर्देश

यदि हम यह जान गए है कि किसी मुकद्मेबाजी में इस साक्ष्य का उपयोग सबूत के Reseller में Reseller जाता है तो निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि इलेक्ट्रानिक साक्ष्य को Windows Hosting रखा जा सकें ।

  1. First कम्प्यूटर को नेटवर्क से हटा देना चाहिए, ताकि कोर्इ भी नेटवर्क के माध्यम से उस कम्प्यूटर तक न पहुंच पाए । 
  2. कम्प्यूटर को टर्नआफ नहीं करना चाहिए, इससे उसकी बोलेटार्इल मेमोरी मे उपलब्ध डाटा खो जाता है । 
  3. किसी भी फाइल को ओपन न करें, क्योकि ऐसा करने पर समय व दिनांक परिवर्तित हो जातें हैं । 
  4. कम्प्यूटर पर किसी भी तरह का कोर्इ भी साफ्टवेयर न ही लोड करें न ही इन करें । यह सावधानियां अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को बहुत आसानी से Destroy, मिटाया या बदला जा सकता है ।

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