‘‘मन के विज्ञार्न’’ को मनोविज्ञार्न कहार् जार्तार् हैं। भार्रतीय वार्ड्मय में उसकी प्रकृति पश्चिम के मनोविज्ञार्न के समार्न शैक्षणिक (Educational) नहीं होकर आध्यार्मित्क (Spiritual) हैं।…
शार्ब्दिक रूप में मनोविज्ञार्न दो पदों से मिलकर बनार् है, मन एवं विज्ञार्न । इस दृष्टि से यदि देखें तो वैज्ञार्निक तरीकों से मन क…
अन्तर्निरीक्षण विधि- अन्तर्निरीक्षण विधि को व्यक्ति के मनोविज्ञार्न के अध्ययन की प्रथम विधि के रूप में जार्नार् जार्तार् है। इस विधि के प्रतिपार्दक विलियम वुण्ट…
शैशवार्वस्थार् एवं बचपन में मार्नसिक विकास मार्नसिक विकास को संज्ञार्नार्त्मक विकास के अध्ययन द्वार्रार् भली प्रकार समझार् जार् सकतार् है। तकनीकी रूप में संज्ञार्नार्त्मक विकास…
किशोरार्वस्थार् बचपन एवं वयस्कावस्थार् के बीच की अतिमहत्वपूर्ण अवस्थार् होती है, एवं प्रत्येक व्यक्ति को इस अवस्थार् से गुजरनार् पड़तार् है। संज्ञार्नार्त्मक विकास के पियार्जे…