स्वतंत्रता का Means

व्यक्ति या कोर्इ भी सजीव प्राणी जीवन मेंं जो भी करता है या सोचता है उसमें अपनी इच्छा को ही प्रमुख मानता है। व्यक्ति अपनी इच्छा को किसी के अधीन नहीं रखना चाहता है और अपनी स्वतंत्र क्रियाओं में बाधा उसकी मनोवृत्ति And उपलब्धि को प्रभावित करती है और मनुष्य की स्वतंत्रता उसकी मनोवृत्ति से सम्बंधित है और इसकी Need And स्वReseller दर्शन के भी कौतुहल का विषय रहा है। शिक्षा में स्वतंत्रता Single मनोवृत्ति है। शिक्षा के क्षेत्र में इसकी क्या Need है इसका ज्ञान आवश्यक है।

स्वतंत्रता साधारण Means में किसी भी बन्धन से मुक्ति है। डी0वी0 ने लिखा कि ‘‘स्वतंत्रता किसी भी प्रकार के बन्धन से योग्यता का छुटकारा है।’’ अब्राहम लिंकन के Word बड़े ही मार्मिक है ‘‘दुनिया ने कभी स्वतंत्रता का सही Means नहीं समझाा। अमेरिकन लोगों के लिये तो इसका सही Means समझना अधिक आवश्यक है।’’

स्वतंत्रता का Means

स्वतंत्रता हेतु अंग्रेजी में कर्इ Word प्रयुक्त होते है- लिबर्टी, इन्डिपेन्डन्स And फ्रीडम। लिबर्टी Word का मूल Word लिबरा है, जिसका तात्पर्य ‘तुला’ है। तराजु वस्तु के भार का माप करता है, अत: लिबर्टी इसी Means में अपने आचरण And व्यवहार को मापने वाला कहा जा सकता है। ‘इण्डिपेन्डेन्स’ Word का विलोम ‘डिपेन्डन्स’ होता है, जिसका अभिप्राय है पराश्रित या पराधीनता। Meansात् जो कि अपने कार्य स्वयं न कर पाये और धीर-धीरे जब करने लगे तो यह डिपेन्डेन्स से इन्डिपेन्डेन्स हो गया।

फ्रीडम में मूल Word है फ्री अथात् स्वतंत्र, पर इस स्वतंतत्रता में नियंत्रण है। स्वतंत्रता में मूल Word ‘तन्त्र‘ है। इसमें ‘स्व’ उपसर्ग तथा ‘ता’ प्रत्यय लगा हुआ है, इसका अभिप्राय है कि अपने नियमों व पिरनियमों में आबद्ध मुक्ति। स्वतंत्रता व्यक्ति के व्यकित्व के सम्पूर्ण And प्राकृतिक विकास हेतु अति आवश्यक है। स्वतंत्रता Meansात बिना रोक-टोक अपनी शक्तियों का उचित उपयोग पर वह दूसरों की क्रियाओं में बाधा न डाले। स्वतंत्रता का सही उपयोग के लिये बोधगम्यता And विचारशीलता अति आवश्यक है, Meansात् विचारशीलता स्वतंत्रता की पहली सीढ़ी है।

स्वतंत्रता के दो यंत्र आत्मानुशासन And आत्मनियंत्रण कहे जाते हैं। शिक्षा में स्वतंत्रता की Need क्या है

  1. स्वतंत्रता के द्वारा बालक के व्यक्तित्व का संतुलित And सर्वांगीण विकास होता है। 
  2.  स्वतंत्रता मानसिक विकारों को प्रकट कर मानसिक दृढ़ता And स्वास्थ्य प्राप्त करने मे सहायक है।
  3. स्वतंत्रत वातावरण में सहज स्वाभाविक क्रियाओं को करने में बालक केा आसानी हेाती है।
  4. स्वतत्रंता स्वभाविक परिस्थितियां उत्पन्न करनें में सहायक होता है, जिससे कि बालक का विकास प्राकृतिक वातावरण में हो सके।
  5. यह संवेगों को प्रकट करने व गलत संवेगों को रोकने का वातावरण प्रदान करता है।
  6. स्वतत्रंता बालक केा आत्मनिर्णय लेने And आत्मप्रदर्शन करने का बल प्रदान करता है।
  7. यह कुण्ठित भावनाओं को प्रकट कर चरित्र को स्वच्छ बनाने में सहायक होता है।
  8. इसके कारण बच्चों में पराश्रितता की भावना समाप्त होती है और गलत कार्यो से ही कार्यों के लिये स्वयं निर्णय लेकर प्रवृत्त हेाते है।
  9. यह काफी सीमा तक विद्यालयीय सम्बंध शिक्षक छात्र, शिक्षक, शिक्षक And शिक्षा छात्र And प्रशासन को सकारात्मक मोड़ दे सकता है।
  10. स्वतंत्रता कितनी और कौन सी दी जानी चाहिये यह Single यक्ष प्रश्न है, ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *