संवेगात्मक बुद्धि का Means, परिभाषा And आयाम

संवेगात्मक बुद्धि का Means, परिभाषा And आयाम

संवेगात्मक बुद्धि का Means, परिभाषा And आयामBy Bandey |
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अनुक्रम –

संवेगात्मक बुद्धि दो प्रत्ययों से मिलकर बना है संवेग और बुद्धि। संवेग का Means है उद्वेलन की अवस्था And बुद्धि का Means है विवेकपूर्ण चिन्तन की योग्यता। इस प्रकार संवेगात्मक बुद्धि Single आन्तरिक योग्यता होती है जिसके द्वारा व्यक्ति में संवेगों को महससू करने, समझने And उनका प्रभावपूर्ण नियन्त्रण करने की क्षमता का विकास होता है।

जॉन मेयर और पीटर सेलोवे के According-’’संवेगात्मक बुद्धि संवेगों को प्रत्यक्षण करने की क्षमता, संवेग के प्रति पहुंच बनाने And उसे उत्पन्न करने की क्षमता ताकि चिन्तन में मदद हो सके तथा संवेग And संवेगात्मक ज्ञान को समझा जा सके तथा संवेग को चिन्तनषील ढंग से नियमित Reseller जा सके ताकि सांवेगिक And बौद्धिक वर्द्धन को उन्नत बनाया जा सके से होता है।’’

डेनियल गोलमैन के According- ‘‘संवेगात्मक बुद्धि अपने And दूसरों के भावो को पहचानने की क्षमता तथा अपने आप को अभिप्रेरित करके And अपने And अपने सम्बन्धों में संवेग को प्रबन्धित करने की क्षमता है। संवेगात्मक बुद्धि द्वारा उन क्षमताओं का वर्णन होता है जो शैक्षिक बुद्धि या बुद्धि लब्धि द्वारा मापे जाने वाले पूर्णत: संज्ञानात्मक क्षमताओं से भिन्न परन्तु उसके पूरक होते हैं।’’

बार-ऑन के According- ‘‘संवेगात्मक बुद्धि द्वारा वह क्षमता परावर्तित होती है जिसके माध्यम से दिन-प्रतिदिन के पर्यावरणी चुनौतियों के साथ निपटा जाता है और जो व्यक्ति की जिन्दगी में पेशेवर तथा व्यक्तिगत कार्य भी सम्मिलित है, सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।’’

उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर यह स्पष्ट है कि-

  1. इस प्रकार संवेगात्मक बुद्धि वह क्षमता होती है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने संवेगों को पहचानता है, संवेगों का उचित प्रकटीकरण करता है तथा दूसरों के संवेगो को समझकर उसके सामने वैसा ही व्यवहार करता है।
  2. संवेगात्मक बुद्धि से तात्पर्य व्यक्ति की अपनी भावनाओं तथा दूसरों की भावनाओं की पहचान कर सकने की क्षमता से है, जिसकी सहायता से वह अपने को अभिप्रेरित कर सके और अपने अन्दर पाए जाने वाले संवेगों And उनके आधार पर बने सम्बन्धों को ठीक से व्यवस्थित कर सके।
  3. संवेगात्मक बुद्धि वह क्षमता होती है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने संवेगों तथा व्यवहार को नियन्त्रित करके Single कुषल व्यक्ति के Reseller में प्रस्तुत होता है।

संवेगात्मक बुद्धि के आयाम

डेनियल गोलमैन के According संवेगात्मक बुद्धि के 5 आयाम होते हैं जोकि 2 समूहों के अन्तर्गत आते हैं। अ- व्यक्तिगत दक्षताएँ ब – सामाजिक दक्षताएँ इन दक्षताओं को 5 उप-समूहों में वर्गीकृत Reseller गया है- संवेगात्मक बुद्धि अ- व्यक्तिगत दक्षताएँ ब – सामाजिक दक्षताएँ 1-आत्म जागरूकता 1-तदनुभूति 2-आत्म नियमन 2-सामाजिक कौशल 3-आत्म प्रेरणा

अ- व्यक्तिगत दक्षताएँ

व्यक्ति अपने संवेगों को कैसे प्रबन्धित करे इसकी पहचान व्यक्तिगत दक्षताओं से होती है। ये दक्षताएँ निम्न होती हैं-

1-आत्म जागरूकता

आत्म जागरूकता से तात्पर्य व्यक्ति द्वारा स्वयं के संवेगो की पहचान तथा Single संवेग का Second से अन्तर जानने की क्षमता से है। ऐसे व्यक्ति विचारो, भावनाओं और क्रियाओं के मध्य सम्बन्ध स्थापित करते हैं तथा अपनी संवेगात्मक स्थिति को सहज ही पहचान लेते हैं। इसके निम्न आयाम होते हैं-

क-संवेगात्मक जागरूकता :-किसी व्यक्ति की स्वयं की भावनाओं और उनके प्रभाव को स्वीकारना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. वे कौन से संवेग हैं जिनसे व्यक्ति में भावनाएं उत्पन्न होती हैं और क्यों ? आदि को पहचान सकता है।
  2. व्यक्तियों की भावनाओं के बीच Single कड़ी की पहचान करता है।
  3. व्यक्ति की भावनाएं कैसे उसकी निष्पत्ति को प्रभावित करती है इसकी पहचान करता है।
  4. अपने लक्ष्यो  And मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में पथ-प्रदर्षक का कार्य करते हैं।

ख-पूर्णत: स्व आकलन :-किसी व्यक्ति की स्वयं की शक्तियों और सीमाओं को जानना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अपनी कमजोरियों And दृढ़ता के बारे में जागरूक रहता है।
  2. अपनी क्षमताओं का प्रदर्षन अपने अनुभव द्वारा करता है।
  3. व्यक्ति को पृष्ठपोषण, नया परिप्रेक्ष्य, नियमित अधिगम And स्व विकास के बारे में दक्षता विकसित होती है।
  4. व्यक्ति के स्वयं के सोचने के तरीके की योग्यता को प्रदर्षित करने की दक्षता विकसित होती है।

ग-आत्मविश्वास :-आत्मविश्वास एव साहस का गुण व्यक्ति के लक्ष्यो, मूल्यों And क्षमताओं के आधार पर प्रकट होता है। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अपने आप को प्रदर्षित कर पाने में सक्षम रहता है।
  2. क्या सत्य है ? उसके बारे में अपनी आवाज के आधार पर प्रसिद्धि पा सकता है।

2-आत्म नियमन

आत्म नियमन से तात्पर्य संवेगों का उचित प्रबन्ध करने की क्षमता से है। है, Meansात व्यक्ति द्वारा विभिन्न संवेगों जैसे-दु:ख, घृणा, भय, क्रोध आदि को उचित मात्रा में अभिव्यक्त करना तथा व्यायाम, संगीत, आराम तथा अन्य रूचिपरक कायोर्ं द्वारा उन्हें नियन्त्रित करना है। इसके निम्न आयाम होते हैं-

क- स्व-विनियमन :-व्यक्ति अपने स्वयं की विघटनकारी भावनाओं और आवगे ो ं का प्रबन्धन प्रभावषाली ढ़ग से करता है। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अपने आवेगो And कष्टप्रद संवेगो पर उचित प्रकार से प्रबन्धन कर लेते है।
  2. नि:सन्देह विचार कर लेते हैं तथा तनाव की स्थिति में भी केन्द्रित बने रहते हैं।

ख-विश्वस्तता या सत्यनिष्ठा :-र्इमानदारी And निष्ठा के मानकों को बनाए रखना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. नैतिक Reseller से वर्ताव करते हैं And दोषारोपण से ऊपर रहते हैं।
  2. विश्वसनीयता And प्रमाणिकता के द्वारा विश्वास बनाये रखते हैं।
  3. अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं And दूसरों के साथ अनैतिक क्रिया नहीं करते हैं।
  4. यदि वह प्रसिद्ध नही हो पाते तब भी वे अपने सिद्धान्तों पर मजबूती के साथ अडिग रहते हैं।

ग-कर्तव्यनिष्ठा :-अपने दायित्व को पूर्ण करने हेतु स्वयं जिम्मेदार होना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अपनी प्रतिज्ञा को पूर्ण करते हैं And प्रतिबद्ध रहते हैं।
  2. अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु स्वयं उत्तरदायी होते हैं।
  3. अपने कार्य को संगठित And सावधानी के साथ करते हैं।

घ-अनुकूलनषीलता :-परिवर्तनों And चुनौतियों से निपटने के लिए सुनम्यता या लचीलापन। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अनेक प्रकार की मांगो, अचानक परिवर्तन And बदलती प्राथमिकताओं को शलीनता के साथ प्रबन्धित करते हैं।
  2. वृतान्त को देखने हेतु सुनम्यता होती है।
  3. अपनी प्रतिक्रिया And विधियों को विभिन्न परिस्थितियों के साथ अनुकूलित कर लेते हैं।

ड़-नवीनता या नवाचार :-नवीन विचारो, नवीन उपागमों And नवीन दृष्टिकोणों के साथ सहज होना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. विभिन्न प्रकार के विस्तृत स्रोतों से नये विचारों को जन्म देते हैं।
  2. किसी भी समस्या का मौलिक हल निकाल लेते हैं।
  3. नवीन विचारों की उत्पत्ति करते हैं।
  4. नवीन परिप्रेक्ष्य में अपने विचार प्रस्तुत करते हैं।

3-आत्म प्रेरणा

आत्म प्रेरणा से तात्पर्य व्यक्ति का स्वयं की उपलब्धियों के प्रति प्रेरित रहने तथा अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध तथा आषावादी होने की क्षमता से है। इसके निम्न आयाम होते हैं-

क- उपलब्धि अन्तर्नोद :-उत्कृष्ठता के मानको को पूरा करने के लिए प्रयास। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखते हैं And जोखिम को ध्यान रखते हैं।
  2. परिणाम को ध्यान में रखते हैं।
  3. अनिश्चितता को कम करने And अच्छे से अच्छा कार्य करने का रास्ता खोजते रहते हैं।
  4. अपनी निष्पत्ति को उन्नत करने हेतु सीखते रहते हैं।

ख-प्रतिबद्धता :-समूह या संगठनात्मक लक्ष्यों के साथ Addedव। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. सगंठनात्मक लक्ष्यों को परू ा करने हेतु नि: सकं ोच तत्पर रहते हैं।
  2. बड़े कार्य को विवेक के साथ पूर्ण करते हैं।
  3. समूह के लोगों के मूल्यों के आधार पर निर्णय लेने And विकल्पों में पारदर्षिता लाने का प्रयास करते हैं।
  4. समूह के कार्य को पूरा करने हेतु अवसर खोजते हैं।

ग-पहल :-विभिन्न अवसरों पर उत्सुकता से कार्यवाही करने को तैयार रहना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अवसरों को पकड़ने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
  2. स्वयं से अधिक आकांक्षाएं रखते हैं And अपने लक्ष्य से आगे आने का प्रयास करते हैं।
  3. Need पड़ने पर वे नियमों को नर्इ दिषा में मोड़ कर कार्य पूर्ण करने का प्रयास करते हैं।
  4. अन्य लोगों को गति प्रदान करने का पूर्ण प्रयास करते हैं And उत्साह पूर्वक मेहनत के लिए प्रेरित करते हैं।

घ-आशावाद :-असफलताओं और बाधाओं के बावजूद लक्ष्य पाने का प्रयास करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अवरोध होने के बावजूद भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए सतत् डटे रहते हैं।
  2. डर या हार के होते हुए भी सफलता की आषा रखते हैं।
  3. विभिन्न विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आप को प्रबन्धित कर लेते हैं।

ब – सामाजिक दक्षताएँ

व्यक्ति संवेगो को कैसे सम्भाले या संचालित करे इसकी पहचान सामाजिक दक्षताओं से होती है। ये दक्षताएँ निम्न होती हैं।

1-तदनुभूति

तदनुभूति से तात्पर्य दूसरों के संवेगो की अनुभूति Meansात उनके क्रोध, प्रेम, स्नेह And भय की अवस्था को सहज ही जानकर अनुभव करने तथा उचित Reseller से नियंत्रण And व्यवस्था करने की क्षमता से है। इसके निम्न आयाम होते हैं-

क-दूसरो को समझना :-दूसरों की संवेदनाओं और दृष्टिकोणों को समझना And उनके कारोबार में सक्रीय Reseller से रूचि लेना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अन्य व्यक्तियों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं।
  2. सवेदनषीलता को प्रकट करते हैं And दूसरों के दृष्टिकोणों को समझते हैं।
  3. दूसरों की Needओं And भावनाओं को समझकर उसके आधार पर सहायता करने को प्रयास करते हैं।

ख-दूसरों का विकास :-दूसरों की संवेदनाओं के विकास में मदद। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. Second व्यक्तियों की योग्यता And क्षमता को जानकर उनके विकास में मदद करते हैं।
  2. समय-समय पर चुनौतियों से लड़ने के लिए अन्य व्यक्तियों को कोचिंग And दत्त कार्य देते हैं जिससे उनमें कौषलों का विकास हो सके।
  3. Second व्यक्तियों को आगे बढ़ने हेतु Need की पहचान करते हैं।

ग-सेवा अभिविन्यास :- दूसरों की आशंका की पहचान And Needओं की पहचान। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अन्य व्यक्तियों की Need को समझते हैं And उपयुक्त सेवा प्रदान करते हैं।
  2. अन्य व्यक्तियों की संतुष्टि हेतु नये रास्ते को बढ़ावा देते हैं।
  3. अन्य व्यक्तियों को खुशी-खुशी उन्हें उपयुक्त सहायता प्रेषित करते हैं।
  4. अन्य व्यक्तियों के दृष्टिकोणों को समझने का प्रयास करते हैं और उन्हे
  5. विश्वासपूर्वक सलाहकार की तरह सलाह देने का अभिनय करते हैं।

घ-विविधता का इस्तेमाल :-विभिन्न प्रकार के लोगों को विभिन्न अवसरों से अवगत करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को उचित सम्मान देते हैं।
  2. विश्व में व्याप्त विविधता को समझते हैं And समूह की विविधताओं को संवेदनात्मक Reseller से समझते हैं।
  3. विविधता को Single अवसर की तरह मानते हैं And उन्हें सृजित वातावरण प्रदान करते हैं।
  4. पक्षपात And असहिष्णुता को चुनौती की तरह लेते हैं।

ड़-राजनीतिक जागरूकता :-समूह सांवेगिक प्रवृत्ति तथा सम्बन्धों की क्षमता को पढ़ना And समझना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. सम्बन्धों की क्षमता की कुंजी को सही ढंग से पढ़ते हैं।
  2. निर्णायक सामाजिक संजाल का पता लगाते हैं।
  3. प्रतियोगी, ग्राहक And मुवक्किल के दृश्य के आकार And क्रियाकलापो ं को बलपूर्वक समझने का प्रयास करते हैं।
  4. वाºय सत्यता And संगठनात्मक सत्यता को सही ढंग से पढ़ लेते हैं।

2-सामाजिक कौशल

सामाजिक कौशल के अन्तर्गत व्यक्ति की वह सामाजिक दक्षताएं आती हैं जिनके फलस्वReseller वह अपने संम्बधों का उचित Reseller से निर्वहन करता है तथा स्वयं को सामाजिक गतिविधियों में सम्मिलित करता है। इसके निम्न आयाम होते हैं-

क-प्रभाव या प्रभुत्व :-विश्वास जगाने की रणनीतियों को प्रभावषाली ढंग से चालित करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अन्य व्यक्तियों के जीतने पर कौषलों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
  2. अपना प्रस्तुतीकरण प्रभावषाली ढंग से करते हैं।
  3. किसी Single बिन्दु को प्रभावी बनाने हेतु नाटकीय योजना बनाते हैं।
  4. जटिल रणनीतियों के प्रयोग से अनुकूलता लाने का प्रयास करते हैं।

ख-सम्प्रेषण या संचार :-संदेश को स्वतंत्रता से सुनकर और समझकर स्पष्ट Reseller से भेजना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. अपने संदेश द्वारा सांवेगिक पहचान को प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करता है।
  2. कठिन मुद्दों को सीधी तरह से हल कर लेते हैं।
  3. किसी भी विचार को ध्यानपूर्वक सुनते हैं, पारस्परिक समझ को उत्पन्न करते हैं And जानकारी को पूरी तरह से बांटते हैं।
  4. मुक्त संप्रेषण करता है चाहे वह समाचार अच्छा हो या बुरा।

ग-संघर्ष प्रबन्धन :-अAgreeि का संकल्प And समझौता करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. लोगों की कठिनाइयों को दूर करने हेतु, दु:खद परिस्थितियों में व्यवहार कुषलता And समझबूझ के साथ लोग संचालित कर लेते हैं।
  2. वाद-विवाद And मुक्त Discussion के लिए उत्साहित होते हैं।
  3. समस्या को हल करने हेतु योजना बनाते हैं।

घ-नेतृत्व :-व्यक्तियों और समूहों को प्रेरित And मार्गदर्षित करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. किसी योजना के लिए स्पष्ट And सक्रीय उत्साह दिखाते हैं।
  2. Needनुसार सदैव सीधे कदम को आगे बढ़ाते हैं।
  3. उदाहरणों के आधार पर मार्ग प्रषस्त्र करते हैं।
  4. दूसरों की निष्पत्ति को मार्ग प्रषस्त्र कराते हैं।

ड़-उत्प्रेरक परिवर्तन :-परिवर्तन की शुरूआत या प्रबन्ध। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. परिवर्तन के लिए Need की पहचान And बाधाओं को दूर करते हैं।
  2. दूसरों के लिए अनुमानित परिवर्तन का प्रतिमान प्रस्तुत करते हैं।
  3. परिवर्तन के लिए सर्वोत्तम प्रवीण होते है And दूसरों के नामों को सूचीबद्ध करते हैं।

च-बन्ध निर्माण-नैमित्तिक संम्बधों का पोषण करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. व्यापक अनौपचारिक संजाल को विकसित करते हैं।
  2. संम्बधों को बनाए रखने की कोषिष करते हैं जो कि पारस्परिक Reseller से लाभकारी होता है।
  3. कार्य करने वाले व्यक्तियों के बीच व्यक्तिगत मित्रता बनाते हैं And बनाये रखते हैं।

छ-सहयोग और सहकारिता :-साझा लक्ष्यो की ओर अन्य लोगों के साथ कार्य करना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. सावधानीपूर्वक कार्य पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास करते हैं।
  2. मित्रतापूर्ण एव सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देते हैं।
  3. सहयोग के लिए अवसरों का पोषण करते हैं।

ज-दल क्षमताएं या टीम क्षमताएं :-समूह के लक्ष्य को पाने में समूह में तालमेल बनाना। इस दक्षता के साथ व्यक्ति-

  1. सक्रीय And उत्साही प्रतिभागिता प्रदर्शित करते हैं।
  2. दल की पहचान बनाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
  3. समूह की Safty करते हैं।

संवेगात्मक बुद्धि का Means, परिभाषा And आयाम

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