विश्वविद्यालय पुस्तकालय और महाविद्यालय पुस्तकालय में प्रमुख Reseller से किन किन बातों का ध्यान रखा है?

विश्वविद्यालय पुस्तकालय और महाविद्यालय पुस्तकालय में प्रमुख Reseller से किन किन बातों का ध्यान रखा है? 

2.2. महाविद्यालय पुस्तकालय
महाविद्यालय पुस्तकालय के पाठक विद्यार्थी And शिक्षक होते हैं, अतः इनमें प्रशिक्षित पुस्तकालयाध्यक्ष And कर्मचारियों का होना आवश्यक है । विद्यार्थियों को पुस्तकालय And पुस्तकों के उपयोग संबंधी निर्देश/सहायता आवश्यक है । जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके । इन पुस्तकालयों में निम्न सेवाएं प्रदान की जानी होती है:
1. पुस्तकालय का उपयोग करने के लिए निर्देश, प्रशिक्षण And दीक्षा, जिससे कि विद्यार्थी पुस्तकालय का उपयोग ठीक से कर सके ।
2. वांछित पाठ्य सामग्री को खोजने तथा पुस्तकालय प्रसूचियों का उपयोग, संदर्भ ग्रंथों का
उपयोग आदि करने में पाठकों की व्यक्तिगत सहायता करना ।
3. पाठकों हेतु परामर्श सेवा का आयोजन ।।
4. सामान्य And विशिष्ट सूचना-सेवा की व्यवस्था करना ।
5. अन्र्तपुस्तकालय आदान-प्रदान की सेवाएं प्रदान करना ।
6. पाठकों की Needनुसार अनुक्रमणिकाओं And संदर्भ सूचियों का निर्माण करना ।
7. प्रलेखों का आरक्षण करना ।

8. नवप्राप्त पुस्तकों को प्रदर्शित करना।

| महाविद्यालय पुस्तकालयों में जो संदर्भ सेवा विद्यार्थियों And शिक्षकों को दी जाती है, उसके संबंध में यह जरूरी है कि इस कार्य के लिए कुछ Single कर्मचारियों को आवश्यक जानकारी And जिम्मेदारी दी जानी चाहिए । छात्रों को परामर्श देने के लिए शिक्षकों की प्रभावी भूमिका हो सकती है । छात्रों, पुस्तकालयाध्यक्ष And शिक्षकों को इस बारे में मिल बैठ कर Single कार्य योजना बनाने And उसके क्रियान्वयन की भूमिका तैयार करनी चाहिए तथा यथायोग्य योगदान के लिए तत्पर रहें।
छात्रों के अतिरिक्त संदर्भ सेवा की शिक्षकों को भी Need बनी रहती है । कक्षा व्याख्यान, अध्यापन, संगोष्ठी में भाग लेने हेतु, लेख तैयार करने आदि हेतु शिक्षकों को विषयोन्मुख And पृष्ठभूमियुक्त सामग्री, पुस्तक सूची, विषय सूची आदि की Need पड़ती रहती है, जिसकी पूर्ति पुस्तकालय को अपने स्रोतों या किसी अन्य पुस्तकालय की सहायता से करनी होती है ।

2.3. विश्वविद्यालय पुस्तकालय

उच्च शिक्षा के अनेक विषयों तथा विभिन्न क्षेत्रों के अनुसंधान में विश्वविद्यालयों का स्थान अग्रणी होता है । इसके अतिरिक्त ज्ञान And विचारधाराओं को Windows Hosting रखना, उनका विस्तार रख प्रसार तथा अनेक प्रकार के प्रकाशनों का आयोजन करना भी विश्वविद्यालयों के महत्वपूर्ण कार्य है ।
पुस्तकालय विश्वविद्यालय का Single अभिन्न अंग होता है तथा शिक्षा के प्रसार And अनुसंधान का Single प्रमुख साधन And उपकरण भी माना जाता है । यहाँ तक कि इसे विश्वविद्यालय का हृदय तथा मेरूदण्ड कहा जाता है । अत: विश्वविद्यालयों में पुस्तकालयों की भूमिका पर्याप्त महत्वपूर्ण होती है ।
विश्वविद्यालय पुस्तकालय के पाठक विद्यार्थी, शिक्षक, शोधकर्ता And अन्य व्यक्ति हो सकते हैं । विभिन्न प्रकार के उपयोगकर्ताओं के कारण उनकी Needएं भी भिन्न-भिन्न प्रकृति की होती हैं । अतः उनकी Needओं की पूर्ति हेतु विश्वविद्यालय पुस्तकालयों के लिए निम्न सेवाओं को आवश्यक माना गया है:
1. पुस्तकालय का अधिकाधिक उपयोग किए जाने का शिक्षण, प्रशिक्षण, निर्देश तथा संकेत, जिससे कि नये छात्र पुस्तकालय की उपयोगिता And सुविधाओं तथा इनकी पाठ्य सामग्री का ज्ञान प्राप्त हो सके ।
2. पाठकों के लिए सामान्य And विशिष्ट सूचना सेवा व्यवस्था का आयोजन करना, जिससे
सामान्य तथा तथ्यात्मक सूचनाओं And आकड़ों आदि की सूचना सुलभ करने की व्यवस्था तो की जा सके, साथ ही साथ विशिष्ट प्रकार की पृष्ठभूमि संबंधी गहन सूचना-सेवा को भी आवश्यक Reseller से आयोजित Reseller जा सके ।
3. प्रलेखों And सूचनाओं को खोजने में व्यक्तिगत सहायता की जानी चाहिए | प्रसूची के उपयोग, संदर्भ ग्रंथों के उपयोग, सूचना And संदर्भ स्रोतों से सूचना सामग्री आदि प्राप्त करने की जानकारी प्रदान की जावे तथा Need होने पर सहायता की जाए ।

4. साहित्य सामग्री की खोज में सहायता करना । 

5. पुस्तक संदर्भ सूचियों का संकलन करना ।
6. अनुक्रमणीकरण And सारांश सेवाएं प्रदान करना ।
7. प्रलेखों का आरक्षण करना ।
8. समाचार पत्रों And महत्वपूर्ण पत्रिकाओं की कतरनों को संचित करना ।
9. पुस्तक प्रदर्शनियों का आयोजन करना । नवीन पाठ्य सामग्री का प्रदर्शन करना ।
10. description पुस्तिका, प्रतिवेदन, पैम्पलेट् आदि की लम्बResellerी संचिकाएं तैयार करना ।
11. प्रतिResellerण सेवाएं प्रदान करना ।
12. अन्र्तपुस्तकालय आदान-प्रदान करना ।
13. अनुवाद सेवाएं उपलब्ध कराना ।
14. रेफरल सेवा का आयोजन करना ।
| इन पुस्तकालयों में प्रदान की गई संदर्भ सेवा की प्रकृति पाठ्यक्रम, शोधकार्यक्रमों, अध्ययन प्रणाली And विश्वविद्यालय शिक्षा के उद्देश्यों पर निर्भर करती है । पुस्तकालय में समकालीन अभिज्ञता सेवा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए | ये सेवाएं प्रलेखन सूचियों, पुस्तक संदर्भ सूचियों आदि के माध्यम से दी जा सकती है । विश्वविद्यालय पुस्तकालय में प्रत्येक पाठक को सूचना की चयनात्मक प्रसार सेवाएं प्रदान करना संभव नहीं हो सकता, अत: चयन के आधार पर उपयोगकर्ताओं के कुछ वर्गों को ये सेवाएं प्रदान की जा सकती है । इन्हें प्रदान करने के लिए संदर्भ कर्मचारियों को पाठकों की रूचि And शोध कार्यक्रमों की जानकारी होनी चाहिए ।
विश्वविद्यालय पुस्तकालय में पुस्तकालयाध्यक्ष को पाठकों को सही सूचना के स्थान पर सूचना स्रोतों का उपयोग सिखाना चाहिए जिससे कि वे पुस्तकालय को स्वयं उपयोग करने में सक्षम हो सकें । इस पुस्तकालय से पुराने विद्यार्थी भी संदर्भ सेवा की मांग करते हैं क्योंकि किसी भी क्षेत्र में यह पुस्तकालय समृद्ध माने जाते हैं, And सामान्य जन की आकांक्षाओं की पूर्ति अनेकों बार करनी होती है । अत: पुस्तकालयाध्यक्ष And अन्य कर्मचारियों को उन्हें उचित मार्गदर्शन कर पुस्तकालय के उपयोग के प्रति उत्साहित करना चाहिए ।
शोधकर्ताओं And शिक्षकों की Need अलग होती है । वे स्वयं अपनी Need की सूचना/जानकारी स्वयं ढूंढना चाहते हैं क्योंकि इनकी इच्छा अत्यन्त गहन And तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त करने की होती है । संदर्भ विभाग को इस बारे में नवीनतम प्रयोग करते रहना चाहिए । समय-समय पर विशिष्ट पुस्तकालयाध्यक्षों, विशेषज्ञों आदि से ‘शोध प्रबंधों में सूचना का Singleत्रीकरण And उपयोग’ आदि विषयों पर संगोष्ठियां आयोजन करते रहना चाहिए । । शोधकर्ताओं And शिक्षकों को प्राय: निम्न प्रकार की सूचना सेवाओं की Need होती

1. तथ्यात्मक प्रश्नों के उत्तर देना, 

2. शिक्षकों को प्रलेखों की सूची बनाकर देना,
3. शिक्षकों के लिए साहित्य खोज, वांछनीय Reseller में प्रस्तुत करना,
4. Second पुस्तकालयों से पठनीय सामग्री अथवा अनुवाद मंगवाकर देना, तथा
5. सामयिक सूचना सेवा प्रदान करना ।
संक्षेप में यह कह सकते हैं कि शिक्षकों को शोध And शिक्षण कार्यों के लिए तथा शोधकर्ताओं को शोध कार्य के सुचारू Reseller से चलाने के लिए आवश्यक संदर्भ-सूचना सेवा प्रदान करनी चाहिए । विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम पूरा करने And ज्ञानवर्धन करने के लिए पाठ्य-सामग्री के चयन रख सूचना-स्रोतों में से सूचना स्वयं खोजने का शिक्षण/प्रशिक्षण देना चाहिए | अन्य पाठकों को भी समान संदर्भ सेवा दी जानी चाहिए । 

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