विज्ञापन का Means, परिभाषा, विशेषताएं And माध्यम

विज्ञापन Word का अंग्रेजी भाषा में Advertising कहते है। इस अंग्रेजी भाषा Word Advertising की उत्पत्ति लेटिन के Advertere Word से हुर्इ है, जिसका शाब्दिक Means ‘मोडने’ (to turn is) से होता है। आज व्यावसायिक जगत् में Advertising का Means ग्राहकों को विशेष वस्तुओं And सेवाओं के बारे में जानकारी देकर उन वस्तुओं And सेवाओं की ओर मोड़ने से है। इस प्रकार यह Single ऐसी संचार प्रक्रिया है, जिसके द्वारा नये ग्राहकों को जोड़ा जा सकता है और पुराने ग्राहकों को स्थायी बनाया जा सकता है।

  1. एस.आर. हॉल के According-’’विज्ञापन लिखित, मुद्रित या चित्रित विक्रय-कला है अथवा लिखित And मुद्रित Wordों या चित्रों के माध्यम से सूचना प्रसारण है। 
  2. अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के According-Single निश्चित विज्ञान द्वारा अवैयक्तिक Reseller से विचारों, वस्तुओं या सेवाओं को प्रस्तुत करने तथा संवर्द्धन करने का Single प्राReseller है, जिसके लिए विज्ञापक द्वारा भुगतान Reseller जाता है।’’
  3. व्हीलर के According-विज्ञापन लोगों को क्रय करने के उद्देश्य से विचारों, वस्तुओं, सेवाओं का अवैयक्तिक प्रस्तुतीकरण है, जिसके लिए भुगतान Reseller जाता है। फ्रेंक प्रेसब्री के According-मुद्रित, लिखित, मौद्रिक अथवा रेखाचित्रित विक्रयकला विज्ञापन है।

उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि विज्ञापन से आशय ऐसे दृश्य, लिखित या मौखिक अवैयक्तिक संदेशों से है जो जनता को क्रय करने के लिए प्रेरित करने हेतु पत्र-पत्रिकाओं, रेड़ियो, टेलीविजन, ट्रक, बस, रेलगाड़ी व अन्य साधनों द्वारा सामान्य जनता तक पहुंचाये जाते है, जिसके लिए विज्ञापनकर्त्ता को भुगतान करना पडत्रता है।

विज्ञापन की विशेषताएँ

  1. विज्ञापन जनता के सामने सार्वजनिक Reseller से सन्देश प्रस्तुत करने का साधन है। 
  2. विज्ञापन Single व्यापक सन्देश पहुंचाने का व्यापक माध्यम है, जिसके द्वारा सन्देश को बार-बार दोहराया जाता है। 
  3. विज्ञापन द्वारा Single ही सन्देश को विभिन्न प्रकार के रंगों, चित्रों, Wordों, वाक्यों तथा लाइट से सुसज्जित कर सन्दीेश जनता तक पहुंचाये जाते है, जो ग्राहक को स्पष्ट And विस्तृत जानकारी देता है। 
  4. विज्ञापन सदैव अव्यक्तिगत होता है। कभी कोर्इ व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता। 
  5. विज्ञापन मौखिक, लिखित, दृश्य तथा अदृश्य हो सकता है। 
  6. विज्ञान के लिए विज्ञानकर्त्ता द्वारा भुगतान Reseller जाता है।
  7. विज्ञान के विविध माध्यम से जिसमें विज्ञापनकर्त्ता अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकता है। 
  8. विज्ञापन का उद्देश्य नये ग्राहकों को जोड़ना तथा विद्यमान ग्राहकों को बनाये रखना होता है। 
  9. जबकि गैर-व्यावसायिक विज्ञापनों का उद्देश्य सामान्यत: सूचना देना होता है। आधुनिक युग में विज्ञापन Single व्यावसायिक क्रिया है, जिसे प्रत्येक व्यवसाय को किसी-न-किसी Reseller में नित्य करना पड़ता है ताकि व्यवसाय को बढ़ाया जा सके।

विज्ञापन के माध्यम

विज्ञापन के माध्यम से आशय उन साधनों से है, जिनके माध्यम से विज्ञापनकर्त्ता अपनी वस्तुओं And सेवाओं या विचारों के बारे में Single विशाल जन-समुदाय को संदेश पहुंचाते है। Second Wordों में हम कह सकते है कि विज्ञापन माध्यम Single ऐसा साधन है, जिसमें निर्माता अपनी वस्तुओं And सेवाओं के बारे में उपभोक्ता को जानकारी उपलब्ध करवाता है। नाइस्ट्रॉम के According-’’विज्ञापन का माध्यम वह साधन या वाहन है, जिसके द्वारा विज्ञापन का संदेश किसी व्यक्ति या समुदाय को प्रभावित करने की आशा से पहुंचाया जाता है।’’

विज्ञापन के माध्यमों के प्रकार

1. प्रेस विज्ञापन

विज्ञान का यह माध्यम सर्वाधिक पुराना व प्रचलित है। प्रेस विज्ञापन का Means ऐसे विज्ञापन से है, जिन्हें विज्ञानकर्त्ता अपनी वस्तुओं And सेवाओं के बारे में समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाता है। (1) समाचार पत्र, (2) पत्रिकाएँ।

(1) समाचार पत्रीय विज्ञापन

आज समाचार-पत्र गांवों तथा शहरों, All स्थानों पर लोगों द्वारा समाचार-पत्रों को पढ़ा जाता है। समाचार-पत्र विज्ञापन का Single अच्छा साधन है। समाचार-पत्र All प्रकार के व्यवसायियों के लिए उपर्युक्त है। समाचार-पत्र में वस्तुओं And सेवाओं की विस्तृत जानकारी विज्ञापन द्वारा दी जाती है।

समाचार पत्रा दैनिक, साप्ताहिक अथवा पाक्षिक होते है। हमारे देश में दैनिक समाचार-पत्रों में हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इण्डिया आदि राष्ट्रीय स्तर के समाचार-पत्र है। प्रादेशिक स्तर के समाचार-पत्रों में दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति आदि मुख्य समाचार पत्र है। समाचारपत्रीय विज्ञापन दो प्रकार के होते है-

  1. वर्गीकृत विज्ञापन –जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ऐसे विज्ञापन जो विभिन्न वर्गों, जैसे-Appointmentयाँ, निविदाएँ, बिकाऊ, निलामी, विवाह आदि में बंटे होते है। ये विज्ञापन साधरण, स्पष्ट तथा सीमित Wordों में होते है। इस तरह के विज्ञापन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि खर्च कम आता है और इसका नुकसान यह है कि ऐसे विज्ञापन पढ़ने से चुक जाते है।
  2. सुसज्जा विज्ञापन –इन्हें हम अवर्गीकृत विज्ञापन भी कहते है। ये विज्ञापन विभिन्न रंगों, तस्वीरों, चित्रों से सुसज्जित होते है। विज्ञापन का खर्चा स्थान घेरने के According लिया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन First पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पाये जाते है।

2. पत्रिकाएँ

पत्रिकाएँ Single निश्चित समयान्तर (जैसे साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक या वार्षिक) से प्रकाशित होती है। इन पत्रिकाओं में कहानियाँ, कविताएँ, लेख, ब्यूटी टिप्स, खाना-खजाना आदि-आदि होते है। Meansात् रुचि व सामग्री के According ये पत्रिकाएँ साहित्यिक, धार्मिक, वैज्ञानिक, राजनैतिक, आर्थिक तथा वाणिज्यिक होती है। इन्हें अपनी रुचि According All वर्ग के बच्चे, युवा And वृद्ध अपने मनोरंजन के लिए पढ़ते है। इन पत्रिकाओं में जो विज्ञापन दिये जाते है, उन्हें पत्रिका विज्ञापन कहते है।

3. बाह्य विज्ञापन

बाह्य विज्ञापन का Means दीवारों, गलियों के कोनों, सड़कों के किनारों, चलती-फिरती गाड़ियों, खम्भों, चार-दिवारियों, रेलवे-स्टेशनों, बस-स्टैण्डों आदि पर विज्ञापन करने से है। ऐसे विज्ञापनों का उद्देश्य राह चलते लोगों का ध्यान आकर्षित करने से है। ऐसे विज्ञापन अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी होते है। राह चलते सैकड़ों लोगों का ध्यान आकर्षित होता है।

बाह्य विज्ञापन के साधन

  1. पोस्टर्स-पोस्टर्स से आश्य उन लिखित तथा चित्रित विज्ञापनों से होता है, जिन्हें गलियों के कोने, सड़क के किनारे, कार्यालयों या दुकानों, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर चिपकाये जाते है। जिन्हें आते-जाते लोग आसानी से देख व पढ़ सकते है। इन्हें कागज, लकड़ी की तख्तियों, लोहे की चादरों व धातु की प्लेटों पर बनाये जाते है। इनमें विभिन्न रंगों व चित्रों का प्रयोग Reseller जाता है। ये चित्रकार द्वारा बनाये जाते है। 
  2. दीवार-लेखन-यह बाह्य विज्ञापन का प्राचीन साधन है। इसमें विज्ञापनकर्त्ता अपने सन्देश को दीवार पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिख देता है। ये विभिन्न रंगों And चित्रों द्वारा सुसज्जित होते है। गांवों, कस्बों में इस प्रकार के विज्ञापन प्राय: देखने को मिलते है। ऐसे विज्ञापन राह चलते व्यक्ति द्वारा देखे जा सकते है। इनमें प्राय: चायपत्ती, औषधियों, साबुन, गुटखा, पान-मसाला आदि के देखे जाते है। 
  3. विद्युत साइ बोर्ड-आजकल शहरों में विद्युत साइन बोर्ड का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। विद्युत साइन बोर्ड में सन्देश Wordों व चित्रों को विद्युत बल्बों या आधुनिक प्रकार की गैस से बनी Single ट्यूब द्वारा प्रकाशमान Reseller जाता है, जिसकी रोशनी बहुत ही आकर्षण होती है। ये रात के अंधेरे में भी व्यक्ति को संदेश देते है। हालांकि ये विज्ञापन काफी महंगे होते है। छोटी व्यावसायिक संस्थाओं के लिए उपर्युक्त नहीं होते है। इस प्रकार विज्ञापन में सन्देश संक्षिप्त होना चाहिए। 
  4. सैण्डविचमैन विज्ञापन-इस प्रकार के विज्ञापन में व्यक्ति विशेष से विशेष प्रकार से सजाया जाता है। उसके शरीर के चारों ओर विज्ञापन का सन्देश पोस्टर्स या अन्य माध्यम से चिपका दिया जाता है। आकर्शक Reseller सजाकर गाँव व शहर में घुमाया जाता है ताकि लोगों का ध्यान उस पर जाये। लोग उसे देखें, इससे वस्तुओं का विज्ञापन स्वत: ही हो जाता है। 
  5. यातायात विज्ञापन-ये वे विज्ञापन है, जो यातायात वाहनों के भीतरी तथा बाहरी भागों में किये जाते है। ये प्राय: कार, रेल, बस आदि के भीतरी भागों, शीषों व दीवारों पर किये जाते है तो इन्हें कारकार्डस (Car Cards) कहते है और विज्ञापन बाहरी सतह पर किये जाते है, इन्हें यातायात प्रदर्शन (Travelling Display) कहा जाता है। यातायात वाहन में सैकड़ों व्यक्ति यात्रा करते है तथा इन्हें सड़क पर आते-जाते देखते है, इससे इनमें लिखा सन्देश आते-जाते व्यक्तियों द्वारा पढ़ा जाता है। ऐसे विज्ञापन का सन्देश संक्षिप्त तथा आकर्षक होना चाहिए। साथ ही मोटे अक्षरों, चित्रों व रंगों का प्रयोग Reseller जाना चाहिए ताकि व्यक्ति आसानी से पढ़ सके।

3. डाक द्वारा प्रत्यक्ष विज्ञापन

डाक द्वारा विज्ञापन में विज्ञापक अपने संभावित ग्राहकों को मुद्रित, लिखित या चित्रित सामग्री भेजता है ताकि उसे मात्र क्रय करने के लिए प्रोत्साहित Reseller जा सके। विज्ञापन में प्राय: गश्ती-पत्र, मूल्य-सूची, सामान्य जानकारी संबंधी पत्र तथा आदेश फॉर्म शामिल होते है। ऐसे में First अपने संभावित ग्राहकों की टेलीफोन डायरेक्ट्री, ट्रेड डायरेक्ट्री तथा अन्य विभागों की सहायता से Single डाक-सूची तैयार करते है, जिसमें ग्राहकों के नाम लिखे होते है। उन्हें डाक द्वारा गश्ती-पत्र, मूल्य-सूची, केटलॉग आदि भेजे जाते है।

डाक द्वारा विज्ञापन के साधन

  1. विक्रय-पत्र-ये अपने कुछ निश्चित संभावित ग्राहकों को लिखे जाते है। जिन ग्राहकों को विक्रय-पत्र भेजना होता है, उनके नाम डाक सूची में से छांट लिये जाते है। विक्रय-पत्र प्रत्येक संस्था तथा व्यक्ति को अलग-अलग दिये जाते है। इनकी भाषा भी अलग-अलग होती है। परन्तु ये बहुत ही प्रभावशाली भाषा में लिखे होते है, जिससे ग्राहक संस्था की वस्तुओं के प्रति आकर्षित हो जावें। 
  2. गश्ती-पत्र-ये भी अपने संभावित ग्राहकों को विक्रय-पत्र की तरह ही लिखे जाते है। गश्ती-पत्रों की विषय-सामग्री व भाषा Single-सी होती है। इन्हें कर्इ ग्राहकों को Single साथ भेजा जाता है। गश्ती-पत्र में आन्तरिक पते के अतिरिक्त सब कुछ छपा रहता है। गश्ती-पत्र तथा विक्रय में अन्तर इतना होता है कि गश्ती-पत्र की विषय-वस्तु Single-सी रहती है जबकि विक्रय-पत्र की विषय-वस्तु अलग-अलग होती है। गश्ती-पत्र भेजते समय गश्ती-पत्र के साथ क्रय-आदेश-फॉर्म तथा जवाबी कार्ड भी भेज देने चाहिए।
  3. केटलॉग-सूची-पत्र (केटलॉग) में वस्तु का मूल्य तथा विशेषताओं के बारे में लिखा होता है, साथ ही क्रय संबंधी कुछ सामान्य नियम भी दिये होते है। इन्हें भी संभावित ग्राहकों को डाक द्वारा भेजा जाता है।
  4. मूल्य सूची-इसमें केवल वस्तुओं के मूल्य दिये होते है। केटलॉग की भांति वस्तुओं का विस्तृत description नहीं होता।
  5. पुस्तिकाएँ-यह भी विज्ञापन का Single माध्यम है। पुस्तिकाएँ वस्तु के संबंध में विस्तृत जानकारी देती है। इन पुस्तिकाओं को पढ़कर क्रय की जाने वाली वस्तु के संबंध में सब कुछ जान सकते है। 
  6. पत्रक तथा फोल्डर-पत्रक में वस्तु के संबंध में संक्षिप्त description तथा प्रयोग की विधि होती है। जब इन पत्रों को मोड़ दिया जाता हे तो ये फोल्डर कहलाते है।

4. क्रय-केन्द्र विज्ञापन

विज्ञापन का यह माध्यम प्राय: फुटकर व्यापारियों द्वारा अपनाया जाता है। फुटकर व्यापारी अपनी दुकान को अपनी दुकान को चारों ओर से वस्तुओं से सजा देते है। ऐसे क्रय-केन्द्र विज्ञापन के दो प्रमुख साधन है-

  1. काउण्टर सजावट-फुटकर व्यापारी दैनिक उपभोग की वस्तुओं को काउण्टर पर इस प्रकार सजाकर रखते है कि ग्राहक को वस्तु देखते ही अपनी Need का स्मरण हो जाता है और वे अधिक क्रय करने के लिए अग्रसर होते है, जिससे ग्राहक अधिक वस्तुएँ क्रय करता है। इससे दुकान पर आये ग्राहक प्रभावित होते है और बिक्री बढ़ती है। 
  2. वातायन सजावट-वातायन सजावट भी Single प्रकार का विज्ञापन है, जो राह चलते व्यक्ति को दुकान में प्रवेश करने के लिए मजबूर कर देती है। ये All वस्तुएँ यह बताती है कि ये बिक्री के लिए उपलब्ध है। वातायन सजावट के लिए लगी वस्तुओं को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए, साथ ही बदलते रहना चाहिए। सजावट में रखी वस्तुओं को मौसम के According तथा प्रकाशयुक्त रखा जाना चाहिए।

5. मनोरंजन-विज्ञापन

  1. रेडियो-विज्ञापन का यह साधन काफी पुराना, प्रतिष्ठित व लोकप्रिय है। अधिकांश घरों में रेडियो पाये जाते है। रेडियो देश-विदेश के समाचार, संगीत And अन्य कार्यक्रम जनता के सम्मुख दिन-रात प्रस्तुत करते रहते है। रेडियो द्वारा संगीत, नाटक, समाचार, चुटकुले आदि के कार्यक्रमों के First, बाद में तथा बीच में विज्ञापन प्रसारित किये जाते है। अब देश के विविध भारती के लगभग 60 केन्द्रों से विज्ञापन प्रसारित किये जाते है। इस माध्यम द्वारा दिये जाने वाला सन्देश काफी रोचक, संगीत कथाओं के Reseller में होना चाहिए। यह ग्रामीण व शहरी दोनों के लिए उपयुक्त है। Second Wordों में हम कह सकते है कि जहाँ श्रोता पहुंच सकता है, वहाँ रेडियो द्वारा सन्देश पहुंचाया जा सकता है। 
  2. टेलीविजन-आधुनिक समय में टी.वी. विश्व में विज्ञापन का Single महत्त्वपूर्ण साधन बन गया है। हमारे देश में टी.वी. विज्ञापन का श्रीगणेश 1976 में हुआ। टी.वी. Single ऐसा यंत्र है, जो Wordों व चित्रों को Single साथ दर्शकों के सामने प्रस्तुत करता है। इसके द्वारा विज्ञापन सन्देशों को नाटकीय ढंग से प्रस्तुत Reseller जाता है। टी.वी. में विज्ञापन देना हालांकि खर्चीला है परन्तु प्रभावी माध्यम है। सुनी व देखी बातें काफी समय तक याद रहती है। 
  3. सिनेमा-सिनेमा मनोरंजन का सर्वाधिक सस्ता And लोकप्रिय साधन है। सिनेमा में  8 6 विज्ञापन के लिए स्लाइडों का प्रयोग Reseller जाता है। ये स्लाइडें फिल्म प्रारम्भ होने से First या मध्यान्तर या फिर अन्त में दिखार्इ जाती है। इन विज्ञापनों को अनेक व्यक्ति Single साथ देखते है और प्रभावित होते है। इस माध्यम का प्रयोग करके विज्ञापन को स्मरणकारी बनाया जा सकता है। 
  4. नाटक And संगीत कार्यक्रम-ग्रामीण जनता को प्रभावित करने के लिए नाटक व संगीत कार्यक्रम के द्वारा भी विज्ञापन दिया जाता है। धार्मिक नाटक, लोकगीतों को गाकर नाटक मण्डलियों द्वारा नाटक दिखाकर विज्ञापन किये जाने लगे है। विज्ञापन का यह Reseller अभी अधिक प्रचलन में नहीं है। 
  5. मेले And प्रदर्शनियाँ-मेले And प्रदर्शनियाँ हमारी संस्कृति का अंग बन गर्इ है। हमारे देश में प्रयाग, पुष्कर, रामदेव अनेक मेले लगते रहते है। प्रदर्शनियां भी आयोजित होती है। अनेक बार सरकार व व्यापारियों द्वारा भी मेले का आयोजन होता है। इन मेले And प्रदर्शनियों को देखने के लिए दूर-दूर से व्यक्ति आते है और इनमें वस्तुओं का विज्ञापन आसानी से हो जाता है।

6. अन्य माध्यम

  1. लाउडस्पीकर- विज्ञापन-ऐसे विज्ञापन में व्यक्ति रिक्शा, तांगे या कार में बैठकर लाउडस्पीकर यंत्र द्वारा मौखिक Reseller से व्यक्ति वस्तुओं के बारे में विज्ञापन करता है। यह माध्यम अधिकतर शहरों में प्रयोग Reseller जाता है। यह Single सस्ता, सरल And लोकप्रिय माध्यम है। 
  2. विशिष्ट या अभिनव विज्ञापन-विशिष्ट विज्ञापन में संभावित ग्राहकों को भेंट स्वReseller कोर्इ उपयोगी वस्तु दी जाती है, जिस पर विज्ञापन संदेश लिखा रहता है। इसमें मुख्यतया निम्नलिखित वस्तुएँ होती है, जैसेμचाबी छल्ला, पेपरवेट, डायरी, कलैण्डर्स, सिगरेट-केस, पैन, ऐश-ट्रे तथा ताश आदि शामिल होती है। 
  3. प्रोग्राम विज्ञापन-वे विज्ञापन जो विभिन्न अवसरों पर दिये जाते है, प्रोग्राम विज्ञापन कहलाते है, जैसे-पन्द्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी, होली, दीपावली आदि पर दिये जाते है। इन विज्ञापनों का प्रचलन आजकल बढ़ रहा है। 
  4. आकाश-लेखन विज्ञापन-विज्ञापन का यह साधन नया है। इसमें आकाश के तले वस्तुओं के नाम धुएँ से हवार्इ जहाज की सहायता से लिखा जाता है। या फिर रंग-बिरंगे गुब्बारों को Wordों And चित्रों द्वारा भरकर आकाश में उड़ाया जाता है। व्यक्ति इन्हें देखता है, स्वत: ही उस तक सन्देश पहुंच जाता है। यह खर्चीला होता है, इसलिए इसका प्रयोग कम होता है।

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