भर्ती का Means And स्रोत

भर्ती Single ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कार्य करने के लिए इच्छुक व्यक्तियों का पता लगाया जाता है तथा Appointment हेतु आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित Reseller जाता है। भर्ती करने का उदद्ेश्य आवश्यक मात्रा में आवेदकों को प्राप्त करना है। भर्ती Single सतत् प्रक्रिया है, जिसके द्वारा कर्मचारियों की Need की पूर्ति मॉंग के अनुReseller बनार्इ जाती है। यह Single तरह से Human शक्ति के चयन की प्रारम्भिक प्रक्रिया है।

भर्ती के स्रोत

भर्ती के सामान्यत: दो स्रोत होते हैं

  1. आन्तरिक स्रोत 
  2. बाह्य स्रोत

1. आन्तरिक स्रोत-

आन्तरिक स्रोत से आशय उपक्रम में कार्य करने वाले कर्मचारियों की उच्च पदों पर पदोन्नति, स्थानान्तरण व समायोजन से है। सामान्यत: आन्तरिक स्रोतों से भर्ती उच्च पदों पर की जाती है। इसके प्रमुख तीन स्रोत है-

  1. पदोन्नति- साधारणत: संस्था में योग्य And अनुभवी कर्मचारियों को उसकी योग्यता And वरिष्ठता के आधार पर उच्च पद पर पदोन्नति कर रिक्त पद की पूर्ति की जाती है। जहां अनुभव का होना महत्वपूर्ण है, वहां पद पदोन्नति से भरा जाना चाहिए।
  2. समायोजन- संस्था को कारोबार की स्थापना के समय अधिक कर्मचारियों की Need होती है अतिशेष कर्मचारी को बाद में कार्य कम होने के कारण अन्य शाखाओं या कार्यालयों में स्थानान्तरित करना पड़ता है, ऐसे समायोजन में कर्मचारी का समुचित उपयोग Reseller जाना चाहिए।
  3.  स्थानान्तरण-स्थानान्तरण कार्यालय की सामान्य प्रक्रिया है। जिसकी Need निम्न कारणों से होती है :-
  1. अधिक समय तक Single ही पद पर कर्मचारी के पदस्थ रहने के कारण। 
  2. क्षमता के अनुReseller कार्य सम्पादित न हो पाना।
  3. कर्मचारी की कार्यक्षमता में परिवर्तन (प्रशिक्षण उच्चशिक्षा, अस्वस्थता आदि) के कारण भेजा जाना चाहिए। 
  4. कर्मचारी द्वारा अन्य पद पर कार्य करने हेतु इच्छा व्यक्त करने पर।

आन्तरिक स्त्रोत से भर्ती के लाभ- 

कर्मचारियों की आन्तरिक स्त्रोत से भर्ती के निम्न लाभ होते हैं-

  1. कर्मचारियों को उपक्रम के नियमों की जानकारी पूर्व से रहती है। 
  2. कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
  3. कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।
  4. कर्मचारियों की आय में वृद्धि होती है। 
  5. भर्ती पर उपक्रम का न्यूनतम व्यय होता है। 
  6. कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर व्ययों में कमी। 
  7. पदोन्नति व मनपसन्द कार्यस्थल के द्वार खुले रहते हैं।

आन्तरिक स्रोत से भर्ती के हानि-

इसकी Single बड़ी हानि यह है कि संगठन अपने संस्थान में नए लोगों को शामिल कर उनकी योग्यताओं का लाभ नहीं उठा पाता है।

2. बाह्य स्रोत-

बाह्य स्रोत से भर्ती निम्न वर्गीय कर्मचारियों की जाती है। भर्ती के बाह्य स्रोत निम्नलिखत है-

  1. पूर्व कर्मचारियों की पुनर्Appointment-ऐसे कर्मचारी जो उपक्रम में पूर्व में कार्य कर चुके हैं तथा सेवानिवृत्त हो चुके हैं या सेवानिवृत्ति के पूर्व ही किसी कारण से सेवा छोड़ चुके हैं, ये कर्मचारी अनुभवी व कार्य कुशल होने पर इनकी पुनर्Appointment उपक्रम में कर दी जाती है। सरकारों द्वारा भी सेवानिवृत्ति अधिकारियों को नियुक्त कर उनकी सेवाएॅ  ली जा रही हैं। ये कर्मचारी विश्वासपात्र And अनुभवी होने के कारण इन पर प्रशिक्षण व्यय कम होता है
  2. मित्र या रिश्तेदार-सामान्यत: संस्था प्रमुख विशेषज्ञ के Reseller में अपने मित्र या रिश्तेदारों को भर्ती हेतु आमंत्रित करते है। जिससे निष्पक्ष हो आरै अच्छे कर्मचारी चुनने का अवसर मिलता है।
  3. श्रम संघो द्वारा भर्ती- ऐसे क्षेत्रों में जहां श्रम संघो का काफी प्रभाव होता है वहां व े अपने सम्पर्क से श्रम की पूिर्त/ भर्ती उचित समझते हैं। किन्तु इस विधि द्वारा भर्ती करने यह ध्यान देना आवश्यक है कि यह देख ले अयोग्य व अकुशल व्यक्ति को चयन करने के लिए दबाव न डाले।
  4. विज्ञापन And मिडिया द्वारा- दैनिक समाचार पत्र, पत्रिकाओं रोजगार समाचार, रोजगार नियोजन आदि में नौकरी का स्वReseller, प्रकृति, आवश्यक योग्यताएॅं, आवेदन के तरीके आदि का description का विज्ञापन देकर भर्ती की जाती है। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे टेलीविजन और इटंरनेट पर विज्ञापनों के प्रत्युत्तर में बडी़ सख्ंया में भावी उम्मीदवारों कके आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं।
  5. कार्यालय में सीधी भर्ती-इस प्रकार की भर्ती उपक्रम के सेविवर्गीय विभाग या भर्ती शाखा द्वारा की जाती है। बाह्य भर्ती के लिए विधिवत् रिक्त स्थानों की सूचना व शर्तों आदि की जानकारी कार्यालय के सूचना पटल पर लगार्इ जाती है। साथ-साथ दैनिक अखबार में भी विज्ञापन दिया जाता है ताकि अच्छे से अच्छे आवेदकों में से श्रेष्ठ का चयन Reseller जा सके। इस विधि में निम्न प्रक्रियाएॅं अपनार्इ जाती हैं-
  1. विज्ञापन के आधार पर आवेदन-पत्र बुलाना। 
  2. आवेदित उम्मीदवार अधिक हों या आवश्यक हो तो लिखित परीक्षा लेना। 
  3. लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेना। 
  4. आवश्यक होने पर विभिन्न परीक्षण लेना। इस पद्धति का प्रयोग निम्न वर्गीय कर्मचारियों के लिये अधिक Reseller जाता है।
  1.  रोजगार कार्यालय द्वारा भर्ती-केन्द्र सरकार ने प्राय: All जिलों में रोजगार केन्द्र की स्थापना कर दी है। इन कार्यालयों के पास रोजगार चाहने वालों का नाम, पता, योग्यता, रोजगार के प्रकार व अन्य जानकारी हमेशा उपलब्ध रहती है, उपक्रम या नियोक्ता इन केन्द्रों से रोजगार चाहने वालों की सूची मंगाकर योग्य कर्मचारियों की भर्ती कर सकते हेैं। यह ढंग वर्तमान में काफी प्रचलित है।
  2. शैक्षणिक And अन्य संस्थाओंं द्वारा भर्ती-वर्तमान में निजी क्षेत्र के अनेक संगठन शैक्षणिक संस्थाओं के माध्यम से भर्ती कार्य को श्रेष्ठ मानते है।  शिक्षा संस्थाओं में रोजगार ब्यूरो केन्द्र के माध्यम से अध्ययनरत् योग्य छात्रों का विभिन्न परीक्षण कर भर्ती करना श्रेष्ठ समझा जाता है। इस माध्यम को परिसर भर्ती या कैम्पस चयन कहा जाता है।
  3. सेवा निवृत्त सैन्य कर्मचारी-सेना में सेवानिवृत्ति की आयु 45 से 50 वर्ष के मध्य होती है। सेना के कर्मचारी अनुशासित, योग्य, चुस्त, र्इमानदार तथा अनुभवी माने जाते हैं, अत: सैन्य सेवा से निवृत्ति के बाद इच्छुक कर्मचारियों को अन्य सरकारी व गैर सरकारी संगठनों में भर्ती करना Single अच्छा माध्यम माना जाता है। विश्वविद्यालय के कुलपति, राज्यपाल, विभिन्न आयोगों तथा Safty क्षेत्र के लिए भी इस क्षेत्र से भर्ती श्रेष्ठ मानी जाती है।
  4. अन्य स्त्रोत- उपर्युक्त के अतिरिक्त विभिन्न सलाहकार संस्थाओं, अंशकालीन कर्मचारियों विभिन्न शिविरों के माध्यम से भर्ती, अनियमित आवेदन आदि तरीकों से भी भर्ती कार्य सम्पन्न Reseller जाता है।

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