बायोमैट्रिक्स क्या है, इसके अनुप्रयोग And उपकरण

बायोमैट्रिक्स वह विधि या तकनीक है जिसमें व्यक्ति की जैविक विशेषताओं (कार्यिकी अथवा व्यवहार संबंधी विशेषताओं) के आधार पर उसकी पहचान स्थपित की जाती है। किसी व्यक्ति के अंगुलि चिद्दों को देखकर बताया जा सकता है कि वे उस व्यक्ति-विशेष के हैं या नहीं। ठीक इसी प्रकार व्यक्ति के हस्ताक्षरों से भी उसकी पहचान स्थापित की जा सकती है। ऐसी इसलिए हो पाता है क्योंकि अंगुलि चिद्द और हस्ताक्षर, किन्हीं दो व्यक्तियों के समान नहीं हो सकते। आजकल वैज्ञानिकों ने कुछ और ऐसी जैविक विशेषताओं की पहचान कर ली है, जिनके आधार पर व्यक्ति की पहचान स्थापित की जा सकती है। बायोमैट्रिक्स के अंतर्गत विशेषताएं सम्मिलित होती हैं :

  1. अंगुलि चिद्द
  2. रेटिना स्कैनिंग
  3. आइरिस स्कैनिंग
  4. हाथों की ज्यामितिय
  5. अंगुलियों की ज्यामितिय
  6. आवाज प्रतिReseller (पैटर्न)
  7. चेहरे के कटाव
  8. हस्तलिखित हस्ताक्षर

बायोमैट्रिक्स के अनुप्रयोग 

बायोमैट्रिक्स के अंतर्गत ऐसी तकनीकें आती हैं जिनके आधार पर हम व्यक्ति की पहचान स्थापित कर सकते हैं। बायोमैट्रिक्स का अनुप्रयोग इन क्षेत्रों में Reseller जाता है अथवा Reseller जा सकता है :

  1. हवाई अड्डों की Safty में : आतंकवाद के इस दौर में हवाई अड्डे आतंकियों के मुख्य निशाने पर हैं लेकिन बायोमैट्रिक्स का प्रयोग करके हम इनकी Safty व्यवस्था को और पुख्ता कर सकते हैं। हवाई अड्डों के प्रवेश द्वार पर ऐसे स्कैनर लगाए जा सकते हैं जो व्यक्ति के अंगुलि चिद्दों, रेटिना या उसके चेहरे के कटाव के आधार पर उसकी पहचान स्थापित करें और केवल अधिकृत व्यक्ति को ही प्रवेश करने दें।
  2. अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की Safty : कुछ देश अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए भी बायोमैट्रिक्स का प्रयोग करते हैं। हमारे देश में भी ऐसा Reseller जा सकता है। भारत में बांग्लादेशियों द्वारा अवैध Reseller से घुसपैठ Single बड़ी समस्या है। भारत में रहकर ये बांग्लादेशी विभिन्न आतंकी व आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं। चूंकि ये बांग्लादेशी देखने, सुनने, व्यवहार करने आदि में हमारे सीमावर्ती राज्यों के निवासियों के समान ही हैं इसलिए इनकी पहचान करना बेहद कठिन कार्य है। लेकिन बायोमैट्रिक्स द्वारा इनकी पहचान आसानी से की जा सकती है। सीमावर्ती राज्यों के निवासियों को ऐसे पहचान-पत्र या स्मार्ट कार्ड दिए जा सकते हैं जिन पर धारक का अंगुलि चिद्द भी अंकित हो। ऐसा किए जाने पर अवैध Reseller से भारत की सीमाओं में घुस आए बांग्लादेशियों की पहचान आसानी से की जा सकती है। लगभग इसी व्यवस्था का लाभ, जम्मू And कश्मीर राज्य में भी उठाया जा सकता है। इस विधि का अनुप्रयोग प्रारंभ भी हो चुका है और प्रत्येक Indian Customer नागरिक को ‘राष्ट्रीय पहचान पत्र‘ दिए जा रहे हैं, जिनमें बायोमैट्रिक्स का प्रयोग भी Reseller गया है। 
  3. पासपोर्ट And यात्रा-दस्तावेज़ों की Safty : किसी Single देश के नागरिक द्वारा किसी Second देश में प्रवेश करने के लिए पासपोर्ट Single अहम And अत्यावश्यक दस्तावेज़ है। इसके बिना किसी Second देश में प्रवेश नहीं Reseller जा सकता। फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे किसी Second देश में प्रवेश करने के मामले अक्सर प्रकाश में आते रहते हैं। बायोमैट्रिक्स के इस्तेमाल से इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम बेहद आसान है। कुछ Indian Customer Safty एजेंसियां काफी लंबे समय से मांग कर रही हैं कि भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले पासपोर्टों पर धारक के अंगुलि चिद्द भी अंकित किए जाने चाहिएं ताकि पासपोर्टों के साथ किए जाने वाले किसी भी फर्जीवाडे़ पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। कुछ पश्चिमी देश ऐसा करना प्रारंभ भी कर चुके हैं। यदि पासपोर्ट पर धारक का अंगुलि चिद्द अंकित हो तो हवाई अड्डे पर प्रवेश करते समय ही धारक की पहचान को परखा जा सकेगा। आजकल ऐसे आधुनिक उपकरण अस्तित्व में आ चुके हैं जो जीवित व्यक्ति के अंगुलि चिद्दों का मिलान, दस्तावेज़ पर अंकित अंगुलि चिद्द से कर सकते हैं। ‘लाइव स्कैनर’ नामक उपकरण की सहायता से ऐसा आसानी से Reseller जा सकता है। ‘
  4. चोरी से बचाव : बायोमैट्रिक्स का उपयोग करके बड़ी चोरी की घटनाओं को भी आसानी से रोका जा सकता है। अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं कि किसी व्यक्ति ने नकली चाबियां बनवा कर किसी बैंक के स्ट्रांग-रूम से वहां रखा सारा पैसा चुरा लिया। आजकल ऐसे ताले अस्तित्व में आ चुके हैं जो केवल स्वामी के अंगुलि चिद्दों को पहचान कर ही खुलते हैं। यदि बैंक के स्ट्रांग-रूम में बायोमैट्रिक्स आधारित ताला लगा दिया जाए तो नकली या डुप्लीकेट चाबियों की सहायता से चोरी कर पाना संभव नहीं हो पाएगा। बायोमैट्रिक्स-तालों का उपयोग इन स्थानों पर Reseller जा सकता है :
    1. बैंक के स्ट्रांग-रूम में
    2. डाकघर के नगद-कक्ष में
    3. आवास के प्रवेश-द्वार पर
    4. कार के दरवाजों में
    5. बहुमूल्य वस्तुओं के संग्रहालय में।
  5. बायोमैट्रिक्स और स्मार्ट कार्ड : किसी व्यक्ति की जैविक विशेषताओं के description वाले स्मार्ट-कार्ड, विभिन्न प्रकार के अपराधों की रोकथाम कर सकते हैं। ऐसे ही स्मार्ट कार्डों का प्रयोग आजकल वाहन-चालन लायसेंसों के लिए भी Reseller जाता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित और भी कई राज्यों में अब ऐसे स्मार्ट-कार्ड वाले ड्राइविंग लायसेंस ही जारी किए जाते हैं। इन स्मार्ट कार्डों पर अब फर्जी पहचान के जरिए ड्राइविंग लायसेंस प्राप्त करने के मामलों पर प्रभावी रोक लग गई है। जरूरत इस बात की है कि इन स्मार्ट कार्डों का प्रयोग जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी Reseller जाए। राजधानी दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा वाहन चालकों को जो लायसेंस जारी किए जाते हैं, उन पर धारक का अंगुलि चिद्द भी अंकित रहता है, ताकि किसी प्रकार का कोई फर्जीवाड़ा नहीं Reseller जा सके।
  6. बैंकिंग में बायोमैट्रिक्स : बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र ऐसे हैं जहां व्यक्तिगत अधिकारिता काफी महत्त्व रखती है। बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में आजकल व्यक्तिगत अधिकारिता के लिए ‘पासवर्ड’ या ‘पिन’ के स्थान पर बायोमैट्रिक लक्षणों का उपयोग कहीं अधिक सुविधाजनक और Windows Hosting है। चूंकि ‘पासवर्ड’ या ‘पिन’ का उपयोग अनाधिकृत Reseller से कोई अन्य व्यक्ति भी कर सकता है इसलिए अंगुलि-चिद्द, रेटिना स्कैन आदि बायोमैट्रिक लक्षणों का प्रयोग बैंकिंग क्षेत्र में अधिक होने लगा है। व्यक्तिगत अधिकारिता (पहचान) के लिए बायोमैट्रिक्स के बढ़ते इस्तेमाल का Single प्रमुख कारण यह भी है कि इसे न तो याद रखने की जरूरत है (पासवर्ड की तरह) और न ही कोई दूसरा व्यक्ति इसका अनाधिकृत Reseller से इस्तेमाल ही कर सकता है।

बायोमैट्रिक्स उपकरण 

बायोमैट्रिक्स का उपयोग करने के लिए बहुत से उपकरणों का प्रयोग Reseller जाता है। इसके लिए अंगुलि चिद्द, आइरिश स्कैन, हस्ताक्षर प्रमाणीकरण, चेहरे के कटाव और आवाज के प्रतिReseller जैसी विशेषताओं (उपकरणों) का प्रयोग Reseller जाता है।

अंगुलि चिह्न पहचान 

बायोमैट्रिक्स की विभिन्न तकनीकों में अंगुलि चिह्न  सबसे लोकप्रिय हैं। अधिकतर बायोमैट्रिक तकनीकों में अंगुलि चिद्दों का इस्तेमाल ही Reseller जाता है तो इसके पीछे कारण हैं :

  1. अंगुलि चिद्द बेहद सरल And सुविधाजनक होते हैं
  2. अपेक्षाकृत काफी सस्ता होता है अंगुलि चिद्दों का मिलान
  3. अंगुलि चिद्दों को विश्व भर में विधिक मान्यता प्राप्त है
  4. अंगुलि चिद्द उपयोग में अत्याधिक सुविधाजनक होते हैं

बायोमैट्रिक्स में अंगुलि चिद्दों का इस्तेमाल करने के लिए ‘Singleल चिद्द स्कैनर’ का प्रयोग Reseller जाता है। बायोमैट्रिक्स में All दस अंगुलियों के चिद्द लेने की Need नहीं है। आमतौर पर अंगूठे या तर्जनी अंगुलि को स्कैन करके उसे डाटाबेस में स्टोर करके रख लिया जाता है। जब कोई ऐसा व्यक्ति, जिसका अंगुलि चिद्द First से ही डाटाबेस में है, किसी स्थान तक पहुंचने का प्रयास करता है अथवा किसी कंप्यूटर-तंत्र तक पहुंचने की कोशिश करता है तो सबसे First उसे अपनी अंगुलि Single उच्च-आवर्धता वाले स्कैनर पर रखनी होती है। स्कैनर उस व्यक्ति की अंगुलियों की डिजीकृत छवि उतार लेता है। अब कंप्यूटर, इस डिजीकृत छवि का मिलान, डाटाबेस में रखे अंगुलि चिद्द से करता है। यदि दोनों चिद्द, Single ही व्यक्ति से संबंधित होते हैं तो बायोमैट्रिक-तंत्र उस व्यक्ति को आगे बढ़ने की अनुमति दे देता है अन्यथा नहीं। इस प्रकार Single अधिकृत व्यक्ति ही किसी स्थान विशेष में प्रवेश कर सकता है अथवा किसी कंप्यूटर-तंत्र तक पहुंच सकता है। आजकल अंगुलि चिद्द बायोमैट्रिक्स का प्रयोग आवास की Safty, कार की Safty और महत्त्वपूर्ण इलैक्ट्रॉनिक डाटा तक किसी व्यक्ति को पहुंचने की अनुमति आदि देने के लिए Reseller जाता है।

आइरिस से पहचान 

आंख के उस गोल भाग को आइरिस कहते हैं जो आमतौर पर काला या ब्राउन होता है और पुतलियों से Windows Hosting रहता है। आइरिस पर Single विशेष प्रकार का प्रतिReseller (पैटर्न) बना होता है। जिस प्रकार दो व्यक्तियों के अंगुलि चिद्द Single समान नहीं हो सकते, ठीक उसी प्रकार दो व्यक्तियों की आंखों के आइरिस भी Single-समान नहीं होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का आइरिस Single विशिष्ट प्रकार का होता है इसलिए आइरिस के आधार पर भी किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान स्थापित की जा सकती है।

आइरिस बायोमैट्रिक्स में सबसे First व्यक्ति की आंखों का Single चित्र लिया जाता है। चित्र लेते समय कैमरे को आंखों के बेहद नजदीक रखा जाता है और चित्र लेते समय इंफ्रारेड प्रकाश का प्रयोग Reseller जाता है ताकि आंखों की छोटी से छोटी विशेषताएं भी चमकने लगें। इस प्रकार Single उच्च आवर्धन (रिजोल्यूशन) वाला आंखों का चित्र तैयार हो जाता है। इस प्रकार का आइरिस का चित्र खींचने में मात्र दो से तीन सेकेंड का समय ही लगता है। इस प्रकार के चित्र से आइरिस का जो description प्राप्त होता है उससे आइरिस का Single मानचित्र तैयार कर लिया जाता है जिसमें आइरिस की All विशेषताएं उपस्थित रहती हैं।

आइरिस का विशिष्ट प्रतिReseller उसी समय आकार ले लेता है जब शिशु मां के गर्भ में ही होता है। इस प्रकार आइरिस की विशिष्टताएं, जन्म से First ही निर्धारित हो जाती हैं। आइरिस की विशिष्टताएं व्यक्ति के पूरे जीवनभर Single समान ही रहती हैं और उनमें मृत्युपर्यंत कोई बदलाव नहीं आता है। केवल किसी दुर्घटना आदि के कारण ही आइरिस की विशिष्टताएं परिवर्तित हो सकती हैं। आइरिस का प्रतिReseller (पैटर्न) बेहद जटिल प्रकार का होता है और इसमें लगभग 200 अद्वितीय प्रकार के चिद्द होते हैं जिनके आधार पर आइरिस को Single विशिष्टता प्राप्त होती है। प्रत्येक व्यक्ति की दायीं और बायीं आंखों के आइरिस भी अलग-अलग प्रतिReseller वाले होते हैं Meansात् Single ही व्यक्ति के दोनों आइरिस भी समान नहीं होते हैं।

आइरिस की अद्वितीयता के आधार पर ही व्यक्ति की पहचान की जाती है। आइरिस के आधार पर व्यक्ति की पहचान करने में गलती होने की आशंका लगभग न के बराबर होती है। विभिन्न शोधों से यह प्रमाणित हो गया है कि 1.2 मिलियन में से मात्र Single मामले में ही आइरिस स्कैनर व मैचर गलती कर सकता है। सन् 1997 से ही इंग्लैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और जर्मनी में ‘ऑटोमैटिक ट्रेलर मशीन’ (ए.टी.एम.) में आइरिस बायोमैट्रिक्स का इस्तेमाल Reseller जा रहा है ताकि कोई अनाधिकृत व्यक्ति, एटीएम का परिचालन न कर सके।

अधिकृत हस्ताक्षर 

किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए हस्ताक्षर, बेहद सुगम और सरल साधन हैं और इसीलिए दुनियाभर में हस्तलिखित हस्ताक्षरों का प्रयोग विभिन्न बैंकिंग, विधिक और अन्य कामों के लिए Reseller जाता है। किसी व्यक्ति के दो हस्ताक्षरों का मिलान करने के लिए हस्ताक्षर की विभिन्न विशिष्टताओं को ध्यान में रखा जाता है। आधुनिक प्रौद्योगिकी ने ऐसी तकनीकें प्रस्तुत कर दी हैं कि किन्हीं दो हस्ताक्षरों का क्षणभर में ही मिलान Reseller जा सकता है। हस्ताक्षरों का मिलान करने वाले इस अत्याधुनिक उपकरण को ‘डी.एस.वी.टी.’ (डायनामिक सिग्नेचर वैरीफिकेशन टेक्नोलॉजी) का नाम दिया गया है।

हालांकि साधारण हस्ताक्षर मिलान विधियां और ‘डायनामिक सिग्नेचर वैरीफिकेशन टेक्नोलॉजी’ दोनों को कंप्यूटरीकृत Reseller जा सकता है लेकिन दोनों में Single मूलभूत अंतर भी होता है। साधारण हस्ताक्षर मिलान विधियों में यह देखा जाता है कि हस्ताक्षर दिखने में कैसे हैं और उनमें क्या अंतर हैं। इसके विपरीत ‘डायनामिक सिग्नेचर वैरीफिकेशन टेक्नोलॉजी’ में यह देखा जाता है कि हस्ताक्षर किस प्रकार बनाए गए हैं। इस अत्याधुनिक तकनीक में मिलाए जाने वाले हस्तक्षरों के संदर्भ में अग्रलिखित पक्षों का अध्ययन Reseller जाता है :

  1. हस्ताक्षर लेखन की गति में परिवर्तन
  2. हस्ताक्षर लेखन के समय कागज पर लगाया गया दबाव
  3. हस्ताक्षर करने में लगा कुल समय

‘डायनामिक सिग्नेचर वैरीफिकेशन टेक्नोलॉजी’ Single प्राकृतिक और मौलिक प्रकार की तकनीक है जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भी Reseller जाता है। यह तकनीक बेहद आसान है और इस पर विश्वास Reseller जा सकता है। आजकल इस तकनीक का इस्तेमाल काफी अधिक Reseller जा रहा है जिस कारण फर्जी हस्ताक्षरों के कारण होने वाले फर्जीवाड़ों की रोकथाम करना काफी सरल हो गया है।

चेहरा पहचान तंत्र

आजकल कई ऐसे कंप्यूटरीकृत तंत्र अस्तित्व में आ चुके हैं जो कंप्यूटर प्रोग्राम के द्वारा Humanीय चेहरों के चित्रों का विश्लेषण करते हैं ताकि संबंधित व्यक्तियों को पहचाना जा सके। यह कंप्यूटर प्रोग्राम, सबसे First किसी चेहरे के चित्र को लेता है और फिर चेहरे की विभिन्न विशेषताओं (जैसे आंखों के बीच की दूरी, नाक की लंबाई, जबड़े का कोण और ठोडी की बनावट आदि) का विश्लेषण करता है और फिर Single अद्वितीय कंप्यूटर फाइल बनाता है जिसे ‘टेम्पलेट’ कहते हैं। इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (प्रोग्राम) Second चेहरों के भी टेम्पलेट तैयार करता है और फिर इन टेम्पलेटों का परस्पर मिलान करके बताता है कि दो चेहरे किस प्रकार Single-Second से समान हैं। इस तंत्र के लिए चेहरे के चित्रों का प्राथमिक स्रोत, वीडियो कैसेट्स में उपलब्ध चित्र और ड्राइविंग लायसेंस व पहचान-पत्रों पर लगे व्यक्ति के चित्र हो सकते हैं।

अन्य बायोमैट्रिक्स तकनीकों के विपरीत ‘फेशियल रिकोगनिशन टेक्नॉलॉजी’ का प्रयोग साधारण सर्विलांस के लिए सार्वजनिक स्थलों पर भी Reseller जा सकता है। यदि चेहरा पहचानने के इस तंत्र को सार्वजनिक वीडियो कैमरों (क्लोज सर्किट कैमरे) से जोड़ दिया जाए तो किसी व्यक्ति विशेष (कोई खूंखार अपराधी या आतंकवादी) को भारी भीड़ के बीच से भी पहचानना संभव हो जाएगा।

आजकल चेहरा पहचानने की कई अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग भी Reseller जा रहा है। ऐसा ही Single नया सिस्टम कुछ हवाई अड्डों पर परीक्षण के तौर पर लगाया गया है। इस सिस्टम के लिए सॉफ्टवेयर बनाते समय फोटो का विश्लेषण करते हुए हजारों चेहरों को 128 अलग-अलग इमेजों में तोड़ दिया जाता है। इन इमेजों को ‘इंजीन फेसेज’ कहते हैं। इन्हें Single साथ मिलाकर फेशियल फिजियोनॉमी की Single पूरी रेंज उभर आती है और फिर सामान्य इमेज का मिलान All इंजीन फेसेज से Reseller जाता है। अब इस सिस्टम के द्वारा वास्तविक व्यक्ति और उसके टेम्पलेट का मिलान Reseller जा सकता है। इस सिस्टम द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को विमान में चढ़ने से रोका जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि हवाई अड्डा अधिकारियों को किसी आतंकवादी विशेष के विमान में उड़ने का अंदेशा हो तो अधिकारी, विमान में प्रवेश करने वाले यात्रियों के चेहरे का मिलान, कंप्यूटर सिस्टम में मौजूद उस आतंकवादी के इंजीन फेस से करता है। यह तकनीक अभी परीक्षण के दौर में ही है और इसमें बहुत सी दिक्कतें भी हैं। सबसे बड़ी दिक्कत तो है Single कारगर डेटाबेस बनाने की। हालांकि कुख्यात आतंकवादियों की तस्वीरें सिस्टम में डाली जा सकती हैं लेकिन केवल कुछेक आतंकवादियों की तस्वीरें ही उपलब्ध हैं। इसके अलावा डेटाबेस में आतंकवादी की तस्वीर मौजूद होने के बावजूद किन्हीं Second कारणों से भी मिलान में दिक्कत आ सकती हैं। उम्र बढ़ने पर चेहरे का Reseller-रंग बदल जाता है जिस कारण यह सिस्टम फेल हो सकता है।

आवाज/स्वर पहचान 

आजकल ऐसी तकनीकें भी अस्तित्व में आ चुकी हैं जो प्रयोगकर्ता को यह सुविधा प्रदान करती हैं कि प्रयोगकर्ता अपनी आवाज के आधार पर ही किसी स्थान तक पहुंच सके। इस स्वर-पहचान आधारित बायोमैट्रिक तकनीक में सबसे First किसी व्यक्ति की आवाज/स्वर को कंप्यूटर में रखा जाता है। कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर इस आवाज की पहचान कर लेता है। बाद में वह केवल उसी व्यक्ति को उस स्थल पर प्रवेश करने की अनुमति देगा, जिसकी आवाज First से ही कंप्यूटर में दर्ज होगी। इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग आजकल फोन-बैंकिंग में आमतौर पर Reseller जाने लगा है। फोन-बैंकिंग के अंतर्गत बैंक का ग्राहक, बैंक के ग्राहक-सेवा केन्द्र को फोन करता है और फिर वह फोन के सहारे ही अपने खाते को संचालित करता है। ग्राहक, फोन-बैंकिंग द्वारा धनादेश बनाने का निर्देश दे सकता है और खाते से धनराशि को स्थानांतरित भी करवा सकता है। फोन बैंकिंग के सहारे बैंक का ग्राहक वह सारे कार्य कर सकता है जो वह बैंक की खिड़की/काउंटर पर जाकर करता है। इस प्रकार किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा फोन-बैंकिंग की सुविधा का इस्तेमाल करके किसी अन्य के खाते को संचालित करने की आशंका सदैव बनी रहती है लेकिन स्वर-पहचानने वाली नई तकनीक के प्रयोग से ऐसी किसी भी आशंका से बचा जा सकता है। स्वर-पहचान की तकनीक के अंतर्गत ग्राहक के स्वर (आवाज) को बैंक के कंप्यूटर में दर्ज कर लिया जाता है। जब भी कोई ग्राहक, अपने बैंक से फोन-बैंकिंग द्वारा संपर्क करता है तो बैंक का कंप्यूटर, फोन करने वाले व्यक्ति के स्वर का मिलान उस ग्राहक विशेष के कंप्यूटर में First से दर्ज स्वर से करता है। यदि दोनों स्वर समान होते हैं तो ग्राहक-सेवा-अधिकारी, बैंक के ग्राहक को उसका खाता संचालित करने की अनुमति दे देता है और यदि दोनों स्वरों में समानता नहीं होती है तो तथाकथित ग्राहक को फोन-बैंकिंग सुविधा का लाभ लेने से वंचित कर दिया जाता है।

हाथ And अंगुलि पहचान 

विभिन्न बायोमैट्रिक तकनीकों की सहायता से किसी व्यक्ति के हाथों और उसकी अंगुलियों को पहचानना भी संभव हो गया है। हाथ व अंगुलि पहचान की इस तकनीक के अंतर्गत हाथों की ज्यामितिय Creation के आधार पर किस व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है। इस विधि के कार्यान्वयन के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कुछ उपकरण तो हाथ की दो-तीन अंगुलियों का ही विश्लेषण करते हैं जबकि कुछ उपकरण, व्यक्ति के पूरे हाथ का गहराई से विश्लेषण करते हैं। इसी प्रकार कुछ पहचान-तंत्र, हाथों की अंगुलियों की ज्यामितीय के आधार पर भी व्यक्ति की पहचान स्थापित करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, कुछ हवाई अड्डों पर ऐसी सुविधा है कि काफी अधिक संख्या में यात्रा करने वाले ग्राहकों को मात्र ‘हैंड स्कैन डिवाइस’ की जांच से ही गुजरना पड़ता है और ऐसे यात्री अन्य Safty व दस्तावेज़ जांच से बच जाते हैं। इस पहचान तंत्र का उपयोग, अन्य बायोमैट्रिक तंत्रों के साथ सम्मिलित Reseller से भी Reseller जा सकता है। इस विधि का इस्तेमाल, किसी व्यक्ति विशेष को किसी स्थल विशेष में प्रवेश देने या नहीं देने के लिए भी Reseller जा सकता है।

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