प्राकृतिक चिकित्सा का Means And परिभाषा

प्राकृतिक चिकित्सा का Means-

हमारे पूर्वज And ऋषि-मुनियों के द्वारा आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व वर्तमान में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से परिचित हो गये थे। इसी कारण उन्होंने विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की खोज की थी जिससे शरीर में रोग के लक्षण न उत्पन्न हो, और यदि किसी भूल के कारण रोग हो जाए तो प्राकृतिक तत्वों द्वारा जैसे- धूप, मिट्टी, जल, हवा, जड़ी बूटियों आदि द्वारा तुरन्त उन पर नियन्त्रण प्राप्त कर लिया जाय। इसी पद्धति को प्राकृतिक चिकित्सा के नाम से जाना गया है।

प्राकृतिक चिकित्सा में उपचार की तुलना में स्वास्थ्यवर्धन पर अधिक महत्व दिया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ जीवन जीने की Single कला विज्ञान है। मनुष्य प्रकृति का Single हिस्सा है और उसका शरीर इन्ही पंचतत्वों से बना है Earth, जल, अग्नि, वायु और आकाश। प्राकृतिक चिकित्सा का यह अटल सिद्धांत है कि Human शरीर में स्थित Single ही विजातीय द्रव्य अनेकों रोगों के Reseller में तथा विभिन्न नामों से प्रकट होता है। शरीर में रोग केवल Single है जो हमारे शरीर में मल के Reseller में जमा है और वही मूलत: रोग की जड़ है, इसकी उपज हमारे अप्राकृतिक जीवन यापन से होती है। अव्यवस्थित जीवन शैली से शरीर में दूशित मल विजातीय द्रव्य Singleत्र होने लगते हैं और परिस्थिति वायु प्रकृति (जीवनी शक्ति आदि) के According अलग-अलग लोगों में इन विजातीय द्रव्यों का बहिष्करण भिन्न भिन्न तरीकों से होता है Meansात् अलग अलग रोग परिलक्षित होते हैं जैसे बुखार जुकाम आदि। इन सबकी Single ही चिकित्सा है विजातीय द्रव्यों का निश्कासन। वास्तव में आहार विहार And रहन-सहन की अनियमितता तथा असंयम के कारण ही रोगों का प्रादुर्भाव होता है। संयमित और नियमित जीवन से मनुष्य रोग मुक्त हो जाता है। वास्तव में प्राकृतिक चिकित्सा Single चिकित्सा पद्धति नहीं अपितु जीवन जीने की कला है जो हमें आहार, निद्रा, Ultra site का प्रकाश, पेयजल, विशुद्ध हवा, सकारामकता And योग विज्ञान का समुचित ज्ञान कराती है। प्राकृतिक चिकित्सा से रोग ठीक किये जाते हैं पर यदि प्रकृति के According जीवन जिया जाय तो रोग होंगे ही नहीं। प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा जीवन निरोगी बनाया जा सकता है। प्राकृतिक चिकित्सा उतनी ही पुरानी है जितनी कि प्रकृति। इसके पॉंच आधार हैं। प्राकृतिक चिकित्सा वास्तव में जीवन यापन की सही पद्धति को कहते हैं। यह ठोस सिद्धांतों पर आधारित Single औषधि रहित रोग निवारक पद्धति है। ‘‘प्राकृतिक चिकित्सा व्यक्ति को उसके शारीरिक, मानसिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक तलों पर प्रकृति के Creationत्मक सिद्धांतों के अनुकूल निर्मित करने की Single पद्धति है। इसमें स्वास्थ्य संवर्धन रोगों से बचाव व रोगों को ठीक करने के साथ ही आरोग्य प्रदान करने की अपूर्व क्षमता है।’’

प्राकृतिक चिकित्सा की परिभाषा-

प्राकृतिक चिकित्सा All चिकित्सा प्रणालियों में सर्वाधिक पुरानी चिकित्सा पद्धति है। प्राचीन काल से पंचमहाभूतों- Earth, जल, अग्नि, वायु, आकाश तत्व की महत्ता की है। प्राकृतिक चिकित्सा न केवल उपचार की पद्धति है अपितु यह Single जीवन पद्धति है इसे बहुधा औषधि विहीन उपचार पद्धति कहा जाता है। यह पूर्णReseller से प्रकृति के सामान्य नियमों के पालन पर आधारित है।प्राकृतिक चिकित्सा सम्बन्धी विभिन्न विद्वानों का मत-

  1. कुने लुर्इस 1967- ‘‘प्राकृतिक प्रणाली जिसका कि चिकित्सा के Reseller में उपयोग करते हैं तथा जो दूसरी पद्धतियों से गुण में बहुत अच्छी है, बिना औषधि या आपरेशन के उपचार की आधार की शिक्षा है।’’
  2. जुस्सावाला जे0एम0 (1966)-’’प्राकृतिक चिकित्सा Single विस्तृत Word है जो रोगोपचार के All प्रणालियों के लिये उपयोग Reseller जाता है जिसका उद्देश्य प्राकृतिक शक्ति And शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ सहयोग करना है। यह व्याधि से मुक्त कराने का Single भिन्न तरीका है जिसका जीवन स्वास्थ्य And रोग के संबन्ध में अपना स्वयं का Single दर्शन है।
  3. बेनजामिन हेरी- ‘‘प्राकृतिक चिकित्सा व्याधि से मुक्त करने तथा रोग का दर्शन है।’’ प्राकृतिक चिकित्सा शरीर की स्वयं की आंतरिक सफार्इ And शुद्धिकरण की स्वीकृति देती है। इस प्रकार यह अशुद्धता And अनुपयोगी पदार्थ जो कि अधिक वर्षों के कारण Singleत्र हो गया तथा जो सामान्य कार्य में बाधा उत्पन्न करता था उसें निकाल फेंकता है।
  4. महात्मा गांधी-’’प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से रोग मिट जाने के साथ ही रोगी के लिये ऐसी जीवन पद्धति का आरम्भ होता है जिसमें पुन: रोग के लिये कोर्इ गुंजाइश ही नहीं रहती।’’
  5. पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य- ‘‘प्राकृतिक चिकित्सा का Means है प्राकृतिक पदार्थों विशेषत: प्रकृति के पांच मूल तत्वों द्वारा स्वास्थ्य रक्षा और रोग निवारक उपाय करना।’’
  6. विलियम ओसलर- प्रकृति जिसे आरोग्य नही कर सकती उसे कोर्इ भी आरोग्य नहीं कर सकता है।
  7. महात्मा गाँधी- ‘‘जिसे हवा, पानी और अन्न का परिणाम समझ में आ गया वह अपने शरीर को स्वस्थ रख सकता है उतना डाक्टर कभी भी नहीं रख सकता।’’
  8. प्रो0 जीसेफ स्मिथ एम.डी.- दवाओं से रोग अच्छा नहीं होता बल्कि केवल दबाता है। रोग हमेशा प्रकृति अच्छा करती हैं।
  9. हिपोक्रेटस- ‘‘प्रकृति रोग मिटाती है, डाक्टर नहीं।

अत: कहा जा सकता है कि प्राकृतिक चिकित्सा रोगों को दबाती नहीं वरन् उसकी जड़ को खत्म करने में सक्षम है।

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