परिवार नियोजन का Means और परिवार नियोजन के उपाय

परिवार नियोजन का Means और परिवार नियोजन के उपाय


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अनुक्रम

परिवार नियोजन का साधारण Means है कि ‘‘Single दम्पति यह योजना बनाएं कि जन्म नियन्त्रण करके कितने बच्चों को पैदा करना है।’’ उस हेतु उसे परिवार नियोजन को प्रयोग में लाना है। अन्य तकनीकि विधियों संसर्ग शिक्षा, संसर्ग जनित संक्रमण से उत्पन्न होने वाली बीमारी के इलाज का प्रावधान, गर्भाधान पूर्व सलाह And प्रजनन का प्रावधान इत्यादि।

परिवार नियोजन कभी-कभी जन्म नियन्त्रण All धर्मों में समाजिक Reseller में Reseller जाता है, यद्यपि परिवार नियोजन जन्म नियन्त्रण के अतिरिक्त बहुत अधिक है। परन्तु वह परिस्थितियों के आधार पर ही प्रयोग होता है, Single स्त्री पुरुष दम्पत्ति जो परिवार में बच्चों की संख्या नियन्त्रित रखना चाहते हैं। जो गर्भाधान के समय को नियन्त्रित करना चाहते हैं (उसे समयान्तर विधि कहते) दो बच्चों के बीच समान्तर को रखना चाहते हैं। अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए और जो संसर्ग जन्म संक्रमण से जिसमें परिवार नियोजन को उच्च स्तरीय सेवाएं महिलाओं And पुरूषों के लिए जो पुरुष/महिलाएं बच्चों के बीच अन्तर रखना तथा अनचाहे बच्चों के जन्म को रोकना तथा प्रजनन संक्रमण से बचना चाहते हैं, उनकी सहायता के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम घोषित Reseller गया।

परिवार नियोजन के उपाय

वर्तमान परिवार कल्याण कार्यक्रम जो कैन्टीन प्रयास पर आधारित था। अधिकसंख्य में नसबंदी कार्यक्रम की ही उपलबध्ता थी। सन् 1960 के दौरान विकसित देशों में परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रारम्भिक विधि ही थी। जैसे- कैलेण्डर तरीके से जन्म नियंत्रण विधि अपनायी जाती थी। राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्य केवल नसबंदी की ही सेवा प्रदान करता है। परिवार नियोजन के दो तरीके हैं :-

  1. परिवार नियोजन का नैसर्गिक/प्राकृतिक उपाय।
  2. परिवार नियोजन के कृत्रिम उपाय

परिवार नियोजन के प्राकृतिक उपाय

नैसर्गिक परिवार नियोजन इस पर आधारित है कि संर्सग के समय व्यवधान डालना जो माह में प्रजनन का समय कहलाता हैं बहुधा अधिकांश महिलाओं में डिम्ब ग्रन्थि अगले मासिक धर्म के 14 दिन पूर्व निकलता है यद्यपि अनिषेचित डिम्ब 12 घंटे तक जीवित रहता है। संर्सग के उपरांत गर्भाशय में शुक्राणु 5 दिन पूर्व तक जीवित रहता है और डिम्ब 12 घण्टे उपरांत तक। परिवार नियोजन कुछ नैसर्गिक उपाय निम्न प्रकार है :-

  1. मासिक चक्र
  2. तापमान उपाय
  3. तरल पदार्थ उपाय
  4. Windows Hosting काल उपाय
  5. अपूर्ण निषेचन

कलेण्डर उपाय

महिलाओं के लिए उपयोगी है जिसका मासिक चक्र नियमित हो। यह निर्धारण करने के लिए इन दिनों संसर्ग करने से परहेज Reseller जाए। Single महिला मासिक चक्र में 18 दिन तक निम्न And 11 दिन अधिकतम अपने पूर्व मासिक धर्म के 12 मासिक चक्र उदाहरणार्थ यदि पिछला मासिक चक्र 26 से 29 दिवसों का है तो उसे पुरूष संसर्ग दिवसों 8 (26-8) लेकर दिवस 18 (29-11) प्रत्येक चक्र से बचना चाहिए। यदि चक्र की अवधि अधिक परिवर्तन शील है तो महिला को पुरूष संसर्ग में लम्बी अवधि तक परहेज करें। जिस दिन मासिक चक्र प्रारम्भ हो उसे First दिवस मानकर चले।

तापमान विधि

Single महिला के शरीर का तापमान आराम करने की अवस्था में हल्का बढ़ा हुआ होता है। Meansात 0.9 डिग्री फारेनहाइट, जबकि डिम्ब ग्रन्थि से डिम्ब निकलता है सम्पूर्ण शरीर का तापमान ज्ञात करने के लिये प्रत्येक सुबह विस्तर से बिना उतरे महिलाओं को तापमान देखना चाहिये यदि सम्भव हो सके तो महिला के सम्पूर्ण शरीर का तापक्रम के लिए थर्मामीटर का प्रयोग करें। (जो अत्यधिक सही) किसी कारणवश यदि वह अनुपलब्ध है जो मरकरी थर्मामीटर, इलैक्ट्रिक थर्मामीटर जो अत्यधिक सही होते हैं, का प्रयोग करें। तापमान प्रतिदिन अंकित Reseller जाए। महिला को पुरुष सम्पर्क से तब तक बचना चाहिये जब तक मासिक चक्र प्रारम्भ से 72 घंटे तक अपने वैसल शरीर तापमान की वृद्धि हो रही है।

म्यूकस विधि

महिला अपने गर्भकाल के दौरान योनिद्वार से चिपचिपा उत्सर्जन के आधार पर निर्धारित कर सकती है। यदि सम्भव हो तो दिन में कई बार मासिक चक्र के निवृत्त के कुछ दिन बाद तक And उसके कुछ समय बाद यह धुंधला गाढ़ा उत्सर्ज अधिक स्राव निकलता है। इसके उपरान्त हल्का पतला चिपचिपाहट युक्त साफ और पानी के सामान पतला स्राव निकलने लगे। जब शारीरिक तापमान बढ़े तब महिला को पुरूष संसर्ग से बचना चाहिये। First दिवस से कम से कम 72 घण्टे का प्रतिबन्ध आवश्यक है। इस समय शारीरिक तापमान बदल जायेगा और स्राव भी बदल जायेगा। परिवार नियोजन की विधियों में यह सबसे विश्वसनीय है। इसके सम्पूर्ण प्रयोग से गर्भाधान में 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की कमी आती है।

Windows Hosting काल विधि

गर्भ में रोक- पति, पत्नी आपस में संसर्ग न करें जिस समय या जिस दिन महिला को अत्यधिक प्रजननात्मकता है और गर्भ ठहरने की सम्पूर्ण सम्भावना है। दम्पत्तियों को 8-9 दिन इस स्थिति से पूर्व And मासिक चक्र के बाद सहवास करना। यही Windows Hosting काल कहलाता है। चक्र के समय डिम्ब गर्भाशय में हो सकता है और यह सम्भावना अधिक है कि गर्भाधान हो जाए। ध्यान देने योग्य बात है कि यह विधि उन्हीं महिलाओं को प्रयोग करनी चाहिये जिनका चक्र नियमित है।

अपूर्ण सम्भोग

इस विधि में सहवास के समय पुरूष स्खलन पूर्व महिला की योनि से लिंग बाहर निकाल लें। इस प्रकार शुक्राणुओं को गर्भाशय मे जाने से रूकावट पैदा करते है और गर्भाधान को रोकते है यह महत्वपूर्ण है कि पुरूष स्वनियन्त्रण की विधि का अभ्यास करे सहवास के समय Single बूद शुक्राणु यदि योनि में प्रवेश कर गये तो परिणामत: गर्भाधान हो सकता है।

अप्राकृतिक विधि

अधिकांश दम्पत्ति बच्चों के होते हुये भी यह ध्यान रखते हैं कि वह कितने बच्चे रखें। परिवार नियोजन की बहुत सारी विधियां हैं। प्राकृतिक परिवार नियोजन की विधि जो जिसमें महिलाओं को यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि चक्र के समय महिला किन दिनों में गर्भित हो सकती हैं इस तरह परिवार नियोजन में बहुत से अप्रकृतिक विधि है जो है :

  1. स्किन पैचेज और वेजाइनल ंिरंग्स।
  2. हारमोन्स तरीका।
  3. कृत्रिम दवाइयां।
  4. निरोधक विधि।
  5. गोलियां।
  6. गर्भ निरोधक इंजेक्शन।
  7. दवाखाना और कृत्रिम उपाय।
  8. आकस्मिक दवा का प्रयोग।
  9. रोधक कृत्रिम उपाय।
  10. नसबन्दी।
  11. निरोध।
  12. डायाफ्राम।
  13. कैप।
  14. शुक्राणु निरोध कैप।

स्किन पैचेज And वजाइनल रिंग विधि

स्किन पैचेज And वजाइनल रिंग विधि में इस्ट्रोजन And प्रोजेस्ट्रॉम का प्रयोग 3 व 4 सप्ताह देकर रोक दिया जाता है। 4 सप्ताह में मासिक चक्र होने के कारण कोई भी विधि का प्रयोग नहीं Reseller जाता। निरोध की विधि स्किन धब्बे को 3 सप्ताह के लिए लगाते है। इसके बाद उसे हटा देते हैं। इसके बाद नये स्थान या अन्य क्षेत्र में लगा देते हैं, Fourth सप्ताह में कोई भी पैच नहीं प्रयोग Reseller जाता प्रयोग किये गये स्थान-सौनास या गर्भ डिम्ब को हस्तारित करने के लिए अनुमति नहीं दी जाती।

प्लास्टिक की विधि को योनि में प्रवेश कराकर 3 सप्ताह के लिए छोड़ देते है और Single सप्ताह के बाद हटा देते हैं। महिला रिंग को स्वयं से हटा सकती है। संसर्ग के समय पुरूष को इसका आभास नहीं होता। प्रत्येक माह Single रिंग का प्रयोग होता है यह तो विधि प्रभावशाली है अथवा विशेष तथा पूरे प्रयोग And प्रभाविक ढंग से प्रयोग में यह खाने वाली गर्भ निरोधक गोलियों की भांति ही है। अधिक वजन वाली महिलाओं में पैच कम प्रभावशाली है अन्य विधियों में लगातार मासिक चक्र में धब्बा पड़ना, रक्त स्राव होना स्वाभाविक लक्षण हैं। जो साइडइफेक्ट And स्वभाव तथा प्रयोग की सम्मिलित गर्भ निरोध गोलियों के प्रयोग से असाधारण विकास की संभावनाएं अधिक होने कारण प्रयोग निषिद्ध कर दिया जाता है।

हार्मोन पद्धति

गर्भ निरोधक हार्मोन मुख से लिए जा सकते है न कि योनियों प्रवेशित करके त्वचा के ऊपर, तथा त्वचा के नीचे प्रयोग करके And सूची वेध के माध्यम से मांस पेशियों के अन्तर्गत लगाकर। हार्मोन का प्रयोग गर्भ को रोकने हेतु इस्ट्रोज And प्रोजेस्टान (ड्रम में प्रोजेस्टान को मिलता-जुलता) हार्मोन विधि गर्भ ठहरने का रोकने And मुख्यत: डिम्ब ग्रथियों द्वारा डिम्ब के उत्सर्जन का कार्य रोक दिया जाता है, जिसके फलस्वReseller सर्विक्स गर्भ ग्रीवा से निकलने वाला तरल पदार्थ इतना गाढ़ा हो जाता है कि उसमें शुक्राणु प्रवेश करने में सक्षम नहीं हो पाते। हार्मोन विधि में डिम्ब का हार्मोंस द्वारा Destroy करने से रोकना है। All हर्मोन विधियों के अन्तर्गत Single ही प्रकार के तरीके है।

खाने वाली गर्भ निरोधक

खाने वाली गर्भ निरोधक को सामान्यत: जन्म नियन्त्रण वाली गोली के नाम से जाना जाता है। जिसमें केवल हार्मोन या प्रोजेस्टिन And इस्ट्रोजिन या केवल प्रोजेस्टिन होता है। कम्बाइण्ड हार्मोन व गोलिया विशेष Reseller से दिन में Single गोली 3 सप्ताह तक (21 दिन) लेनी है। शेष सप्ताह में नहीं लेनी है। मासिक चक्र प्रारम्भ हो जायेगा। इसके उपरांत ये गोलियाँ अप्रभावकारी होंगी। गोलियां Single सप्ताह तक लेनी है और Single गोली 12 सप्ताह तक लेनी है परन्तु Single सप्ताह तक नहीं। इस प्रकार वर्ष में चार बार ही मासिक काल होगा। अन्य उत्पादों में Single गोली प्रतिदिन लेनी है। इस उत्पाद में रक्त स्राव वाली समस्या नहीं उत्पन्न होती। परन्तु अनिश्चित रक्त स्राव प्राप्त हुआ है पर यह मात्र 0.37 प्रतिशत महिलाओं की यह समस्या है सम्मिलित हार्मोनों वाली First वर्ष में प्रयोग के समय गर्भित हो सकती है। यद्यपि गर्भधारण के सम्भाविता अधिक है पर यदि यह लेने में चूक न हो जाय विशेषत: First बार के मासिक धर्म के समय।

इस्ट्रोजन

इस्ट्रोजन की मिली-जुली गोलियों की खुराक अलग-अलग है। साधारणत: मिली-जुली गोलियाँ की हल्की खुराक इस्ट्रेजिन 20-35 माईक्रोग्राम) ही प्रयोग में लाई जाती है क्योंकि इसमें कुछ गम्भीर तरह के उपद्रव स्वत: उच्च खुराक (50 माइक्रोग्राम) वह स्वस्थ महिलाएं जो धूम्रपान नहीं करती उन्हें वो इन्टेन्सिटी की खुराक मिले-जुले हार्मोन वाली गोली बेहिचक मासिक धर्म निवृत्त के बाद दी जा सकती है।

प्रोजेटिन

यह केवल अपने तरह की Single ही गोली है जो प्रतिदिन माह भर दी जा सकती है। इनके प्रयोग में अनिश्चित रक्त स्राव हो सकता है। गर्भाधान पर मिली-जुली हार्मोन की गोली की ही भाँति है। जब महिलाओं को गोलियों नुकसान देने लगे उस अवस्था में ही दिया जाता है। उदाहरणार्थ- यह गोलियों का प्रक्रियासन किसी स्तन पान कराने वाली महिला को दिया गया क्योंकि गोलियां स्तन के दूध के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव/या हानि कर प्रभाव नहीं डालती। गोलियों के प्रयोग के प्रारम्भ में ही महिला का स्वास्थ्य परीक्षण रक्त चाप के साथ यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि उसे कोई स्वास्थ्य समस्या, खाने वाली गर्भ निरोधक गोलिया खाने से स्वास्थ्य का कोई भी खतरा नहीं होगा। गर्भ निरोधक गोलियों के तीन महीने में प्रयोग के उपरान्त Single जाँच यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसका रक्तचाप बदल गया है। यदि नहीं तो फिर उसे वर्ष में Single बार जांच अवश्य ही करा लेनी चाहिये।

यदि उसे धमनी के रोगों या मधुमेंह या अन्य कोई खतरा है तो उसे कोलेस्ट्राल लिपिड And शर्करा की जांचे आवश्यक है यदि यह All स्तर में कोई बीमारी नहीं है तो चिकित्सक महिलाओं के इस्टे्रजिन के गर्भ निरोधक के बतौर तय कर सकता है। गर्भ निरोधक गोलियों के प्रयोग को प्रारम्भ करके महिला को डाक्टर से बात-चीत कर इसके प्रयोग से होने वाली लाभ And हानियों के विषय में जानकारी ले लेनी चाहिये जिससे खाने वाले गर्भ निरोधक उपकरण के प्रयोग से उत्पन्न हो सकती है।

(क) लाभ – इसके प्रयोग से मुख्य लाभ तो यह है कि यह Single विश्वसनीय गर्भ निरोधक है। यदि खाने वाली गोलियो का प्रयोग नियन्त्रित ढंग से ही Reseller जाये, जिससे महिलाओं में िस्स्ट (मा0) गर्भधान की And स्तन की, डिम्ब ग्रंन्थि की गाँठ फैलोसियन ट्यूब में संक्रमण और जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोली का प्रयोग करती है उनको यह बीमारी होने का भी खतरा हो सकता है।

गर्भ निरोधक गोली के प्रयोग से कई तरह के कैन्सर होने का खतरा हो सकता है। खाने वालीे गर्भ निरोधक गोलियों के लम्बे समय तक उपयोग के कारण गर्भाधान पर विपरीत असर डालता है यद्यपि उस समय डिम्ब उत्सर्जन न करेगीं। डाक्टरों की राय है कि महिलाओं को 2 सप्ताह तक प्रसवों प्रतीक्षा कर लेनी चाहिये।

(ख) हानियां – इसमें कुछ विपरीत परिणाम हो सकते हं,ै जैसे- अचानक रक्त स्राव जो सामान्य ही है प्रयोग के कुछ First माहों में होता, परन्तु जैसे ही शरीर हार्मोन्स को जिस तरह स्वीकार कर लेता है।

असामान्य रक्त स्राव होने समय डाक्टर उसे रोक देने हेतु सलाह दे सकते है यह प्रतिदिन लेने की सलाह दे सकते है। किसी रूकावट के दिमागी रक्त स्राव का प्रकरण स्वयं बंद हो जायगा कुछ इस्ट्रोजिन गोलियों में देखे गये हैं। जिसमें मिचली आना, कपडों पर धब्बों के साथ ही स्राव का रूकना And रक्तचाप में वृद्धि के लक्षण के साथ ही स्तनों में गर्माहट And अर्धकपारी दर्द And अन्य इस्ट्रोजिन की खुराक से सम्बन्धित है। जैसे शरीर का वजन बढ़ना, स्नायु विकृत कुछ महिलाएं जो गर्भ निरोधक खाने वाली गोलियों का प्रयोग करती हैं उसे 5 पौण्ड तक स्राव के रूकने के कारण बढ़ जाता है। इनके बहुत साइड इफेक्ट है। कुछ औरतों में खाने वाली गर्भ निरोधक उपकरणों के प्रयोग से गहरे धब्बे चेहरे पर दिखाई पड़ते हैं। गर्भावस्था में भी इसी तरह के धब्बे पड़ते हैं जो प्रकटीकरण ज्यादा दिखाई पड़ता है। यदि गहरे धब्बे दिखाई पड़े तो महिला को खाने वाली गर्भ निरोधक के प्रयोग रोकने की सलाह डाक्टर को दिखा कर लेनी चाहिये। जैसे गोलियों का प्रयोग रोक दिया जायगा धब्बे खुद व खुद कम पड़ने लगेगें।

गर्भ निरोधक गोलियों के उपयोग की वृद्धि के According कुछ खराबियां भी परिलक्षित होने लगेगीं। जो महिलाएं संयुक्त Reseller से गर्भ निरोधक गोलियों का उपयोग कर रही है कम मात्रा में ली गई दवाओं से हार्ट अटैक अथवा हार्ट स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है। 5 वर्ष से अधिक खाने वाली गर्भ निरोधक गोलियों का उपयोग गर्भाशय ग्रीवा को कैन्सर के बढ़ जाने की सम्भावना बनी रहती है। वह महिलायें जो गर्भ निरोधक (खाने वाली) गोली का प्रयोग Single वर्ष से अधिक समय तक करें, उनको चाहिए कि वह प्रत्येक वर्ष अपनी जाँच करा लें। इस टेस्ट से गर्भाशय में कैन्सर से उत्पन्न होने वाले खतरे की संभावना का पता लगा सकेंगी। 35 से 65 वर्ष की महिलाओं में स्तन कैन्सर की भी सम्भावना रहती है यह भी अधिक नहीं बढ़ पायेगा। वह महिला जिसकी आयु 35 वर्ष से बड़ी है उसमें हार्ट अटैक बीमारी का खतरा अधिक रहता हैं। ऐसी महिलाएं खाने वाली गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग न करें।

आपात कालीन गर्भ निरोधक वह विधि है जिसे प्रात: गोली के उपरांत के नाम से ज्यादा जानी जाती है। यह गोली में हार्मोन्स या ड्रग जो हार्मोन की भांति कार्य करती है यह 72 घन्टे के बाद अWindows Hosting संर्सग के उपरान्त दी जाती है। बहुधा किसी अवसर पर निरोधक विधि फेल होने के कारण आपात गर्भ निरोधक का प्रयोग होता है जिससे Single यौन संसर्ग अWindows Hosting ढंग से Reseller गया हो। यदि ओ बूल्यूशन के निकट है तो 8 प्रतिशत बिना गर्भ-निरोधक उपकरण के भी प्रभावकारी होती है।

यौगिक खाने वाले गर्भ निरोधक

दो गोलिया योगिक खाने वाले गर्भ निरोधक के प्रयोग में है। यह दो गोलियां 72 घन्टे के अWindows Hosting गर्भ निरोधक की स्थिति में प्रयोग में लायी जाती इसके 12 घण्टे उपरान्त दो गोलिया ली जाती है। अन्तिम प्रकरण कम प्रभावशाली होता है अपेक्षाकृत अन्य दोनों के अधिक से अधिक 50 प्रतिशत महिलाएं को मित्तली And 20 प्रतिशत में यह दवायें’’ मितली And वमन को रोकने हेतु ली जा सकती है।

वैरियर निरोध

वैरियर निरोधक महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने में बाधा डालते हैं इसमें निरोध, डायाफ्राम, निरोध, कैप And निरोधक फोम का प्रयोग Reseller जाता है कुछ निरोध में शुक्राणु नाशक होता है। शुक्राणु नाशक का प्रयोग निरोध में अन्य बाधक के Reseller में प्रयोग होता है जबकि निरोध में ऐसा नहीं होता।

पुरूषों के लिए निरोध

निरोध पतली बचाव वाली झिल्ली होती है जो पुरुष लिंग कि ऊपर चढ़ाकर प्रयोग करते हैं। यह Latise द्वारा निर्मित होते हैं। निरोध संर्सग ज्ञान्य संमुजक होने वाली बीमारियाँ के साथ बैटीरिया पी जी वी द्वारा जैसे (Gonorrha syphilis सूजाक) And अन्य जीवाणुओं के द्वारा जैसे (H.P.V.Human Papiamo virus and H.I.V. [Human Annexure difficacy virus) यद्यपि यह Saftyकवच काफी है परन्तु सम्पूर्ण सुरिक्षत नहीं है, निरोध भी Safty प्रदान करता है। परन्तु यह बहुत पतले होने के कारण बहुधा फट जाते हैं। वह इतनी Safty जीवणुओं से सम्बंधित से प्रयोग H.I.V. को रोकने में समर्थ नहीं होता है।

निरोध का प्रयोग उसके प्रगतिशाली होने के लिए सही ढंग से Reseller जाए और उसी समय उसकी सही स्थिति रखने के लिए उसमें ½ इंच लगभग ¼ सेमी. ठीक इसलिए बना है कि शुक्राणुओं को सम्बंध करने के लिए Reseller जाता है।

बहुत से निरोध इकट्ठा करने हेतु रिव बनाते है। वीर्य स्खलन के बाद जब लिंग बाहर निकाल लिया जाता है तब भी निरोध उस पर चढ़ा रहता है इस प्रकार शुक्राणु महिला के योनी मार्ग से प्रवेश नहीं कर पाते यदि स्खलित वीर्य बाहर निकल जायेगा तो वह यौन मार्ग से प्रवेश कर गर्भाशय में पहँुच कर गर्भाधन कर सकता हैंं। प्रत्येक संभोग के समय नया निरोध प्रयोग करना चाहिए निरोध जिसकी विश्वसनीयता अनिश्चित कर लो तो उसका प्रयोग करें।

डायाफ्रामा

यह गुम्बद की तरह Single रबर की टोपी है जो परिवर्तन होने वाली रफ होती है। जो योनि में प्रवेश कराकर गर्भाशय पुरूष पर फिट कर दी जाती है इस प्रकार डायाफ्राम शुक्राणुओं को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकते है। ड्रायाफ्रामा भिन्न-भिन्न नाम के होते हैं जिसे कि स्वास्थ्य रक्षा की दृष्टि से चिकित्सक से परामर्श लेकर ही लगाना चाहिये।

जो महिलाओं को इसके प्रयोग के लिए प्रशिक्षित करता है। यदि Single महिला का वजन 10 पौण्ड से अपेक्षाकृत कम या ज्यादा प्राप्त करती है और समय Single साल से अधिक हो जाती है या महिला के गर्भपात या बच्चा पैदा हो जाता है। तो उसे पुन: लगवाने की जाँच कराकर Reseller जाए।

डायाफ्राम बिना किसी असुविधा के न तो प्रयोग करने वाली महिला को या उसके पति को उसके होने का एहसास कराता है। गर्भनिरोध क्रीम या जेली (which kills sperm) लगाकर ड्रायाफ्राम को प्रवेश Reseller जाए तो अधिक असर कारक होता है। सहवास के समय लगा ड्रायाफ्राम 8 घंटे के उपरांत निकल लेना चाहिये परन्तु इसके निकालने की अवधि 24 घंटे से अधिक न हो यदि ड्रायाफ्राम लगे रहने के समय सहवास की परिस्थिति पूर्ति है तो ड्रायाफ्राम में पुन: जेलीक्रीम लगाना आवश्यक है जिससे शुक्राणु मर सकें। महिला को यह जाँच करते रहना चाहिए कि कहीं डायाफ्राम फट तो नहीं गया है डायाफ्राम के प्रयोग के बाद भी 6 प्रतिशत और पूरा प्रयोग करने पर 16 प्रतिशत विशेष प्रकार के स्थितियों में मर्मित हो जाती है।

सरवाईकल कैप

यह डायाफ्राम की तरह ही छोटी And अधिक करी हुयी होती है जो सर्विन्स पर कसी हुयी होती है। यह संयुक्त राष्ट्र में उपलब्ध नहीं होती। यह किसी चिकित्सक द्वारा लगायी जाती है। इस कैप पर भी सहवास के First जेली क्रीम का प्रयोग करना ही आवश्यक है। सहवास के उपरांत 3 से 8 घंटे के बाद ही निकालना चाहिये। इसके प्रयोग से 9 प्रतिशत And विशिष्ट प्रयोग से 18 प्रतिशत गर्भाधान रोके जा सकते हैं। उसके अतिरिक्त गर्भाशय में समान्य कैप में लगाकर कॉन्ट्रोसेप्टिव स्पंज का प्रयोग Reseller जाता है। यह All काउन्टरों पर सुविधा से उपलब्ध हो जाता है। इसको लगाने हेतु स्वास्थ्य चिकित्सक की Need नहीं होती है।

Single महिला द्वारा सहवास के 24 घन्टे पूर्व इसे यौनि में रख सकती है। इससे कई बार सहवास करने पर भी कोई विपरीत प्रभाव नही पड़ता। sponge को अन्तिम सहवास के उपरांत 6 घंटे बाहर छोड़ा जा सकता है। परन्तु 30 घन्टे से अधिक समय बाहर नहीं रखना चाहिये उसके Single बार प्रवेश कराने पर पति को यह आभास नहीं होता परन्तु यह डायाफ्राम से अधिक प्रभावशाली होता है।

शुक्राणु नाशक सर्वाइकल कैप

शुक्राणु नाशक वह योगिक हो जिसके सम्पर्क में आने से शुक्राणु Destroy हो जाते हैं। यह यौनि में प्रयोग हेतु फोम (युक्त) क्रीम, जेली And अन्य सहायक जो सहवास के पूर्व यौनि मार्ग से रखे जाते हैं। इन निरोधकों द्वारा शरीर में शुक्राणु के पहुँचने में बाधा डालते हैं। Single प्रकार बनाये गये उपकरण अन्य उपकरणों की तुलना में अधिक कारगर है। शुक्राणु नाशक का सर्वोतम प्रयोग Single बाँध की भाँति कंडोम का डायाफ्रामा में उपयोग होते है।

इंट्रायूट्रिन डिवाइसेस (आई.यू.डी.)

गर्भाशय के उपकरण बहुत छोटे होते है। लचीले प्लाष्टिक से बना उपकरण है जो गर्भाशय में प्रवेश कराये जाते हैं। Single आई. यू. डी. Single बार में ही 5 वर्ष या 10 वर्ष के लिए लगाये जाते हैं। जो विभिन्न प्रकार के हैं और जब तक प्रयोग करने वाली की इच्छा नहीं है तब तक उसे बाहर निकाला जा सकता है। I.U.D का डालना And निकालना किसी चिकित्सक द्वारा अथवा प्रशिक्षित स्वास्थ्य रक्षा के कर्मचारी द्वारा Reseller जाता है। डालना केवल कुछ ही मिनट And उसका निकालना भी बहुत ही आसान होता है। आई.यू.डी. गर्भाधान को कई प्रकार से रोकता है।

  1. शुक्राणु को निश्चित अवस्था में मार कर।
  2. शुक्राणुओं को डिम्व से मिलने से रोकना।
  3. निश्चित डिम्व के गर्भाशय में स्थापित होने से रोकना।

इन संCreation की समय गर्भाशय साधारणत: परिजीवियों से संक्रमित हो जाता है, परन्तु यह संक्रमण कभी भी परिमाण दे पाता है। आई.यू.डी. का तार अधिक परिजीवियाँ का प्रवेश नहीं होने देते। Single आई.यू.डी. गर्भाशय के संक्रमण का डर केवल First माह में जब इसका प्रयोग होता है, की सम्भावना रहती है।

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