आगस्त कॉम्त का जीवन परिचय

आगस्त कॉम्त का जन्म (19 जनवरी 1798) Single
कैथोलिक परिवार में मौटपेलियर फ्रांस में हुआ था।
उनके माता-पिता फ्रांस की शाही सत्ता के समर्थक थे।
फ्रांस के Single सर्वाधिक प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान, ईकोल
पॉलीटैक्निक (Ecole Polytechnic) में उन्हें दाखिला मिला
था। यहाँ के अधिकतर विद्वान गणित तथा भौतिकी के
प्रतिष्ठित प्रोफेसर थे। उनकी समाज के अध्ययन में कोई
विशेष रूचि नहीं थी। लेकिन युवा कौंत फ्रांसीसी क्रान्ति
के कारण सामाजिक अव्यवस्था के प्रति बहुत संवेदनशील
थे। इसी कारण उन्होंने Human व्यवहार तथा समाज के
अध्ययन में बहुत रूचि थी। कौन्त ने ईकोल पॉलीटेक्निक
में Single छात्र आन्दोलन में भाग लिया तथा इसलिये उन्हें
वहाँ से निष्कासित कर दिया गया। ईकोल पॉलीटेक्निक
में वह एल.जी. बोनाण्ड तथा जोसफ द मैस्त्रे जैसे
परम्परावादी सामाजिक दार्शनिकों के प्रभाव में आया था। उन्होंने Human समाज के
विकास को संचालित करने वाली व्यवस्था के बारे विचार उन्हीं दार्शनिकों से लिये
(रेमन्ड ऐरन, 1966)।

आगस्त कॉम्त
आगस्त कॉम्त 

आगस्त कॉम्त फ्रांसीसी क्रान्ति द्वारा हुई सामाजिक अव्यवस्था से भी प्रभावित
हुआ था। वह फ्रांसीसी क्रान्ति के परिणामों के मध्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। वह उस
समय की अव्यवस्था और व्यक्ति के भौतिक तथा सांस्कृतिक पतन से लगातार परेशान
और चिंतित रहते थे। उनका मौलिक उद्देश्य यह था कि अव्यवस्था के स्थान पर
व्यवस्था कैसे प्रतिस्थापित हो और समाज की पुर्नCreation कैसे की जाये।

वर्ष 1824 में वह सेन्ट साइमन के सचिव बन गये। सेन्ट साइमन फ्रांसीसी
अभिजात वर्ग से थे, लेकिन अपने विचारों से वह यूटोपियाई समाजवादी थे Meansात् वह
ऐसे आदर्श समाज में विश्वास करते थे जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अवसर तथा संसाधनों
में समान हिस्सेदारी मिले। उनका मानना था कि समाज की समस्याओं का उचित
समाधान यह है कि आर्थिक उत्पादन का पुर्ननिर्माण Reseller जाये (टिमोशेफ 1967)।
सेण्ट साइमन सामाजिक और आर्थिक व्यवस्थाओं को पुर्नगठित करना चाहते थे।
आगस्त कॉम्त सेण्ट साइमन के घनिष्ठ मित्र तथा शिष्य बन गये तथा इन्हीं के
दिशा-निर्देशन में कौन्त की रूचि Meansशास्त्र में हो गयी। इन्हीं सामाजिक परिस्थितियों
के परिणामस्वReseller कौन्त ने समाज के विज्ञान की Single सामान्य अवधारणा का प्रतिपादन
Reseller, जिसे उन्होंने ‘समाजशास्त्र‘ का नाम दिया।

कौन्त का मुख्य ध्येय Human समाज का राजनीतिक पुर्ननिर्माण करना था।
उनका मानना था कि इस तरह के पुर्ननिर्माण को समाज की नैतिक Singleता पर निर्भर
होना होगा। इसी के सन्दर्भ में सेण्ट साइमन के साथ मिलकर उन्होंने कई प्रमुख
विचारों को प्रतिपादित Reseller। यद्यपि इन दोनों का सम्बन्ध अधिक समय तक नहीं
चला। इसके बाद कौंत ने अपने कुछ व्याख्यानों को ‘‘कोर्स द फिलासफी
पोजिटिव’’ (1830-42) में प्रकाशित Reseller। इस पुस्तक में इन्होंने तीन अवस्थाओं के
नियम के सम्बन्ध में लिखा और सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी अपनी अवधारणाओं को
व्यक्त Reseller। इसके बाद कौन्त ने Human समाज के पुर्ननिर्माण के मूल उद्देश्य की
पूर्ति करने की योजना में अपने को लगाया और सन् 1851-54 के बीच उनकी दूसरी
कृति ‘‘सिस्टम ऑफ पोजिटिव पोलिटी’’ चार खण्डों में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक
पर क्लोटाइल डी वॉक्स नामक Single महिला का अत्यधिक प्रभाव स्पष्ट है। उनकी
मित्रता केवल Single वर्ष तक रही, क्योंकि सन् 1846 में उनकी मृत्यु हो गयी।
‘‘सिस्टम आफ पोजिटिव पोलिटी’’ में आगस्त कॉम्त आंशिक Reseller से
प्रत्यक्षवाद से हटकर Human धर्म की व्यवस्था की ओर अग्रसर हो गये। विचारधारा में
आये इस बदलाव के कारण उनके बहुत से शिष्य तथा बौद्धिक मित्र जैसे इंग्लैण्ड के
जे.एस. मिल उनसे अलग हो गये। उन्होंने सामाजिक पुर्ननिर्माण में अपनी भूमिका को
इतनी गहराई से लिया कि उन्होंने रूस के King को समाज के पुर्ननिर्माण के सम्बन्ध
में Single योजना बनाकर भेज दी। लेकिन उनकी पुस्तकों को उनके जीवन में फ्रांस में
कोई मान्यता नहीं मिली। उनकी मृत्यु के बाद First इंग्लैण्ड में, फिर फ्रांस में तथा
जर्मनी में उनके विचारों को बहुत महत्व दिया जाने लगा। उन्नीसवीं शताब्दी के
उत्त्ारार्द्ध में फ्रांसीसी वैज्ञानिक आन्दोलन में इनके विचारों की छाप दिखाई देती है। इस
आन्दोलन का प्रतिनिधित्व टेने, रेनान, बर्थलोट और इंग्लैण्ड के जे.एस. मिल जैसे
विद्वानों ने Reseller था।

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