अनुसूची का Means, परिभाषा And प्रकार

अनुसूची प्राथमिक तथ्य संकलन की Single ऐसी विधि है जिसमें अवलोकन, साक्षात्कार तथा प्रश्नावली इन तीनों की ही विशेषताएं And गुण Single साथ पाये जाते हैं। इसके द्वारा उन क्षेत्र के सूचनादाताओं से भी सूचना प्राप्त की जाती है जो कि पढ़े-लिखे नहीं हैं। यह Single प्रत्यक्ष विधि है जिसमें साक्षात्कारकर्ता उत्तरदाता के साथ आमने-सामने प्रश्न पूछकर भरता है, अत: प्रश्नों का चयन सही प्रकार Reseller जाना आवश्यक होता है। यह प्रश्नों की Single औपचारिक तालिका या फार्म होती है, जिसका प्रयोग द्वितीयक समंक या तथ्य संकलन में होता है। अनुसूची के माध्यम से वैयक्तिक मान्यताओं, सामाजिक अभिवृत्तियों, विष्वासों, विचारों, व्यवहार प्रतिमानों, समूह व्यवहारों, आदतों तथा जनगणना आदि से संबंधित तथ्यों का संकलन Reseller जाता है। यही कारण है कि सामाजिक शोध में यह प्रमुखता से प्रयुक्त होती है।

  1. प्राथमिक तथ्यों के संकलन की Single विधि अनुसूची है।
  2. अनुसूची को उत्तरदाता के पास डाक द्वारा नहीं भेजा जाता है।
  3. अनुसूची में अवलोकन, साक्षात्कार तथा प्रश्नावली तीनों की ही विशेषताओं And गुणों का समन्वय पाया जाता है।
  4. अनुसूची Single फार्म के Reseller में प्रश्नों की Single लिखित सूची होती है जिसमें अध्ययन विशय से संबंधित प्रश्न And सारणियां होती हैं, जिसे क्षेत्रीय कार्यकर्ता सूचनादाता से पूछकर या व्यक्तिगत Reseller से अवलोकन करके भरता है।
  5. All क्षेत्रीय कार्यकर्ता यदि समान प्रश्न पूछते हैं तब अनुसूची में सजातीय सूचना Singleत्र होती है।

अनुसूची की परिभाषा 

  1. गुडे And हाट् – ‘‘अनुसूची उन प्रश्नों का समुच्चय है, जिन्हें साक्षात्कारकर्ता द्वारा किसी Second व्यक्ति के आमने-सामने की स्थिति में पूछे और भरे जाते हैं’’। 
  2. पी.वी.यंग – ‘‘यह गणना की Single विधि है जिसका प्रयोग औपचारिक And Humanीकृत गवेशनाओं में विभिन्न प्रकार के परिमाणात्मक तथ्यों के लिए Reseller जाता है’’। 

अनुसूची के प्रकार

यंग, लुण्डबर्ग तथा अन्य समाजशास्त्रियों ने अनुसूची को कर्इ प्रकार से विभाजित Reseller है। मुख्यत: अनुसूची के निम्न प्रकार हो सकते हैं।

  1. अवलोकन अनुसूची
  2. मूल्यांकन अनुसूची
  3. संस्था सर्वेक्षण अनुसूची
  4. साक्षात्कार अनुसूची
  5. प्रलेखीय अनुसूची

1. अवलोकन अनुसूची-

इस अनुसूची का प्रयोग अवलोकनकर्ता कार्य को व्यवस्थित, क्रमबद्ध And प्रभावी बनाने में करता है।इसमें प्रश्न के स्थान पर सारिणी का प्रयोग होता है। अत: प्रश्न Creation की जगह कुछ मोटी बातों का History रहता है। जिसमें विषय के According क्रमबद्ध Reseller से घटती घटनाओं का अवलोकनकर्ता description स्वयं देखकर लिखता है।यह विषय क्षेत्र को सीमित करने And आवष्यक तथ्यों पर घ्यान देने में सहायक होती है ।

2. मूल्यांकन अनुसूची-

इस प्रकार की अनुसूची का प्रयोग किसी विषय के बारे में लोगों की अभिवृत्ति, रूचि, राय, विश्वास तथा अभिमति आदि के सांख्यिकीय मापन हेतु Reseller जाता है। जिसे बाद में सांख्यिकीय आंकड़ों में व्यक्त Reseller जाता है।समाजशास्त्रिय शोध में दहेज प्रथा, बाल विवाह, मादक द्रव्य व्यसन जैसी गम्भीर समस्या को निर्बल बनाने वाले कारकों का अध्ययन इस विधि से होता है।इसी प्रकार राजनीतिक शोध में राजनीति में जाति की भूमिका, पंचायती राज में महिला भागीदारी आदि विषयों में प्रश्न पूछकर उत्तरदाताओं की पसंद ज्ञात की जाती है।इसके द्वारा सूचनादाता की पसंद नापसंद तथा पक्ष विपक्ष के विचारों को जाना जाता है

3. संस्था सर्वेक्षण अनुसूची-

किसी संस्था के समक्ष उतपन्न होने वाली अथवा उसमें विद्यमान समस्याओं का निरीक्षण करने में इस प्रकार की अनुसूची का प्रयोग होता है।इस प्रकार विभिन्न संस्थाओं की कार्यप्रणाली तथा समाज में उनकी प्रस्थिति की तुलना करने में यह प्रयुक्त होती है।धर्म, परिवार व शिक्षा आदि के पक्षों का इसी विधि से अध्ययन होता है।

4. साक्षात्कार अनुसूची-

इस प्रकार की अनुसूचियों में सूचनाएं प्रत्यक्ष साक्षात्कार के द्वारा Singleत्र की जाती हैं।
इसमें निडिचत प्रडन अथवा खाली सारिणी दी हुर्इ होती है जिन्हें साक्षात्कारकर्ता सूचनादाता से पूछकर भरता है। यह उत्तर उसके लिए तथ्य का कार्य करते हैं जिनका वह समस्या के संदर्भ में विश्लेषण And वर्गीकरण करता है।
इसके द्वारा विष्वसनीय And प्रमाणित सूचनाएं प्राप्त होती हैं। व्यक्तिगत संपर्क के कारण इसमें अनुसंधानकर्ता सूचनादाता को सूचना देने के लिए प्रेरित कर सकता है।

5. प्रलेखीय अनुसूची-

यह अनुसूची विधि लिखित स्त्रोतों से सूचना Singleत्र करने में प्रयुक्त होती है। यह स्त्रोत मुख्यत: आत्मकथा, डायरी, सरकारी And गैर सरकारी अभिलेख, पुस्तकें, प्रतिवेदन, अखबार आदि हो सकते हैं इसमें विषयों से संबंधित प्रारम्भिक जानकारियों को Singleत्र कर प्रलेखीय अनुसूची की Creation की जाती है।

उदाहरण- अपराधी का अध्ययन करते समय जेल के दस्तावेज से उसके अपराध के Reseller, अपराधों की संख्या, आयु, शिक्षा, व्यवसाय आदि के संबंध में जानकारी Singleत्रित करने के लिए प्रलेखीय अनुसूची की Creation की जा सकती है।

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