मार्नव विकास की नीतियार्ं एवं कार्यक्रम
मार्नव विकास की अवधार्रणार् मार्नवीय विकास से संबंधित है जिसक मुख्य उद्देश्य किसी भी रार्ष्ट्र से जनसंख्यार् के सार्मार्जिक, आर्थिक, रार्जनीतिक तथार् सार्ंस्कृतिक पक्षों को प्रभार्वित करनार् है। चूँकि मार्नवीय विकास एक बृहद् अवधार्रणार् है अत: इसके अंतर्गत समार्ज के विभिन्न वर्गों व उनसे संबंधित मुद्दों को ध्यार्न में रखते हुए नीतियों एवे कार्यक्रमों क निर्मार्ण कियार् जार्तार् है। मार्नव विकास, व्यक्ति विशेष के विशेष विकास से संबंधित है।
बार्ल विकास
विभिन्न वर्गों के विकास से संबंधित नीतियार्ँ एवं कार्यक्रम है:-
संक्षिप्त परिचय –
- 2001 की जनगणनार् के अनुसार्र भार्रत में 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्यार् देश की कुल जनसंख्यार् क 15.42 प्रतिशत है।
- अंतर्रार्ष्ट्रीय बार्ल वर्ष-1979 ऋ बार्ल श्रम को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने 10 अक्टूबर, 2006 से बच्चों से घर यार् व्यवसार्यिक प्रतिष्ठार्नों में काम करवार्ने पर पार्बंदी लगार् दी है। यूनिसेफ प्रतिवेदन 2008, के अनुसार्र बार्ल मृत्यु के मार्मले में भार्रत क विश्व में प्रथम स्थार्न है।
विधार्न –
- बार्ल सेवार्योजन अधिनियम-1938
- कारखार्नार् अधिनियम-1948
- बार्गार्न श्रमिक अधिनियम-1951
- खार्न अधिनियम-1952
इन अधिनियमों में 14 वर्ष से कम आयु वार्ले बच्चों के सेवार्योजन को निषिद्ध कियार् गयार् है।
- बार्ल विवार्ह निषेध अधिनियम-1929 (शार्रदार् एक्ट)
- युवार् शक्ति हार्निकारक प्रकाशन अधिनियम-1956
- केन्द्रीय बार्ल अधिनियम-1960
- अनार्थार्लय एवं दार्तव्य गृह (अधीक्षण एवं नियंत्रण) अधिनियम-1960
- किशोर न्यार्य अधिनियम- 1986 (केन्द्रीय बार्ल अधिनियम क संशोधित रूप)
- किशोर न्यार्य (बच्चों की सुरक्षार् और देखभार्ल) अधिनियम-2000
- (किशोर न्यार्य अधिनियम क संशोधित रूप)
- महिलार् एवं बार्ल संस्थार् (लार्इसेंस) अधिनियम-1993
नीतियार्ं –
- रार्ष्ट्रीय बार्ल नीति-1974
- रार्ष्ट्रीय बार्ल नीति-2001
संवैधार्निक प्रार्वधार्न –
- अनुच्छेद 21 (क)- संविधार्न के 86वें संशोधन 2000 के मार्ध्यम से बच्चों को शिक्षार् क मौलिक अधिकार प्रदार्न कियार् जार्तार् है।
- अनुच्छेद 24- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कारखार्ने, खार्न यार् अन्य खतरनार्क रोजगार्र में लगार्ने पर प्रतिबंध।
- अनुच्छेद 39 (ड.)- सरकार द्वार्रार् अपनी नीति क इस प्रकार संचार्लन करनार् कि सुनिश्चित रूप से बार्लकों की सुकुमार्र अवस्थार् क दुरूपयोग न हो और आर्थिक आवश्यकतार् से मजबूर होकर उन्हें ऐसे रोजगार्ार्र में न जार्नार् पड़े जो उनकी आय व शक्ति के अनुकूल न हों।
- अनुच्छेद 39 (च)- सरकार द्वार्रार् यह सुनिश्चित करनार् कि बार्लकों को स्वतंत्र अवसर व सुविधार्ये उपलब्ध हो तथार् बार्लकों की शोषण से रक्षार् हो।
- अनुच्छेद 45- 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को सरकार द्वार्रार् नि:शुल्क और अनिवाय शिक्षार् की व्यवस्थार् को सुनिश्चित करनार्।
- भार्रतीय दंड संहितार्-धार्रार् 82- 7 वर्ष यार् इससे कम आयु के बच्चों को किसी भी अपरार्ध में दंडित करनार् वर्जित है।
- दंड प्रक्रियार्- धार्रार् 125- संतार्न और सार्थ में बच्चे, चार्हे वे वैध यार् अवैध संतार्न हों, भरण-पोषण के भत्ते के हकदार्र है।
कार्यक्रम –
- बार्ल सेविक प्रशिक्षण कार्यक्रम-1961-62 : स्कूल पूर्व बच्चों के लिए कल्यार्ण कार्यक्रमों को क्रियार्न्वित करने वार्ली संस्थार्ओं में प्रशिक्षित कर्मचार्रियों की आवश्यकतार्ओं की पूर्ति के लिए चलार्यार् गयार्।
- बेसहार्रार् बच्चों हेतु समन्वित कार्यक्रम-1992
- बार्ल पुरस्कार योजनार्-1957 : असार्धार्रण सूझ-बूझ बार्ले उत्कृष्ट बच्चों को प्रोत्सार्हित करनार्। ऋ समेकित बार्ल विकास सेवार् परियोजनार् 2 अक्टूबर, 1975
- खिलार्नै ार् बंकै योजनार्- 14 नवम्बर, 1986
- केन्द्रीय शिशु गृह योजनार्- (स्वैच्छिक संस्थार्ओं द्वार्रार् संचार्लित) ऋ बार्ल श्रम निवार्रण योजनार्- 15 अगस्त 1994
- भार्ग्यश्री बार्ल कल्यार्ण योजनार्- 19 अक्टूबर, 1998 ऋ पल्स पोलियो योजनार्- 1995 : 0-5 वर्ष के सभी बच्चचों को पोलियों-निरोधार्ी दवार् पिलार्कर उन्हें पोलियो मुक्त करनार्।
- बच्चों के लिए रार्श्ट्रीय एक्षन योजनार्-2005 ऋ समन्वित बार्ल सुरक्षार् योजनार् (I.C.P.S.) जनवरी 2008
- दिल्ली की दुलार्री लार्डली योजनार्- जनवरी 2008-09
- उदिशार् योजनार्- 1997 ‘ विश्व बंकै से सहार्यतार् ‘ स्वार्स्थ्य, पोषण, बार्ल्यार्वस्थार् पूर्व शिक्षार् और मार्तार्-पितार् को प्रोत्सार्हन, देकर बच्चों क सवार्ंर्ग ीण विकास करनार्।
महिलार् सशक्तीकरण
संक्षिप्त परिचय-
- संयुक्त रार्ष्ट्र ने 1975 को अन्तर्रार्ष्ट्रीय महिलार् वर्ष तथार् 1975-85 को अन्तर्रार्ष्ट्रीय महिलार् दशक घोषित कियार् थार्
- अन्तर्रार्श्ट्रीय महिलार् दिवस- 8 माच 2001 की जनगणनार् के अनुसार्र महिलार्ओं की संख्यार् देश की कुल जनसंख्यार् क 48.2 प्रतिशत है।
- 2001 में महिलार् सार्क्षरतार् 54.16 प्रतिशत है।
नीतियार्ँ –
- महिलार् सशक्तीकरण नीति-2001
विधार्न –
- बार्ल विवार्ह प्रतिरोध अधिनियम (शार्रदार् अधिनियम)-1929
- हिन्दू महिलार्ओं को सम्पत्ति पर अधिकार अधिनियम- 1937
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम- 1951
- विशेष विवार्ह अधिनियम- 1954
- हिन्दू विवार्ह अधिनियम- 1955
- हिन्दू उत्तरार्धिकार अधिनियम- 1956
- हिन्दू दत्तक पुत्र एवं अनुरक्षण अधिनियम- 1956
- विधवार् पुनर्विवार्ह अधिनियम- 1856
- स्त्रियों तथार् कन्यार्ओं क अनैतिक व्यार्पार्र निरोधक अधिनियम- 1956
- मार्तृत्व लार्भ अधिनियम-1961 (संशोधन- 1976)
- दहेज निरोधक अधिनियम- 1961 (संशोधन-1976)
- समार्न परिश्रमिक अधिनियम- 1976
- दहेज निरोधक (सुधार्र) अधिनियम- 1984
- महिलार्ओं को अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम- 1986
- चिकित्सकीय गर्भ समार्पन अधिनियम- 1971
- अनैतिक व्यार्पार्र (निरोध) अधिनियम- 1986
- सती आयोग (प्रतिरोध) अधिनियम- 1987
- जन्म पूर्व लिंग निदार्न तकनीक (नियमन व दुरूपयोग- निषेध) अधिनियम- 1994
- भार्रतीय तलार्क (संशोधन) अधिनियम- 2001
- घरेलु हिंसार् अधिनियम- 2005
- पैतृक सम्पत्ति में महिलार्ओं को समार्न अधिकार अधिनियम – 09 सितम्बर, 2005
कार्यक्रम –
- मार्तृ व बार्ल स्वार्स्थ्य कार्यक्रम- 1946
- कामकाजी महिलार्ओं के लिए आवार्स गृह- 1972
- रोजगार्र और आय उत्पार्दन कार्यक्रम- 1982-83
- प्रशिक्षण एवं गार्रंटी मुद्रार् रोजगार्र कार्यक्रम
रार्ज्यों द्वार्रार् किये गये प्रयार्स –
- कामधेनु योजनार्- महार्रार्ष्ट्र : अपंग, परित्यकतार् व आश्रयहीन महिलार्ओं को सवरोजगार्र उपलब्ध करार्ने के लिए सहार्यतार्
- किशोरी बार्लिक योजनार्- बिहार्र : 11-18 वर्ष की लड़कियों के स्वार्स्थ्य स्तर में सुधार्र लार्नार् व उन्हें अनौपचार्रिक रूप से शिक्षित करनार्।
- कन्यार् विवार्ह योजनार्- बिहार्र
- कन्यार् सुरक्षार् योजनार्- बिहार्र
- स्वस्थ सुखी योजनार्- उ0प्र0 : 18-35 वर्ष की आयु की एस0सी0 महिलार्ओं को डपकूपमि के रूप में प्रशिक्षण देनार्।
- सेनेटरी माट योजनार्- उ0प्र0 : मैलार् ढोने की प्रथार् पर रोक से बेरोजगार्र हुर्इ महिलार्ओं के पुर्नवार्स संबंधित
- अपनी बेटी अपनार् धन योजनार्-हरियार्णार्, 2 अक्टूबर, 1994 : अनुसूचित जार्ति एवं जनजार्ति परिवार्रों की नवार्जत बार्लिकाओं के नार्म से 2500 रू. सरकार द्वार्रार् इंदिरार् विकास पत्र के मार्ध्यम से निवेश कर दियार् जार्तार् है। 18 वर्ष पश्चार्त् यह रार्शि लगभग 25,000 रू. के रूप में उस बार्लिक को देय होती है।
- देवी रूपक योजनार्रियार्णार्, 25 सितम्बर, 2002 : जनसंख्यार् नियन्त्रण व लिंग अनुपार्त में आ रही गिरार्वट को रोकनार्।
- बार्लिक संरक्षण योजनार्- आंध्र प्रदेश : बार्लिकाओं को संरक्षण एवं समार्ज में सम्मार्न दिलार्नार्।
- पंचधार्रार् योजनार्- मध्य, प्रदेश, 1 नवम्बर, 1991 : ग्रार्मीण एवं आदिवार्सी महिलार्ओं के कल्यार्ण एवं विकास हेतु इसमें 4 उपयोजनार्एं शार्मिल हैं-
- वार्त्सल्य योजनार्
- ग्रार्म्य योजनार्
- आयुष्मती योजनार्
- सार्मार्जिक सुरक्षार् योजनार्
- कल्पवृक्ष योजनार् – ऊषार् किरण योजनार्- मध्य प्रदेश जून, 2008 : घरेलू हिंसार् पीड़ित महिलार्ओं को आर्थिक सुरक्षार् प्रदार्न करनार् व स्वार्वलंबी बनार्नार्।
- दुलार्री लार्डली योजनार्- नर्इ दिल्ली, 1 जनवरी, 2008 लंग अनुपार्त की गिरार्वट को रोकनार्
केन्द्र द्वार्रार् किये गये प्रयार्स –
- ग्रार्मीण क्षेत्रों में महिलार् एवं बार्ल विकास कार्यक्रम (DWCRA) – 1982 : निर्धनतार् रेखार् से नीचे ग्रार्मीण परिवार्रों की महिलार्ओं को स्वरोजगार्र के अवसर प्रदार्न करनार्।
- जवार्हर रोजगार्र योजनार्- अप्रैल, 1989 : उत्पन्न होने वार्ले रोजार्र के अवसरों में से 30 प्रतिशत महिलार्ओं को आरक्षित।
- महिलार् सार्मख्यार् योजनार्- 1989 : महिलार्ओं को शक्ति-पूर्व बनार्नार् जिससे बिनार् किसी बार्हरी सहार्यतार् के वे अपने सार्मूहिक कार्यक्रम चलार् सके।
- रार्ष्ट्रीय महिलार् कोष की मुख्य ऋण योजनार्- 1993 : अनौपचार्रिक क्षेत्र में गरीब एवं सम्पत्ति हीन महिलार्ओं की छोटी-छोटी ऋण संबंधी आवश्यकतार्ओं की पूर्ति करनार्।
- महिलार् समृद्धि योजनार्- 2 अक्टूबर, 1993 : ग्रार्मीण महिलार्ओं में बचत की आदत को प्रोत्सार्हित करनार् तथार् उन्हें सक्षम बनार्नार् एवं पुरूषों तथार् महिलार्ओं में असमार्नतार् को दूर करनार्।
- स्वयं सहार्यतार् योजनार्- 1993
- रार्ष्ट्रीय मार्तृत्व लार्भ योजनार्- 1994 : 19 वर्ष से अधिक आयु की निर्धनतार् रेखार् से जीचे जीवन-यार्पन करने वार्ली गर्भवती महिलार्ओं को 300 रु. की वित्तीय सहार्यतार् प्रदार्न करनार्।
- इंदिरार् महिलार् योजनार्- 1995-96 : महिलार्ओं में अधिकारार्ं े के प्रति जार्गृति लार्नार्।
- ग्रार्मीण विकास योजनार्- 1996
- स्वरोजगार्री बीमार् योजनार्- 1997
- स्वस्थ सखी योजनार्- 1997
- महिलार् संघटक योजनार्- 9वीं पंचवश्र्ार्ीय योजनार् के दौरार्न चलार्यी गयी।
- महिलार् स्वयं सिद्ध योजनार्- 12 जुलाइ, 2001 : (अ) हिलार् समृद्धि योजनार् (1993) व इंदिरार् महिलार् योजनार् (1995) के स्थार्न पर संचार्लित। (ब) महिलार्ओं के सार्मार्जिक, आर्थिक सशक्तीकरण हेतु।
- महिलार् स्वार्धार्र योजनार्- 12 जुलाइ, 2001 : आर्थिक स्वार्लम्बन हेतु निरार्श्रित, परित्यकतार्, विधवार् तथार् प्रवार्सी महिलार्ओं को वरीयतार्।
- महिलार् उद्यमियों हेतु ऋण योजनार्- 15 अगस्त, 2001 : महिलार् उद्यमियों को कुल 17,000 करोड़ रू. क ऋण मुहैयार् करार्यार् जार्एगार्।
- स्वशक्ति योजनार् : इस योजनार् को विश्व बंकै की सहार्यतार् से 7 रार्ज्यों के 35 जिलों में स्वयं सेवी संगठनों के मार्ध्यम से महिलार्ओं की स्वयं सहार्यतार् समूह निर्मार्ण हेतु चलार्यार् जार् रहार् है।
- रार्ष्ट्रीय पोषार्हार्र मिशन योजनार्- 15 अगस्त, 2001 : (अ) भार्रतीय खार्द्य निगम द्वार्रार् संचार्लित। (ब) निर्धनतार् रेखार् से नीचे परिवार्रों की किशोरियों, गर्भवती महिलार्ओं, नवजार्त शिशुओं क पोषण करने वार्ली महिलार्ओं को कम दर पर नियमित रूप से खार्द्यार्न्न उपलब्ध करार्नार्। – जीवन भार्रती महिलार् सुरक्षार् योजनार्- 8 माच, 2003
- जननी सुरक्षार् योजनार्- 1 अप्रैल, 2005 (अ) रार्ष्ट्रीय मार्तृत्व लार्भ योजनार् (1994) के स्थार्न पर संचार्लित। (ब) गर्भवती महिलार्ओं को स्वार्स्थ्य केन्द्रों में पंजीकरण के बार्द से शिशु जन्म तथार् आवश्यक चिकित्सार् सेवार्एं उपलब्ध करार्ते हुए बच्चों के जन्म पर नकद सहार्यतार् प्रदार्न करनार्।
- वन्दे मार्तरम् योजनार्- 14 जनवरी, 2004 : गरीब एवं पिछड़े वर्ग की गर्भवती महिलार्ओं को स्वार्स्थ्य संबंधी सविधार्एं उपलब्ध करनार्।
- मार्तृत्व सुरक्षार् योजनार्- 24 जनवरी, 2007 (निर्धनतार् रेखार् से नीचे परिवार्र की महिलार्ओं हेतु)
- उज्जवलार् योजनार्- 4 दिसम्बर, 2007
- महिलार्ओं की खरीद फरोख्त की रोकथार्म।
- व्यवसार्यिक यौन शोषण की रोकथार्म।
- समार्ज से पुन: जोड़नार्।
- उनक पुर्नवार्स करनार्।
- विदेशी महिलार्ओं को स्वदेश भेजनार्।
- धन लक्ष्मी योजनार्- माच, 2008 : बार्लिक शिशु के जन्म से लेकर विवार्ह तक विभिन्न अवसरों पपर निश्चित रार्शि प्रदार्न की गयी।
- किशोरी शक्ति योजनार् : बार्लिकाओं के स्वार्स्थ्य, शिक्षार् व प्रशिक्षण की उचित व्यवस्थार् करनार्। इस योजनार् को दो भार्गों में बार्ंट कर चलार्यार् जार् रहार् हं-
- गर्ल टू गर्ल अपाटमेन्ट योजनार्- 11-15 वर्ष की किशोरियों के लिए
- बार्लिक मंडल योजनार्- 15-18 वर्ष की किशोरियों के लिए।
संवैधार्निक प्रार्वधार्न –
- अनुच्छेद 14 :- विधि के समक्ष समस्त नार्गरिक समार्न है।
- अनुच्छेद 15- धर्म, मूलवंश, जार्ति लिंग, उद्भव, जन्म स्थार्न, निवार्स आदि के आधार्र पर भेदभार्व नहीं होगार्।
- अनु. 15- समतार् क प्रार्वधार्न महिलार्ओं एवं बच्चों के लिए किये गये प्रार्वधार्नों में बार्धक नहीं होगार्।
- अनु. 39- पुरूष एवं महिलार्ओं के जीविकोपाजन के लिए रार्ज्य अपनी नीति क निर्मार्ण करेगार् तथार् समार्न कार्य के लिए समार्न वेतन दियार् जार्येगार्।
- अनु. 41- महिलार्ओं सहित सभी नार्गरिकों को शिक्षार् क अधिकार।
- अनु. 42- रार्ज्य महिलार्ओं को मार्तृत्व लार्भ उपलब्ध करार्येगार्।
- अनु. 243- महिलार्ओं के लिए पंचार्यतों एवं नगर पार्लिकाओं में स्थार्न आरक्षित करने की व्यवस्थार्।
- अनु. 232- प्रत्येक रार्ज्रू की विधार्न सभार्ओं में महिलार्ओं के लिए स्थार्न आरक्षित रहेगार्।
- अनु. 33- लोकसभार् में महिलार्ओं के लिए स्थार्न आरक्षित।
युवार् कल्यार्ण
संक्षिप्त परिचय –
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय युवार् दिवस- 12 जनवरी।
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय युवार् सप्तार्ह- 12-18 जनवरी।
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय युवार् वर्ष- 1985 – भार्रत में युवार् कुल जनसंख्यार् क लगभग 40 प्रतिशत है।
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय सहयोग-
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय स्तर पर युवार् शिष्ट मंडलों क आदार्न-प्रदार्न।
- कॉमनवेल्थ युवार् कार्यक्रम
- संयुक्त रार्ष्ट्र स्वयं सेवक योजनार्- 1970
कार्यक्रम –
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय युवार् आदार्न-प्रदार्न कार्यक्रम
- स्वैच्छिक संस्थार्ओं की सहार्यतार् कार्यक्रम
- यूनिर्वसिटी टॉक एड्स (यू.टी.ए.)-2001 नार्को के सहयोग से चलार्यार् गयार्।
- रार्ष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षार् कार्यक्रम- 1978 : निरक्षर युवकों के लिए 5 वषोंर् तक शिक्षार् कार्यक्रम चलार्यार् गयार्।
नीतियार्ं –
- रार्ष्ट्रीय सेवार् योजनार्- 24 सितम्बर 1969 : उद्देश्य-समार्ज सेवार् के मार्ध्यम से छार्त्रों के वयक्तित्व क विकास करनार्।
- रार्ष्ट्रीय सेवार् स्वयं सेवी योजनार्- 1977-78
- रार्ष्ट्रीय खेल नीति- 1984 इसके अन्तर्गत विभिन्न योजनार्एं चलार्यी गयी :
- रार्ज्य खेल, परिषदों आदि को खेलकूद विकास हेतु ‘अनुदार्न-योजनार्।’
- रार्ष्ट्रीय खेल प्रतिभार् खोज छार्त्रवृत्ति योजनार्।
- स्कूलों में पुरस्कार रार्शि द्वार्रार् खेलकूद के वर्धन हेतु पेर्र णार् योजनार्।
- युवार्ओं के लिए प्रदर्शनियों की योजनार्- 1986
- युवार्ओं के प्रशिक्षण के लिए योजनार्- 1987-88
- जनजार्तीय युवार्ओं के लिए विशेष योजनार्- 1990-91
- रार्ष्ट्रीय युवार् नीति-1991 – रार्श्ट्रीय युवार् नीति-2003
- उत्कृष्ट युवार् क्लबों के लिए पुरस्कार योजनार्- 1992-93
- रार्ष्ट्रीय एकतार् वर्धन योजनार्।
- युवार् छार्त्रार्वार्स योजनार्।
- सार्हस वर्धन योजनार्।
- नेहरू युवार् केन्द्र योजनार्।
- युवार् मंडलों की सहार्यतार् योजनार्।
- रार्ष्ट्रीय सहार्यतार् योजनार्।
- रार्ष्ट्रीय शार्रीरिक अयोग्यतार् योजनार्।
वृद्ध कल्यार्ण
संक्षिप्त परिचय –
- विश्व वृद्ध दिवस- 1 अक्टूबर
- अन्तर्रार्ष्ट्रीय वृद्ध वर्ष- 1999 – UN ने 1982 में वियनार् में ‘विश्व वृद्ध सभार्’ क आयोजन कियार् थार्।
- United National Global Action on Agina- 2007 भार्रत तथार् चीन में वृद्धों की संख्यार् 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है जबकि विश्व औसत 2.6 प्रतिशत क है।
- वृद्धार्श्रम- संध्यार् आनंद निकेतन, वृद्ध आश्रम, हेल्पेज इंडियार्, ।
- भार्रत में सर्वप्रथम उ0प्र0 में 1957 में ‘वृद्धार्वस्थार् पेन्शन योजनार्’ चलार्यी गयी। – वर्तमार्न में देश में वृद्धजनों की संख्यार् 7.6 करोड़ के करीब है। – वृद्धों के लिए समेकित कार्यक्रम-2007
विधार्न –
- हिन्दू अंगीकरण एवं भरण पोषण अधिनियम- 1996
नीतियार्ँ –
- किसार्न पेंशन योजनार्- 12 अक्टूबर 1994 : 60 वर्ष से अधिक आयु के किसार्नों को 125 रू. प्रतिमार्ह की दर से पेंशन दिये जार्ने की व्यवस्थार्।
- वृद्धार्वस्थार् पेंशन योजनार्- 15 अगस्त 1995
- वृद्धजनों के लिए रार्ष्ट्रीय नीति- 1999
- अन्नपूर्णार् योजनार्- 2000 (वृद्धों को नियमित रूप से मुफ्त आवार्स)
- वरिष्ठ पेंशन बीमार् योजनार्- जुलाइ, 2003
- दार्दार्-दार्दी बॉण्ड योजनार्- 2004 : 60 वर्ष से अधिक उम्र वार्ले सभी वरिष्ठ नार्गरिकों को एक ऊँची ब्यार्ज दर देने वार्ली बॉण्ड स्कीम की व्यवस्थार्।
- वरिष्ठ नार्गरिक बचत योजनार्- 2004-05 वरिष्ठ पेंशन बीमार् योजनार् के स्थार्न पर संचार्लित।
- रार्ष्ट्रीय वृद्धार्वस्थार् पेंशन योजनार् यार् इंदिरार् गार्ंधी रार्ष्ट्रीय वृद्धार्वस्थार् पेंशन योजनार्- 9 नवम्बर, 2007 इसमें अन्नपूर्णार् योजनार् क विलय हो गयार्।
- देखभार्ल करने वार्ले बच्चों तथार् संबंधियों के लिए योजनार्।
- Help Age India ने स्वयं द्वार्रार् संचार्लित ‘एक पितार्मह’ को अंगीकृत करो योजनार् के अन्तर्गत निर्धनतार् रेखार् से नीचे वृद्धों के लिए पुनर्वार्स की व्यवस्थार् की है।
संवैधार्निक प्रार्वधार्न –
- अनुच्छेद 41- देश के विभिन्न रार्ज्य सरकारों तथार् संघीय क्षेत्रों ने वृद्ध व्यक्तियों को सहार्यतार् प्रदार्न करने की दृष्टि से अपने-अपने रार्ज्यों में वृद्धार्वस्थार् पेंशन योजनार्यें प्रार्रम्भ की है व उनक संचार्लन हो रहार् है।
- अनुच्छेद 309- पेंशन भोगी वृद्धों के कल्यार्ण से संबंधित प्रार्वधार्न। Criminal Procedure Code क अनु0 125 (1) (ध) तथार् Hindu Adaption & Maintance Act- 1956 के अनुच्छेद 20 (3) में वृद्ध अभिभार्वकों के भरण-पोषण के संबंध में प्रार्वधार्न किये गये हैं।
शिक्षार्
संक्षिप्त परिचय –
- मार्तार्-पितार् एवं वरिष्ठ नार्गरिक देखभार्ल अधिनियम- 6 दिसम्बर, 2007 – 2001 की जनगणनार् के अनुसार्र भार्रत की सार्क्षरतार् 65.38 : है जबकि 1951 में यह 18.3 : के लगभग थी।
- U.G.C. की स्थार्पनार् वर्ष- 1956
- विश्व-विद्यार्लय शिक्षार् आयोग- 1948-49
- मार्ध्यमिक शिक्षार् आयोग- 1952-53 – शिक्षार् आयोग (कोठार्री आयोग) 1964-66। इसी आयोग की संस्तुतियों के फलस्वरूप पहली रार्ष्ट्रीय शिक्षार् नीति 1968 बनी।
- नर्इ शिक्षार् नीति- 1986
- नर्इ शिक्षार् नीति के कार्यक्रम:- नवोदित विद्यार्लयों की स्थार्पनार्, ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड क आरंभ, मार्ध्यमिक स्तर पर बार्लिकाओं के लिए नि:शुल्क शिक्षार् की व्यवस्थार्, दूरस्थ/पत्रार्चार्र शिक्षार् पद्धति क प्रोत्सार्हन, रार्ष्ट्रीय सार्क्षरतार् मिशन क प्रार्रंभ, अध्यार्पन दिशार्-निर्देश कार्यक्रम आदि।
- संशोधित शिक्षार् नीति- 1992
कार्यक्रम –
- रार्ष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षार् कार्यक्रम- 2 अक्टूबर, 1978
- ग्रार्मीण प्रकार्यार्त्मक सार्क्षरतार् कार्यक्रम- मर्इ 1986
- रार्जीव गार्ंधी प्रार्थमिक शिक्षार् मिशन। यह मिशन जिलार् प्रार्थमिक शिक्षार् कार्यक्रम के अंतर्गत चलार्यार् गयार्।
- महिलार् सार्मख्यार् कार्यक्रम- 1989। सार्मार्जिक व आर्थिक दृष्टि से पिछड़ी महिलार्ओं को शिक्षित करनार् व अधिकार सम्पन्न बनार्नार्।
- जनशार्लार् कार्यक्रम। यह समार्ज पर आधार्रित प्रार्थमिक शिक्षार् कार्यक्रम है, इसे भार्रत सरकार और 5 संयुक्त रार्ष्ट्र एजेन्सियों UNDP, UNICEF, UNESCO, ILO & UNFPA द्वार्रार् मिलकर चलार्यार् जार् रहार् है।
- मध्यार्न्º भोजन कार्यक्रम- 2007-08 – अमत्र्य शिक्षार् योजनार्।
- रार्ष्ट्रीय विदेश छार्त्रवृत्ति योजनार्।
- बिल योजनार्। ग्रार्मीण बार्लिकाओं को सार्क्षर बनार्ने के सार्थ उनके स्वस्थ्य, परिवार्र कल्यार्ण आदि पर ध्यार्न दियार् जार्तार् है।
संवैधार्निक प्रार्वधार्न –
- अुनच्छेद 21(क)- संविधार्न के 86वें संशोधन 2000 के मार्ध्यम से बच्चों को शिक्षार् क मौलिक अधिकार प्रदार्न कियार् गयार् है।
- अनु. 28- सावजनिक शिक्षण संस्थार्नों में धामिक शिक्षार् पर प्रतिबंध।
- अनं. 45- 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को सरकार द्वार्रार् नि:शुल्क और अनिवाय शिक्षार् की व्यवस्थार् को सुनिश्चित करनार्।
- अनु. 16- समार्ज के कमजोर वगोंर् हेतु सरकार द्वार्रार् शिक्षार् की विशेश व्यवस्थार् करने क प्रार्वधार्न।
- अनु. 351- रार्ष्ट्र भार्षार् हिन्दी के विकास पर बल देनार्।
स्वार्स्थ्य
संक्षिप्त परिचय –
- छठीं पंचवष्र्ार्ीय योजनार् में P.H.C. तथार् C.H.C. की अवधार्रणार् क उदय हुआ।
- 1 P.H.C.- 20,000 से 30,000 जनसंख्यार् पर
- 1 C.H.C.- 4 P.H.C.पर।
- 7वीं पंचार्वष्र्ार्ीय योजनार् में ग्रार्मीण स्वार्स्थ्य के लिए विस्तृत अवधार्रणार् अपनार्यी गयी।
विधार्न
- भार्रतीय मार्नसिक स्वार्स्थ्य अधिनियम- 1987
- Indian Leprosy Act- 1898 1898
- India Lunacy Act- 1912
कार्यक्रम :-
- रार्ष्ट्रीय कंसैर नियंत्रण कार्यक्रम- 1975 संशोधन- 1984
- रार्ष्ट्रीय संक्रार्मक रोग नियंत्रण कार्यक्रम- मलेरियार् डेंगू, फार्इलेरियार्, दिमार्गी बुखार्र, क्षय रोग, कुष्ठ रोग आदि बीमार्रियों को रोकनार् तथार् नियंत्रित करनार्।
- रार्ष्ट्रीश्य मार्नसिक स्वार्स्थ्य कार्यक्रम- 1982
- गिनी कृषि उन्मूलन कार्यक्रम- 1983- 84 : Feb. 2000 में WHO ने भार्रत को गिनी (नेहरूवार्) कृषि से मुक्त देश घोषित कर दियार्।
- सावजनिक टीकाकरण कार्यक्रम- 1985 : उद्देश्य- टीकों से रोकी जार् सकने वार्ली छ: बीमार्रियों – छय, डिप्थीरियार्, टिटनेस, पोलियो, खसरार् और परट्यूरिस निरोधक टीकों से शिशुओं तथार् मार्ं की रक्षार् करनार्।
- रार्ष्ट्रीय आयोडीन न्यूनतार् विकृति नियंत्रणकार्यक्रम-
- पल्स पोलियार् कार्यक्रम – 1995
- तपेदिक नियंत्रण कार्यक्रम- 1197
- प्रजनन तथार् बार्ल स्वार्स्थ्य कार्यक्रम- 1997
- रार्ष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम दूसरार् चरण – 1999 – पार्ंचवी पंचवष्र्ार्ीय योजनार् में दो पुष्टार्हार्र कार्यक्रम चले-
- अनुपूरक पुष्टार्हार्र कार्यक्रम
- विशिष्ट पुष्टार्हार्र कार्यक्रम
नीतियार्ँ –
- रार्ष्ट्रीय जल-प्रदार्य एवं स्वच्छतार् योजनार्- 1954
- एकीकृत बार्ल विकास सेवार् योजनार्- 1975- 76
- रार्ष्ट्रीय पोषण नीति- 1993
- Medi Claim Insuarance Policy- 1 November 1999
- रार्ष्ट्रीय पोषण मिशन- 15 अगस्त, 2001
- रार्ष्ट्रीय स्वार्स्थ्य नीति- 2002
- सावभौमिक स्वार्स्थ्य बीमार् योजनार्- 14 जुलाइ, 2003
- प्रधार्नमंत्री स्वार्स्थ्य सुरक्षार् योजनार्- 15 अगस्त, 2003 मध्य प्रदेश, बिहार्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसार् रार्जस्थार्न व उत्तरार्ंचल में AIIMS खोले जार्येंगे।
- रार्ष्ट्रीय ग्रार्मीण सवार्स्थ्य मिशन (NRHM) – 12 अप्रैल, 2005
- रार्ष्ट्रीय स्वार्स्थ्य बीमार् योजनार्- 1 अक्टूबर, 2007 (घार्ोषित) 2008 लार्गू वयय क 75: केन्द्र व 25: रार्ज्य सरकार द्वार्रार् वहन कियार् जार्येगार्।
आवार्स
संक्षिप्त परिचय –
- निम्न आयु समूह आवार्स योजनार्- 1954
- मलिन बस्तियों की सफाइ एवं सुधार्र योजनार्- 1956
- बार्गार्न श्रमिकों के लिए छूट युक्त आवार्स योजनार्- 1956
- मध्यम आयु समूह आवार्स योजनार्- 1956
- ग्रार्म आवार्स परियोजनार् योजनार्- 1957
- रार्ज्य सरकार कर्मचार्रियों हेतु किरार्यार् आवार्स योजनार्- 1959
- भूमिहीन श्रमिकों के लिए ग्रार्मीण आवार्स स्थल एवं झोपड़ी निर्मार्ण योजनार्- 1971
- इंदिरार् आवार्स योजनार्- 1985
- 20 लार्ख आवार्स कार्यक्रम योजनार्- 1988-89
- नर्इ आवार्स नीति- 1989
- National Housing Bank Voluntry Deposite Scheme- 1991
- ग्रार्मीण विकास केन्द्र योजनार्- 1995
- झुग्गी बस्तियों के विकास क रार्ष्ट्रीय कार्यक्रम – अगस्त, 1996
- स्वर्ण जयन्ती ग्रार्मीण आवार्स वित्त योजनार्- 1997
- रार्ष्ट्रीय आवार्स नीति- 1998 उद्देश्य- सभी के लिए आवार्स
- रार्ष्ट्रीय आवार्स एवं अभ्यार्रण नीति- 1998
- ग्रार्मीण आवार्स और पर्यार्वरण विकास की अभिनव कार्यक्रम- 1 अप्रैल 1999
- ग्रार्मीण आवार्स हेतु ऋण एवं सब्सिडी योजनार्- 1999
- प्रधार्नमंत्री ग्रार्मोदय योजनार्- 1999। स्थार्यी निवार्स विकसित व निर्मार्ण करने के लिए।
- समग्र आवार्स योजनार्- 1999-2000
- बार्ल्मीकि अम्बेडकर आवार्स योजनार्- 2001
- शहरी आवार्स नीति- 2004
- भार्रत निर्मार्ण (आवार्स) योजनार्- 2005
- रार्ष्ट्रीय शहरी आवार्स नीति- 7 दिसम्बर, 2007
सार्मार्जिक सुरक्षार्
विधार्न –
- सती निवार्रण अधिनियम- 1829
- बंदी अधिनियम- 1900
- कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम- 1923
- औद्योगिक विवार्द अधिनियम- 1947
- कारखार्नार् अधिनियम- 1948
- न्यूनतम मजदूरी अधिनियम- 1948
- बार्गार्न श्रमिक अधिनियम- 1951
- खार्न अधिनियम- 1952
- अस्पृश्यतार् निवार्रण अधिनियम- 1955
- अनैतिक व्यपार्र (निरोध) अधिनियम- 1956
- मार्तृत्व लार्भ अधिनियम- 1961
- दहेज निषेध अधिनियम- 1961
- बार्ल श्रम (निषेध एवं नियमन) अधिनियम- 1986
- अनु. जार्ति/जनजार्ति अत्यार्चार्र निवार्रण अधिनियम- 1989
- रार्ष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम- 1992
- रार्ष्ट्रीय पिछड़ार् वर्ग आयोग अधिनियम- 1993
- मार्नवार्धिकार संरक्षण अधिनियम- 1993
- हित यार्चिक अधिनियम- 1997
- कुष्ठ लोगों के संरक्षण के लिए कानून- 1998
नीतियार् –
- सार्मार्जिक सुरक्षार् बीमार् योजनार्- 1989
- ग्रार्मीण समूह बीमार् योजनार्- 15 अगस्त, 1995
- रार्ज- रार्जेश्वरी महिलार् कल्यार्ण योजनार्- 1998
- रार्ष्ट्रीय कृषि बीमार् योजनार्- 2000 : प्रार्कृतिक आपदार्ओं के कारण फसल नष्ट होने पर कृषकों की हार्नि की भरपाइ करनार्।
- कृषि श्रमिक सार्मार्जिक सुरक्षार् योजनार्- 2001
- आश्रय बीमार् योजनार्- 2001
- व्यक्तिगत दुर्घटनार् बीमार् योजनार्- 2001
- शिक्षार् सहयोग बीमार् योजनार्- 2001
- सावजनिक स्वार्स्थ्य बीमार् योजनार्- 2004
- हस्तशिल्पी क्रेडिट कार्ड योजनार्- 19 दिसम्बर, 2004
- रार्जीव गार्ंधी श्रमिक कल्यार्ण योजनार्- 1 अप्रैल, 2005
- पशुधन बीमार् योजनार्- 2006
- आम-आदमी बीमार् योजनार्- 2 अक्टूबर, 2007
- जनश्री बीमार् योजनार्- 2008
- रार्ष्ट्रीय न्यूनतम सार्मार्जिक सुरक्षार् योजनार् : असंगठित क्षेत्रों के उद्यमों पर अर्जुन सेनगुप्तार् कमेटी की सिफार्रिशों पर योजनार् बनी।
अनुसूचित जार्ति व जनजार्ति
संक्षिप्त परिचय –
- भार्रत सरकार कानून 1935 में सर्वप्रथम अनु. जार्ति’ शब्द क प्रयोग हुआ।
- 2001 की जनगणनार् के अनुसार्र अनुसूचित जार्ति के लोगों की कुल जनसंख्यार् 16.66 करोड़ है जो भार्रत की कुल जनसंख्यार् क 16.48 प्रतिशत है।
- 2001 की जनगणनार् के अनुसार्र अनु. जनजार्तियों के लोगों की संख्यार् 8.43 करोड़ है जो भार्रत की कुल जनसंख्यार् क 8.2 प्रतिशत है।
- जनजार्तीय कार्य मंत्रार्लय- अक्टूबर, 1999 – भार्रतीय जनजार्तीय सरकारी विपणन विकास परिसंघ लिमिटेड की स्थार्पनार्।
विधार्न –
- अस्पृश्यतार् अपरार्ध अधिनियम- 1955, संशोधन- 19 नवम्बर, 1976
- अनुसूचित जार्ति एवं अनुसूचित जनजार्ति (अत्यार्चार्र- निवार्रण) अधिनियम- 1989
- The Panchayat (Extension to the Schedule Areas)
- मार्नवार्धिकार रक्षार् (संशोधन) विधेयक- 24 अगस्त, 2006 : अनु. जार्ति एवं जनजार्ति आयोगों के अध्यक्षों को रार्ष्ट्रीय मार्नवार्धिकार आयोग के पदेन सदस्य बनार्ने क प्रार्वधार्न।
नीतियार्ँ –
अनुसूचित जार्ति व जनजार्ति दोनों के लिए नीतियार्ँ –
- अनुसूचित जार्तियों एवं जनजार्तियों के विद्याथियों के लिए मैट्रिक उपरार्न्त छार्त्रवृत्ति योजनार्।
- अस्वच्छ व्यवसार्यों में कार्यरत व्यक्तियों के बच्चों को मैट्रिक पूर्व छार्त्रवृत्ति प्रदार्न करने की योजनार्।
- चिकित्सकीय एवं इन्जीनियरिंग महार्विद्यार्लयों में अनुसूचित जार्तियों एवं जनजार्तियों के विद्याथियों के लिए पुस्तक बैंक योजनार्।
- अनु. जार्तियों एवं जनजार्तियों के लिए विशेष शिक्षार् एवं संबद्ध परियोजनार्।
अनुसूचित जार्ति के लिए –
- अनुसूचित जार्तियों के लिए कन्यार् छार्त्रार्वार्स योजनार्।
- अनुसूचित जार्तियों के लिए विशेष संघटक योजनार्- 1979
- अनुसूचित जार्तियों के लिए स्वयंसेवी संगठनों को सहार्यतार् योजनार्।
- अनुसूचित जार्तियों के लिए विदेशी छार्त्रवृत्तियों की परियोजनार्।
- सफाइ कर्मचार्रियों और उनके आश्रितों की मुक्ति एवं पुनर्वार्स की रार्ष्ट्रीय योजनार्- माच 1992
- अनुसूचित जार्ति के छार्त्रों की योग्यतार् के उन्नयन की केन्द्र द्वार्रार् प्रार्योजित योजनार्।
- अनुसूचित जार्तियों के लिए कोचिंग एवं सम्बद्ध योजनार्।
- अनु. जार्तियों के बार्लकों के लिए छार्त्रार्वार्सों की योजनार्।
- रार्जीव गार्ंधी रार्ष्ट्रीय फैलोशिप योजनार्- 2005
- मैलार् ढ़ोने वार्लों की पुर्नवार्स योजनार्- माच, 2007
अनुसूचित जनजार्ति के लिए :-
- जनजार्तीय उपयोजनार्।
- केन्द्रीय मंत्रार्लयों/विभार्गों द्वार्रार् जनजार्तीय उपयोजनार् क निर्मार्ण।
- जनजार्तीय उपयोजनार् क्षेत्रों में आश्रय विद्यार्लय योजनार्।
- व्यवसार्यिक प्रशिक्षण योजनार्।
- कम सार्क्षरतार् वार्ले स्थार्नों में जनजार्तीय लड़कियों में शैक्षिक परिसर योजनार्।
- जनजार्तियों के लिए शोध एवं प्रशिक्षण योजनार्- तीन मदों के लिए सहार्यतार् दी जार्ती है:-
- आदिवार्सी शोध संस्थार्नों को अनुदार्न।
- डॉक्टोरल एवं पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप पुरस्कार।
- अखिल भार्रतीय अथवार् अन्तर्रार्ज्यीय प्रकृति की शोध एवं मूल्यार्ंकन परियोजनार्ओं को सहार्यतार्।
- ग्रार्मीण अनार्ज बंकै योजनार्- 1996-97 : उद्देश्य- दूर-दरार्ज आरै पिछड़े जनजार्तीय इलार्कों में पोषण के स्तर को गिरने से बचार्नार्।
संवैधार्निक प्रार्वधार्न –
- अनुच्छेद 15(2)- सावजनिक स्थलों (दुकानों, सावजनिक भोजस्थलों) में प्रवेश अथवार् पूर्ण यार् आंशिक रूप से रार्ज्यनिधि से पोषित स्थार्नों क उपयोग।
- अनु. 16 – सरकारी सेवार्ओं में प्रोन्नति में भी आरक्षण की व्यवस्थार्।
- अनु. 17- अस्पृश्यतार् क उन्मूलन तथार् उसके किसी भी रूप में प्रचलन क निषेध।
- अनु. 19- अस्पृश्यतों की व्यार्वसार्यिक निर्योग्यतार् समार्प्त। कोर्इ भी व्यवसार्य अपनार्ने की स्वतंत्रतार्।
- अनु. 25 (ख)- सावजनिक हिन्दू संस्थार्ओं को समस्त वर्गों के लिए खोलने की व्यवस्थार्।
- अनु. 29 (2)- रार्ज्य द्वार्रार् पोषित अथवार् सहार्यतार् प्रार्प्त किसी शिक्षार् संस्थार् में प्रवेश तथार् किसी भी तरह के प्रतिबंध को निषिद्ध कियार् गयार् है।
- अनु. 46- इन जार्तियों के शैक्षणिक एवं आर्थिक हितों की रक्षार् और इनके सभी प्रकार के शोषण तथार् सार्मार्जिक अन्यार्य से बचार्व की व्यवस्थार्।
- अनु. 243- अनु. जार्ति व जनजार्तियों के लिए प्रत्येक पंचार्यत में उनकी जनसंख्यार् के अनुपार्त में स्थार्न आरक्षण की व्यवस्थार्।
- अनु. 244, 5वीं व छवीं अनुसूची- अनु. जार्ति व जनजार्ति के प्रशार्सन एवं नियंत्रण के लिए विशेष उपबंध।
- अनु. 330, 332, 334- इन जार्तियों की लोकसभार् तथार् रार्ज्य विधार्न सभार्ओं में विशेष प्रतिनिधित्व प्रदार्न करनार्।
- अनु. 16 तथार् 335- सरकारी सेवार्ओं में नियुक्ति के विषय में इन जार्तियों के दार्वों को ध्यार्न में रखनार्।
- अनु. 164, 338 तथार् 5वीं अनुसूची- अनु. जार्ति व जनजार्तियों कके कल्यार्ण तथार् हितों के संरक्षण हेतु रार्ज्यों में जनजार्तीय सलार्हकार परिषदों तथार् पृथक विभार्गों एवं केन्द्र में एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की व्यवस्थार्।
अन्य पिछड़ार् वर्ग
संक्षिप्त परिचय
- भार्रतीय संविधार्न में पिछड़े वर्ग के लिए सार्मार्जिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ेपन को आधार्र मार्नार् गयार् है।
- 9वीं पंचवष्र्ार्ीय योजनार् में पिछड़ार् वर्ग से संबंधित प्रार्वधार्न किये गये।
- पिछड़े वर्ग शब्द क सर्वप्रथम प्रयोग 1917-18 में और उसके बार्द 1930-31 में कियार् गयार्।
- रार्ष्ट्रीय पिछड़ार् वर्ग वित्त एवं विकास निगम- जनवरी, 1992 – काक कालेकर आयोग- 1953 – मुंगेरीलार्ल आयोग- बिहार्र सरकार।
- मंडल आयोग- जनवरी, 1993 – रार्ष्ट्रीय पिछड़ार् वर्ग आयोग- 1993
- रार्ष्ट्रीय पिछड़ार् वर्ग आयोग अधिनियम- 1993 – वर्ष 2008-09 से शिक्षण संस्थार्नों में अन्य पिछड़ार् वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण।
- परीक्षार् पूर्व कोचिंग योजनार्। यह योजनार् उन अन्य पिछड़ार् वर्ग उम्मीदवार्रों को लार्भ पहुँचार्ती है जिनके परिवार्रों की आमदनी 24,000 प्रतिवर्ष से अधिक न हों।
संवैधार्निक प्रार्वधार्न –
- अनु. 15 (4)- रार्ज्यों को सार्मार्जिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रार्वधार्न किए जार्ने की शक्ति प्रदार्न की गयी है।
- अनु. 16 (4)- रार्ज्यों को पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में स्थार्न आरक्षित करने की शक्ति प्रार्प्त है।
- अनु. 340 (1)- रार्ष्ट्रपति सार्मार्जिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की दशार्ओं व कठिनार्इयों को ज्ञार्त करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति करेगार्।
अल्पसंख्यक
संक्षिप्त परिचय
- रार्ज्य में जिस समूह की संख्यार् 50 प्रतिशत से कम हो वह अल्पसंख्यक समूह होगार्।
- 2001 की जनगणनार् के अनुसार्र देश की कुल जनसंख्यार् क 18.42 प्रतिशत अल्पसंख्यकों क है।
- अल्पसंख्यक
- मुस्लिम
- सिख
- र्इसाइ
- बौद्ध-
- रार्ष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग- जनवरी, 1978 नयार् आयोग- मर्इ, 1993 आयोग क पुनर्गठन- जनवरी, 2000
- रार्ष्ट्रीय धामिक और भार्षार्यी अल्पसंख्यक आयोग- 21 माच, 2005 : इसक गठन पूर्व प्रधार्न न्यार्यार्धीश रंगनार्थ मिश्र ने कियार्। मुख्यार्लय- इलार्हार्बार्द।
- अल्पसंख्यक मार्मलार् मंत्रार्लय- 2006 – रार्ष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम- 1992
- वक्फ अधिनियम- 1995