मानचित्रों की उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए संदर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष मानचित्रावली पुस्तकालय

मानचित्रों की उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए संदर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष मानचित्रावली पुस्तकालय

5. ऐतिहासिक मानचित्र (Historical map) के हारा कोई लड़ाई किन-किन स्थानों पर लड़ी गई तथा उसके पश्चात सीमाओं सम्बन्धी समझौतों को दर्शाते हैं जो किसी राष्ट्र के History का वर्णन करने में सहायक होते है ।।
6. वाणिज्यिक मानचित्र (Commercial map) के दवारा कृषि सम्बन्धि तथ्य, संचार माध्यम, परिवहन, विदेशी And अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आदि से सम्बन्धित सूचना प्राप्त होती है ।
| इनके अतिरिक्त तत्तद् विषयक मानचित्र व्यवसायियों के हारा उपयोग में लाये जाते हैं। यह मानचित्र विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिये बनाये जाते हैं जैसे मौसम जलवायु आदि के मानचित्र विभिन्न Kingीय कार्यो के लिये सरकारी अफसरों को इनकी Need पड़ती है जैसे नगर नियोजन के लिये। छात्र And शोधकर्मी भी भौगोलिक, ऐतिहासिक, आदि सूचना प्राप्त करने के लिये इन मानचित्रों का उपयोग करते हैं।
 3. मूल्यांकन के प्रमुख बिन्दु
मानचित्रों की उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए संदर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष मानचित्रावली पुस्तकालय में क्रय करते है। परन्तु क्रय करने से First वे यह जानकारी प्राप्त करते है कि इसमें described And दर्शाई गई सूचना प्रामाणिक And अद्यतन हो । अतएव संदर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष क्रय करते समय जिन तथ्यों को ध्यान में रखता है, उन्हें मूल्यांकन के बिन्दु कहा जाता है । मूल्यांकन के बिन्दुओं का नीचे description दिया जा रहा है।

| प्रामाणिकता :

 मानचित्र का निर्माण Single विशिष्ट कला होने से इसके निर्माता की स्थिति पर प्रामाणिकता बहुत कुछ निर्भर करती है | इससे इसकी गुणवत्ता का पता चल सकता है । अतएव ख्याति प्राप्त। प्रकाशक प्रतिष्ठित मानचित्र वाली संस्थाओं से सम्पर्क करके अच्छी गुणवत्ता के मानचित्रों का निर्माण करवा सकते हैं तथा कई विषय के विशेषज्ञों को भी सम्बन्धित सुचना लिखने का दायित्व सौंप सकते हैं। इस क्षेत्र में निम्नलिखित प्रकाशक ख्याति प्राप्त है। जिनके द्वारा प्रकाशित मानचित्रावलियों को पुस्तकालय में क्रय कर सकते हैं:
1. Rand McNally (U.S.A.) 2. Hammond inc (U.S.A.) 3. Jhon Bartholrnew(England) 4. Carographic Department of Oxford University Press (England)
इनके अतिरिक्त राष्ट्रीय भौगोलिक संस्थाओं के द्वारा निर्मित मानचित्र And उनके संग्रहों को पुस्तकालय में क्रय Reseller जा सकता है।
नूतनता : भौगोलिक स्थान के नाम And उनकी राजनैतिक सीमाओं में प्रायः प्रवर्तन होता रहता है। अतएव यह देखना चाहिए कि प्रकाशक इस परिवर्तित नई सूचना से पाठक को कैसे अवगत कराता है, जैसे क्या संशोधित संस्करण या नये मुद्रण का कोई निश्चित मापदण्ड है। अच्छे प्रकाशक पुस्तक के आख्या पृष्ठ के पीछे निर्माण तिथि देते हैं And पुस्तक में आरम्भिक पृष्ठ के पीछे निर्माण तिथि देते हैं And पुस्तक में आरम्भिक पृष्ठ में संशोधन की तिथि देते हैं। कुछ प्रकाशक इस नई जानकारी को किसी निश्चित भौगोलिक पत्रिका के दवारा बताते है। अतएव इस स्रोत को क्रय करने से First यह पता होना चाहिए कि यह प्रकाशक नई सूचना से अवगत करने के लिये क्या विधि काम में लाता हैं । |

संतुलित विषय विस्तार : 

मानचित्रावली में दो प्रकार की सूचना निहित होती है
(1) मानचित्र
(2) गजेटियर की सूचना, जिसमें विषय सूची, प्रयुक्त संक्षेपण व्याख्या, अनुक्रमणिका आदि संगृहीत होती है। इसके अतिरिक्त कई प्रकाशक इसका क्रय बढ़ाने की दृष्टि से इसमें निर्देशिका And जीवनी स्रोत की भी काफ़ी सूचना प्रस्तुत कर देते हैं। अतएव क्रय करते समय इस तथ्य का अध्ययन करना चाहिए कि मानचित्रों की संख्या And विषय सामग्री आवश्यक अनुपात में हो।
मानचित्रों की विशेषताएं : प्रत्येक मानचित्र जो Single कागज पर होता है इसका उद्देश्य सही And नवीन जानकारी देना होता है अतएव इसकी उत्कृष्टता को परखने के लिये इसके अंतर्गत निम्न सूचना उपलब्ध होनी चाहिए:
(अ) माप या पैमाना : मानचित्र का जितना क्षेत्र होता है उससे सम्बन्ध आकार या परिमाण को माप या पैमाना कहते है । प्रत्येक मानचित्र पर जो पैमाना काम में लाया गया है। उसकी जानकारी दी हुई होनी चाहिए।
(आ) रंग: मानचित्र में विभिन्न प्राकृतिक भाग व स्थिति को दर्शाने के लिये रंग काम में लाये जाते हैं, जैसे पानी के लिये नीला, अतएव रंगो का संयोजन कैसा है, यह देखना होता है।
(इ) संकेत चिन्हः भौगोलिक वस्तु के निर्देश चिन्ह दिये है या नहीं, जैसे मार्ग, नदी, ग्राम, शहर, हवाई अड्डा आदि ।
(ई) प्रक्षेपण (Projection): गोल Earth को समतल भूमि पर प्रस्तुत करने के लिये कई प्रक्षेपण काम में लाये जाते हैं, इसकी सूचना भी मानचित्र पर होनी चाहिए।
| (उ)ग्रिड पद्धति (Grid System): मानचित्र में विशेष स्थान निर्धारण करने के किये अक्षांश And देशान्तर रेखाएं मानचित्र के आवश्यक तत्व है। इन्हें रेखाओं के द्वारा दर्शाया जाता है जिससे सूचना को खोजना आसान रहता है।
(ऊ) मुद्रणः स्थान And विषयों की प्रमुखता के According मुद्रण में छोटे बड़े अक्षरों का उपयोग होना चाहिए | मुद्रण स्पष्ट होना चाहिए ।
(ए)पाश्र्व टिप्पणी (Marginal Information): प्रत्येक मानचित्र में हाशिये में कुछ आवश्यक सूचना दी जानी चाहिएजैसे पैमाने की सूचना, प्रक्षेपण का नाम संकेत चिन्ह आदि ।
(ऐ)अनुक्रमणिका: प्रत्येक मानचित्रावली में, मानचित्र में से सूचना खोजने के लिये Single विस्तृत अनुक्रमणिका का प्रावधान होना चाहिए । जिसमें प्रमुख नामों को वर्णक्रमानुसार व्यवस्थित करना चाहिए, And सूचना के बारे में पूरा निर्देश होना चाहिए, जिसमें मानचित्र की पृष्ठ संख्या,अक्षांश And देशान्तर रेखाएँ And संकेत चिन्ह जिससे ‘ खोजी जानी चाहिए ।

विशिष्ट लक्षण :

 इन सूचनाओं के अतिरिक्त अच्छी मानचित्रावलियों के उच्चारण की जानकारी भी होती है । 4. मानचित्रावली के प्रकार And उदाहरण सामान्य चित्रावलियों को भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर तीन श्रेणियों में विभक्त Wordावली जाता है: –
1. अन्तर्राष्ट्रीय 2. राष्ट्रीय 3. स्थानीय • अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्रावली के कुछ उदाहरण
Times Atlases of The World,London,Times Office, 1985.
इस मानचित्रावली का First प्रकाशन 1955 – 59 के मध्य हुआ और यह पाँच खण्डों में प्रकाशित हुआ था । तत्बाद समय-समय पर इसके संशोधित संस्करण प्रकाशित होते रहते है । इस मानचित्रावली में मानचित्र बनाने का दायित्व जी बालाम्यू नामक प्रसिद्ध संस्था ने लिया है जिसे इस क्षेत्र का विशिष्ट अनुभव है । यह ब्रिटेन की Single ख्याति प्राप्त संस्था है । इस स्रोत के प्रकाशन में राष्ट्रीय भौगोलिक संस्थाओं तथा विषय के विशेषज्ञों ने विषयक सूचना देने में योगदान दिया है । यह जानकारी सूचना स्रोत के आरम्भ में दी गई है । इस आधार पर कह सकते हैं कि सूचना प्रामाणिक है । भौगोलिक दृष्टि से इसका क्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय है । इसका All राष्ट्रों के प्राकृतिक And राजनैतिक दोनों ही श्रेणियों के मानचित्र दिये गये है । प्रत्येक मानचित्र के नीचे निर्माण तिथि दी गई है । प्रकाशन के According भौगोलिक परिवर्तनों की जानकारी भौगोलिक पत्रिकाओं के माध्यम से पाठकों को प्रेषित की जाती है | मानचित्रों की ‘संख्या And गजेटियर आदि सूचना के मध्य संतुलन बनाये रखा गया है ।

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