निर्धारण मापनी क्या है ?

निर्धारण-मापनी मूल्यांकन के क्षेत्र में व्यवहार में आने वाले उपकरणों में सबसे अधिक प्रचलित है। यह अनेक Resellerों में पायी जाती है। गुड तथा स्केट्स के According यह उपकरण मूल्यांकन की जानी वाली वस्तु के विभिन्न अंगों की ओर ध्यान आकर्षित करती है, किन्तु इसमें उतने प्रश्न अथवा खण्ड नहीं होते जितने चेक-लिस्ट अथवा स्कोर-कार्ड में होते हैं। वान डैलेन के According निर्धारण मापनी किसी चर की श्रेणी, उसकी गहनता अथवा महत्व तथा बारम्बारिता को निश्चित करती है। जॉन डब्ल्यू बेस्ट के According निर्धारण मापनी किसी व्यक्ति के गुणों अथवा वस्तु के सीमित पक्षों का गुणात्मक description प्रस्तुत करती है। ए.एस. बार तथा अन्य के According किसी परिस्थिति, वस्तु अथवा व्यक्ति के सम्बन्ध में मत अथवा निर्णय देने की विधि को निर्धारण मापनी कहते हैं। सामान्यत: मत को किसी मूल्य मापक के आधार पर व्यक्त करते हैं। निर्धारण मापनी के उपयोग द्वारा इन निर्णयों का परिमाण निश्चित करते हैं। वास्तव में मापनी विधि Single Sevenत्य पर किसी वस्तु को क्रम देने की उपयुक्त पद्धति है। मापनी विधियों के द्वारा गुणात्मक तथ्यों को परिमाणात्मक क्रम में परिवर्तित करते हैं।

निर्धारण मापनी सम्बन्धी अवधारणाए

निर्धारण मापनी दो मूल अवधारणाओं पर आधारित है: 1. Sevenत्य की स्थिति और 2. उस Sevenत्य की प्रतिनिधित्व
First की जॉच अन्तिम वितरण के अध्ययन से तथा तत्पश्चात की जॉच परीक्षण की वैधता से होती है।

मापनी विधियों का वर्गीकरण

1. सामाजिक अन्तर मापनी 2. प्रत्यय भिन्नता मापनी 3. क्यू विधि 4. आत्म निर्धारण विधि 5. आन्तरिक संगति मापनी 6. गुप्त संCreation मापनी 7. स्थिति मापनी 8. निर्धारण मापनी

सामाजिक अन्तर मापनी- 

सामाजिक अन्तर की धारणा Single Sevenत्य को सूचति करती है। उदाहरणार्थ, व्यक्तिगत तथा सामाजिक सम्बन्धों की विशेषताओं के स्तर And गहनता को प्रदर्शित करने वाली मापनी को ले सकते हैं। जिस समूह का सामाजिक अन्तर मापना होता है, उसे Single Sevenत्य पर रखते हैं। बोगार्डस इसके प्रणेता थे। मोरनों तथा जेनिंग्स ने समूल अथवा व्यक्ति के पारस्परिक आकर्षण And विकर्षण मापन द्वारा सामाजिक अन्तर निकाला था।

प्रत्यय भिन्नता मापनी- 

इसके अन्तर्गत अनेक सप्त इकार्इ, दो ध्रुवीय ग्राफ सम्बन्धी मापनी होती है। वास्तव में इसका प्रयोग किसी प्रत्यय के Means में भिन्नता को मापने हेतु Reseller जाता है, किन्तु अन्य क्षेत्रों में भी इसका प्रयोग हो सकता है, उदाहरणार्थ, अभिवृत्तियों And मूल्यों आदि के निर्धारण में। इसके सैद्धान्तिक आधार, गुण तथा प्रयोग के लिए आसगुड का अध्ययन करना होगा।

क्यू विधि- 

इस विधि की खोज स्टीफेंसन ने 1953 र्इ. में की थी। क्यू से तात्पर्य प्राप्तांकों के सहसम्बन्ध से नहीं है अपितु आन्तरिक And पारस्परिक सहसम्बन्ध से है। इस विधि में विभिन्न स्त्रोतों से 50 से 100 तक कथन संगृहीत किये जाते हैं तथा उन्हें अलग-अलग कार्डो पर छाप देते हैं। विषयी उन कार्डो को 7,9,11 के क्रम में Single Sevenत्य पर छाँटता है जिसके Single सिरे पर पूर्णत: व्यवहार्य And Second सिरे पर पूर्णत: अव्यवहार्य होता है। प्रत्येक ढेर में कार्डो की संख्या ही उस Sevenत्य पर अंकों को सूचित करती है।

आत्म निर्धारण विधि- 

यह Single अशाब्दिक निर्धारण मापनी है जिसका निर्माण किलपेट्रिक ने 1960 र्इ. में Reseller। इसके अन्तर्गत विषयी से प्रश्न Reseller जाता है कि उसके लिए कौन सी जीवन शैली सर्वोत्तम होगी तथा कौन सी सबसे अनुपयुक्त होगी। Wordश: उत्तर लिख लिया जाता है। तत्बाद उसके समक्ष Single चित्र Reseller मापनी प्रस्तुत की जाती है जिसमें Single सीढ़ी के दोनों किनारे होते हैं- Single उपयुक्त का और दूसरो अनुपयुक्त का प्रतीक होता है। विषयी से यह प्रदर्शित करने के लिए कहा जाता है कि वह इस समय किस खण्ड में अपने को स्थित समझता है।

आन्तरिक संगति मापनी-

यह थस्र्टन की एटीट्यूड स्केलिंग में सुधार का परिणाम है। इसके अन्तर्गत संगत प्रश्नों को उसी मूल्य के अन्य प्रश्नों के साथ रखते हैं।

गुप्त संCreation विश्लेषण- 

यह गुणात्मक आँकड़ों के तत्व विश्लेषण की Single प्रमुख विधि है। यह मापन उपयोगी है किन्तु जटिल है।

स्थिति मापनी- 

निर्णायकों के ऊपर होने के कारण यह भी निर्धारण मापनी के ही समान है। Single निरपेक्ष मापनी पर निर्णय किये जाते है। उत्तेजना की सम्पूर्ण श्रृंखला में तुलना करनी होती है। इसे या तो युग्मित तुलना विधि द्वारा अथवा समान अन्तर प्रदर्शिका द्वारा करते है।

निर्धारण मापनी- 

ये बड़ी प्रचलित है। निर्धारण मापनी के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त करते हुए गुड ने 1959 र्इ. में लिखा है कि यह Single व्यवस्थिति पद्धति के According किसी व्यक्ति अथवा वस्तु में निहित विशेषताओं की सीमा का आकलन है जिसे गुणात्मक अथवा परिमाणात्मक विधि द्वारा प्रदर्शित करते है।

    निर्धारण मापनी के प्रकार

    निर्धारण मापनी का वर्गीकरण अनेक प्रकार से Reseller जाता है। यहाँ पर गिलफोर्ड का वर्गीकरण जो अधिकांश व्यक्तियों द्वारा स्वीकृत है दिया जा रहा है- 1. सांख्यिक मापनी 2. ग्राफ मापनी 3. स्तर मापनी 4. स्ंचित बिन्दु मापनी 5. बध्य विकल्प मापनी

    उपर्युक्त All में दो प्रकार की समानता है:

    1. Sevenत्य पर निरीक्षण सम्बन्धी निर्णय All में होता है, तथा 
    2. All में अन्तिम परिणाम अंकों में प्राप्त होते हैं।

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